चारधाम यात्राः उत्तराखंड की ‘समौंण’, पारंपरिक पकवान भी !

देहरादून:  गढ़वाल मंडल विकास निगम (जीएमवीएन) चारधाम यात्रा मार्गों और ट्रैकिंग रूट पर स्थित अपने सभी 78 गेस्ट हाउस में स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से आउटलेट (बिक्री केंद्र) खोलने जा रहा है।इनमें स्थानीय हस्तशिल्प, कृषि आदि से संबंधित उत्पादों के साथ ही पारंपरिक पकवान उपलब्ध होंगे। चयनित समूहों को जगह व सुविधाएं निश्शुल्क उपलब्ध कराई जाएंगे। स्थानीय उत्पादों की बिक्री से समूहों को प्लेटफार्म मिलने के साथ ही उनकी आय में वृद्धि होगी।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को यह संदेश दिया है कि वे जहां भी जाएं वहां यात्रा व्यय का पांच प्रतिशत स्थानीय उत्पादों की खरीद में व्यय करें। उन्होंने यह अपील उत्तराखंड के सीमावर्ती गांव माणा से की थी। इसी के दृष्टिगत वोकल फार लोकल की अवधारणा को धरातल पर उतारने और स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने की दिशा में सरकार ने कदम बढ़ाए हैं।

बात जब चारधाम यात्रा की हो तो स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने को यह उचित अवसर भी है। इसे देखते हुए जीएमवीएन ने चारधाम यात्रा मार्गों के 67 और ट्रैकिंग रूट के 11 गेस्ट हाउस में स्थानीय उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की ठानी है। निगम इन दिनों इसकी तैयारियों में जुटा है।

जीएमवीएन इस बात से भी उत्साहित है कि इस बार 22 अप्रैल से प्रारंभ होने वाली चारधाम यात्रा को लेकर यात्रियों में भारी उत्साह नजर आ रहा है। यात्रा के लिए हो रहे पंजीकरण और चारधाम यात्रा मार्गों पर स्थित जीएमवीएन के गेस्ट हाउस के लिए हो रही बुकिंग ने निगम को बड़ा हौसला दिया है।

अभी तक निगम के गेस्ट हाउस के लिए नौ करोड़ रुपये के आसपास की बुकिंग हो चुकी है। इस परिदृश्य से साफ है कि बड़ी संख्या में यात्री और पर्यटन इन गेस्ट हाउस में ठहरेंगे। वे यहां के स्थानीय उत्पादों के बारे में जाने और इन्हें समौंण के रूप में खरीदकर ले जाएं, इसी के दृष्टिगत आउटलेट खोले जा रहे हैं।

प्रथम चरण में चारधाम यात्रा व ट्रैकिंग रूट के गेस्ट हाउस में आउटलेट खोले जा रहे हैं, जिनमें स्थानीय उत्पादों की बिक्री होगी। अगले चरण में निगम के अन्य गेस्ट हाउस में भी स्थानीय महिला स्वयं सहायता समूहों के आउटलेट खोले जाएंगे। इससे समूहों को बिक्री के लिए स्थान उपलब्ध होगा तो तीर्थयात्रियों व पर्यटकों को आसानी से स्थानीय उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे। इससे यहां के उत्पादों की ब्रांडिंग देशभर में हो सकेगी।

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