ऋषिकेश: देश के समस्त एम्स में से अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश पहला ऐसा केंद्र बनने जा रहा है, जहां से एयर एंबुलेंस सेवा शीघ्र संचालित होंगी।
दिल्ली में आल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन के राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घोषणा की कि हम शीघ्र ही ऋषिकेश एम्स से यह सेवा शुरू करने जा रहे हैं। एम्स ऋषिकेश के लिए अगले कुछ हफ्तों में प्रस्ताव आमंत्रित किया जाएगा। ताकि कम समय में कई मरीजों के जीवन को बचाने के लिए हम इस सेवा का लाभ ज्यादा से ज्यादा दिलवा सके।
उन्होंने कहा कि हम सड़क और परिवहन मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ हेलीकाप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं (एचइएमएस) को देखने के लिए काम कर रहे हैं। पिछले महीने नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने दुर्घटना पीड़ितों को समय पर चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के लिए हेलीकाप्टर के उपयोग का प्रस्ताव दिया था।
उल्लेखनीय है कि एम्स ऋषिकेश में करीब दो वर्ष पूर्व हेलीपैड का निर्माण कर दिया गया था। आपात स्थिति में वर्तमान में उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र से गंभीर मरीजों को यहां लाया जा रहा है। इस अवधि में सभी मानक को पूरा करने का काम एम्स प्रशासन ने किया है। इसके लिए मेडिकल स्टाफ व अन्य सभी तैयारी पहले से ही पूरी की जा चुकी है।
हेलीपैड और उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थिति को देखते हुए भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने ऋषिकेश एम्स को उपयुक्त पाया था। भविष्य में एम्स ऋषिकेश ऐसा पहला संस्थान होगा जो एयर एंबुलेंस सेवाओं को संचालित करेगा। एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डा. मीनू सिंह ने नागरिक उड्डयन मंत्री की इस घोषणा का स्वागत किया है।
पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन आफ उत्तराखंड लिमिटेड (पिटकुल) जल्द ऋषिकेश में कार्मिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करेगा। इसके अलावा दून में स्टेट लोड डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन (एसएलडीसी) के लिए भी अलग भवन का निर्माण किया जाएगा। पिटकुल प्रबंधन के इस प्रस्ताव को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने सहमति दे दी है।