चारधाम यात्राः यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों का होगा दुर्घटना बीमा

देहरादून: चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थयात्रियों का दुर्घटना बीमा कराया जाएगा। मानव उत्थान सेवा समिति की ओर से 10 करोड़ राशि का बीमा किया जाएगा। यदि किसी यात्री की दुर्घटना में मृत्यु होती है तो बीमा कवर के तहत परिजनों को आर्थिक मदद मिल सकेगी।

बुधवार को सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी। उन्होंने सभी विभागों को चारधाम यात्रा की व्यवस्था और श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए समय पर बेहतर इंतजाम करने के निर्देश दिए।

यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को जो लोग गुमराह करते हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। केदारनाथ व यमुनोत्री धाम में खच्चरों के खानपान और विश्राम की समुचित व्यवस्था की जाएगी। साथ ही यात्रा मार्गों पर गरम पानी की व्यवस्था की जाए।

उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा प्रदेश की प्रतिष्ठा का विषय है। इसलिए इस मामले में किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं होनी चाहिए। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यात्रा सीजन में चारधाम व यात्रा मार्गों पर एसडीआरएफ, पुलिस बल, जल पुलिस, गोताखोर और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती के व्यापक प्रबंध होने चाहिए। वाहनों की नियमित चेकिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

जिन स्थानों पर मार्ग अवरुद्ध होते हैं, ऐसे स्थानों का चिन्हीकरण कर जेसीबी व अन्य मशीनों आदि की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा मार्ग पर चेक पोस्ट स्थापित कर वाहनों की नियमित चेकिंग के साथ चालकों एवं ट्रैवल एजेंसी को यात्रा से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।

महाराज ने कहा कि यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं के स्वागत व अभिनंदन की संस्कृति को बढ़ाते हुए उनका अभिवादन जय गंगोत्री, जय यमुनोत्री, जय बदरी विशाल और जय केदार उद्बोधन से होना चाहिए। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश देते हुए कहा कि यात्रा मार्गों पर स्थित निजी होटल, ढाबों में भोजन एवं आवासीय सुविधा की निर्धारित रेट लिस्ट लगी होनी चाहिए।

उन्होंने धामों में फुटमसाज की उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में पर्यटन सचिव सचिन कुर्वे, गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार, सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, वी. मुरुगेशन, सी.रविशंकर, अपर सचिव आनंद स्वरूप समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

महाराज ने कहा कि यमुनोत्री धाम में यदि किसी श्रद्धालु की तबीयत बिगड़ जाती है तो एयर एंबुलेंस की सुविधा के लिए हेलीपैड की सुविधा होनी चाहिए। यमुनोत्री धाम में वन विभाग के गेस्ट हाउस को तोड़कर वहां हेलीपैड बनाया जा सकता है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि केदारनाथ और यमुनोत्री धाम में एक-एक कार्डियोलॉजिस्ट तैनात किया जाए। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने अवगत कराया कि एमबीबीएस डॉक्टरों को एम्स ऋषिकेश से कार्डियक प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महाराज ने कहा कि प्रदेश में कार्डियोलॉजिस्ट न होने से केंद्र सरकार से भी विशेषज्ञ उपलब्ध कराने का आग्रह किया जाएगा।

महाराज ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि 15 अप्रैल तक बारिश से क्षतिग्रस्त सड़कों की ठीक करें। इसके लिए अतिरिक्त मशीनें व श्रमिकों को काम पर लगाने के निर्देश दिए।बैठक में शहरी विकास, पशुपालन, पेयजल, आपदा विभाग से कोई अधिकारी मौजूद नहीं थे। इस पर महाराज ने नाराजगी जताते हुए सचिव पर्यटन को अनुपस्थिति अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए।

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