अरुणाचल प्रदेश में चीन का दुस्साहस

नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख के साथ-साथ चीन अब बॉर्डर पर टकराव के नए मोर्चे खोलता दिख रहा है। उत्तराखंड के बाराहोती के बाद अब अरुणाचल प्रदेश में चीन के करीब 200 सैनिक तिब्बत की तरफ से भारत की जमीन में घुस आए। सूत्रों ने बताया है कि पिछले हफ्ते चीनी सैनिक LAC क्रॉस कर भारत की तरफ आ गए थे। अरुणाचल सेक्टर में एलएसी पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई। यह झड़प कुछ घंटे तक चली।

सेना के सूत्रों ने बताया है कि कुछ घंटे तक फिजिकल इंगेजमेंट के बाद तय प्रोटोकॉल के हिसाब से मसले को सुलझा लिया गया। भारत की तरफ किसी तरह का कोई नुकसान नहीं हुआ है, किसी को हिरासत में नहीं लिया गया। जबकि कुछ रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि 200 चीन के सैनिक भारत में घुस आए थे और कुछ देर के लिए चीन के सैनिकों को भारतीय फौज ने हिरासत में लिया था।

कुछ मीडिया रिपोर्टों में दावा किया जा रहा है कि चीनी सैनिकों ने खाली बंकरों को नुकसान पहुंचाने की भी कोशिश की। तवांग में भारतीय सैनिकों ने चीन के जवानों को हिरासत में ले लिया। हालांकि यह कुछ देर के लिए अस्थायी ही था। सेना के सूत्रों ने इसका खंडन किया है।

सेना के सूत्रों ने बताया कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर दोनों देशों के अपने परसेप्शन हैं। कभी-कभी दोनों देशों की पट्रोलिंग टीम का आमना सामना हो जाता है, तब फेसऑफ की सिचुएशन बनती है। इसे तय प्रोटोकॉल के हिसाब से निपटाया जाता है।

30 अगस्त को चीन की फौज के 100 से ज्यादा सैनिक बॉर्डर पार कर भारत में घुस आए थे और कई इन्फ्रास्ट्रक्चर को तहस-नहस कर दिया। हालात के बारे में जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने बताया था कि वहां से पीछे लौटने से पहले चीनी सैनिकों ने एक पुल को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।

इस घटना में दोनों सेनाओं के बीच आमने-सामने की स्थिति पैदा नहीं हुई क्योंकि जब तक भारतीय सैनिकों से उनका सामना होता PLA सैनिक लौट चुके थे। तब पता चला था कि तुन जुन ला पास पार कर 55 घोड़े और 100 से ज्यादा सैनिक भारतीय क्षेत्र में 5 किमी से ज्यादा अंदर आ गए थे।

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