नई दिल्ली :चक्रवात मोंथा के कारण आंध्र प्रदेश सहित कई राज्यों में भारी नुकसान हुआ है। आंध्र प्रदेश में दो और लोगों की मौत हो गई, जबकि डेढ़ लाख एकड़ में खड़ी फसल बर्बाद हो गई। चक्रवात का असर तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल सहित कुछ अन्य राज्यों पर भी पड़ा।
मोंथा मंगलवार देर रात आंध्र के तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया। लेकिन उससे पहले भारी बारिश और तेज हवाओं के कारण कई स्थानों पर पेड़ उखड़ गए, मकान ढह गए और सड़कों पर पानी भर गया। बिजली की आपूर्ति और यातायात प्रभावित हुआ। इस बीच मौसम विभाग ने दो दिनों तक आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों और उत्तरी तटीय क्षेत्रों में हल्की से सामान्य बारिश का अनुमान व्यक्त किया है।
चक्रवात मंगलवार मध्य रात्रि को आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम तट से टकराने के बाद कमजोर पड़ गया। मोन्था, जिसका अर्थ खुशबूदार फूल होता है, मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात को पश्चिमी गोदावरी जिले के नरसापुर के पास आंध्र प्रदेश के तट को पार कर गया। राज्य में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीम लगातार पुनर्वास कार्य में जुटी है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने तूफान से प्रभावित जिलों का हवाई सर्वेक्षण किया। उन्होंने कहा कि सतर्कता बरतने के कारण कम नुकसान हुआ। उन्होंने सबसे ज्यादा प्रभावित कोनासीमा जिले के गांवों में राहत शिविरों का भी दौरा किया और वहां प्रत्येक परिवार को 25 किलो चावल, अन्य जरूरी वस्तुएं और 3,000 रुपये नकद दिए। उन्होंने कहा कि यह राज्य के लिए बहुत बड़ी आपदा है, लेकिन एहतियात बरतने के कारण हम नुकसान कम करने में सफल रहे। सरकार ने 1.8 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा।
चक्रवात के असर से आंध्र प्रदेश से सटे तेलंगाना में बुधवार को भारी बारिश हुई। बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित जिले वारंगल, जनगांव, हनुमाकोंडा, महबूबाबाद, करीमनगर, सिद्दीपेट, यदाद्री भुवनगिरी, सूर्यापेट, नलगोंडा, खम्मम, भद्रादि कोठागुडेम, नगरकुरनूल, पेद्दापल्ली और हैदराबाद रहे।
मौसम विभाग ने वारंगल, हनुमाकोंडा, महबूबाबाद, जनगांव, सिद्दीपेट और यदाद्री भुवनगिरी जिलों के लिए बुधवार को रेड अलर्ट जारी किया है। उसने बताया कि इन जिलों में गरज के साथ बौछार पड़ सकती है और कुछ जिलों में 40 50 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से हवा चलेगी।
नलगोंडा जिले में एक आवासीय स्कूल में 500 बच्चे और 26 शिक्षक और कर्मचारी फंस गए। बाद में उन्हें निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। वहीं महबूबाबाद जिले में यार्ड में पानी भरने के कारण कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, जबकि कुछ ट्रेनों को आंशिक तौर पर रद्द कर दिया गया और दूसरे रास्ते से निकाला गया।
चक्रवात मोंथा के कमजोर पड़ने के बाद शुक्रवार तक पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी बारिश का अनुमान है। मौसम विभाग ने मुताबिक मौसम प्रणाली उत्तर-उत्तर पश्चिम की दिशा में बढ़ रही है और इसलिए दक्षिण बंगाल में हल्के से सामान्य बारिश होने के आसार हैं। वहीं, दक्षिण 24 परगना, पूरबा और पश्चिम मेदनीपुर, झारग्राम, बीरभूम, मुर्शिदाबाद, पूरबा बर्धमान और पुरुलिया जिलों में शुक्रवार तक भारी बारिश का अनुमान जताया गया है। ब्यूरो
ओडिशा में 25 जगहों पर भारी बारिश हुई। चक्रवात के असर से बचाने के लिए 2,000 से ज्यादा गर्भवती महिलाओं को प्रसूती गृहों में भर्ती कराया गया। चक्रवात बुधवार सुबह ओडिशा के गंजम जिले पहुंचा और यहां समुद्र में ऊंची-ऊंची लहरें उठीं। हवा की रफ्तार 80-100 किमी प्रति घंटे पहुंच गई है।
मौसम विभाग की निदेशक मनोरमा मोहंती ने कहा कि गजपति जिले में सबसे ज्यादा बारिश हुई। यहां 150.5 मिलिमीटर बारिश दर्ज की गई। बृहस्पतिवार को भी कुछ स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान है।

