कोरोना ने बढ़ाई चिंता

देहरादून: केंद्र सरकार के निर्देशों के क्रम में कोरोना की रोकथाम को लेकर प्रदेशभर की स्वास्थ्य इकाईयों में आज मॉक ड्रिल की जाएगी। मॉक ड्रिल का मकसद वक्त पर खामियों को दुरुस्त कर तैयारियों को अधिक पुख्ता करना है।

सचिव स्वास्थ्य डा आर राजेश कुमार ने बताया कि देश-प्रदेश में कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। यद्यपि इनमें अस्पताल में भर्ती होने और मौत के मामले बेहद कम हैं। सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को कोविड-19, सीजनल इन्फ्लूएंजा व अन्य श्वसन संबंधी रोगों से बचाव व नियंत्रण को आïवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए हैैं।

चिकित्सालय स्तर पर इन्फ्लूएंजा के मामलों की सघन निगरानी के निर्देश दिए गए हैैं। कहा गया है कि संदिग्ध रोगियों के पर्याप्त सैैंपल इन्फ्लूएंजा व कोविड-19 जांच के लिए भेजे जाएं। वहीं, सभी रोगियों का विवरण अनिवार्य रूप से आइडीएसपी के अंतर्गत इंटिग्रेटेड हेल्थ इन्फोर्मेशन प्लेटफार्म पर डालने को भी कहा गया है।

इसके अलावा जांच बढ़ाने, अधिकांश सैैंपल की आरटी-पीसीआर जांच, क्लस्टर केस मिलने पर त्वारित जांच व निरोधात्मक कार्वाई और चिकित्सा इकाईयों में पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन सिलेंडर, आक्सीजन कंसंट्रेटर, आक्सीजन बेड, वेंटिलेटर, आइसीयू बेड व आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए गए हैैं।

वहीं, चिकित्सा इकाईयों में स्थापित आक्सीजन जनरेशन प्लांट की क्रियाशीलता सुनिश्चित करने व कर्मियों के कोविड-प्रबंधन का निरंतर प्रशिक्षण को भी कहा है। उन्होंने बताया कि राज्य के राजकीय चिकित्सालयों में कुल 7703 आक्सीजन बेड, 852 आइसीयू बेड एवं 1165 वेंटिलेटर उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि कोरोना-19 की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों को सख्ती से लागू किया जाएगा।

रविवार को प्रदेश में कोरोना के 30 नए मामले आए हैैं। इनमें सबसे ज्यादा 21 मामले देहरादून जिले से हैैं। हरिद्वार में चार, नैनीताल में तीन व ऊधमसिंहनगर में दो लोग संक्रमित मिले हैैं। राज्य में इस साल कोरोना के 521 मामले आए हैैं। वर्तमान में 81 सक्रिय मामले हैैं। वहीं, छह मरीजों की इस साल मौत भी हुई है।

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