मर्यादा तार-तार, प्रतियां फाड़ी, सभी कांग्रेसी विधायक निलंबित

गैरसैंण: गैरसैंण के निकट भराड़ीसैंण में सर्द हुए मौसम के बीच राजनीतिक पारा ऐसे उफान चढ़ा कि विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में मर्यादा तार-तार हो गईं। विशेषाधिकार हनन के मामले को लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के विधायकों ने कार्यसूची समेत विधेयकों की प्रतियां फाड़ीं और पीठ की तरफ पुस्तक उछाली।

प्रभारी सचिव विधानसभा की टेबल को पलटने का प्रयास किया गया और माइक भी तोड़ा गया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने अभूतपूर्व निर्णय लेते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य समेत सदन में मौजूद कांग्रेस के सभी 15 सदस्यों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया। फिर भी कांग्रेस विधायक सदन से बाहर जाने को राजी नहीं हुए।

विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कुल सात बार स्थगित करनी पड़ी। विपक्ष के हंगामे के बीच ही राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पारित होने के साथ ही छह विधेयक भी सदन के पटल पर रखे गए। मंगलवार को विधानसभा में सदन की कार्यवाही के दौरान विशेषाधिकार हनन के विषय पर कांग्रेसी विधायकों ने हंगामा शुरू किया।

पीठ ने कांग्रेस विधायक आदेश चौहान और सुमित हृदयेश के विशेषाधिकार हनन से संबंधित प्रकरणों पर विनिश्चय दिया। विधायक आदेश चौहान के प्रकरण पर पीठ ने कहा कि विधायक ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ऊधमसिंह नगर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला उठाया है।

सरकार द्वारा इसकी जांच करने के बाद उन्हें रिपोर्ट सौंपी गई है। उनके द्वारा रिपोर्ट का अध्ययन करने के बाद इसमें कोई प्रतिकूल तथ्य नहीं पाए गए हैं। साथ ही यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में यह मामला विशेषाधिकार हनन का नहीं बनता।

पीठ ने कहा कि जहां तक गनर को बदले जाने की बात है तो वह विधायक के पास छह साल से कार्यरत है। यहां तक कि विधायक के घर में हुए घटनाक्रम में गनर की भूमिका संदिग्ध है। ऐसे में उन्हें हटाना प्राकृतिक न्याय है। विधानसभा अध्यक्ष की इस बात पर विपक्ष कांग्रेस विधायक नाराज हो गए और इसे विधायकों के अधिकार का हनन कहने लगे। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि पीठ का विनिश्चय आ चुका है। इससे नाराज कांग्रेस विधायक पीठ के समक्ष आ गए और शेम-शेम के नारे लगाने लगे।

कांग्रेसी विधायकों का हंगामा जारी रहा। वे प्रभारी सचिव विधानसभा की टेबल को पलटने के प्रयास करने लगे। सफल न होेने पर विधायक रवि बहादुर, आदेश चौहान व फुरकान अहमद टेबल पर चढ़ गए और विधेयकों की प्रतियां फाड़ते हुए नारेबाजी करने लगे।

विपक्ष के इस कदम पर सख्त निर्णय लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने पहले हंगामा कर रहे विधायकों को सदन से बाहर करने के निर्देश दिए। इस पर भी जब कांग्रेस विधायकों के तेवर बरकरार रहे तो विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष समेत सभी विधायकों को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया।

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