देहरादून। कोराना का खतरा सभी उम्र के व्यक्तियों में समान रूप से बढ़ रहा है। युवाओं की अपेक्षा 50 व इससे अधिक उम्र के व्यक्ति कम ही बाहर निकलते हैं, मगर इसके बाद भी जनसंख्या के हिसाब से उनकी संक्रमण दर कम उम्र के व्यक्तियों के ही समान है। हालांकि, आंकड़ों के हिसाब से संक्रमण दर 36.64 फीसद है और 50 वर्ष से कम उम्र के व्यक्तियों में यह दर 63.36 है। यह अंतर इसलिए है, क्योंकि युवाओं की संख्या अधिक है और इसी अनुपात में उनकी सैंपलिंग की संख्या भी अधिक है।
युवाओं की अपेक्षा अधिक उम्र के व्यक्तियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में उनकी संक्रमण दर अनुपातिक रूप से युवाओं के ही करीब होना चिंता की बात है। बड़ा सवाल ये है कि जब बड़ी उम्र के व्यक्ति घर से बाहर कम निकलते हैं तो उनकी संक्रमण दर क्यों अधिक है। इसकी वजह विशेषज्ञ यह मान रहे हैं कि जो व्यक्ति अधिक बाहर घूम रहे हैं, वह घर में बैठे व्यक्तियों को भी जाने-अनजाने संक्रमण दे रहे हैं।
हो यह भी रहा है कि घर के युवा सदस्य में लक्षण या तो नहीं दिख रहे या देर से दिख रहे हैं, जबकि बुजुर्ग सदस्य जल्द कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। इससे बचाव का यही तरीका है कि घर का प्रत्येक सदस्य अपनी जिम्मेदारी समझे। घर से बहुत जरूरी होने पर ही बाहर निकला जाए और कोरोना संक्रमण की रोकथाम के सभी नियमों का पालन किया जाए।
50 व इससे अधिक उम्र के व्यक्तियों में एक अप्रैल को संक्रमण के कुल 27 हजार 348 मामले सामने आए थे। 30 अप्रैल को संख्या 78.77 फीसद की दर से बढ़कर 48 हजार 956 हो गई है। 50 से कम उम्र के व्यक्तियों में 81.73 फीसद की दर से संक्रमण बढ़ा है। हालांकि, जनसंख्या अनुपात और सैंपलिंग की संख्या के हिसाब से यह बढ़त बड़ी उम्र के व्यक्तियों से कम ही मानी जाएगी।