नई दिल्लीः दुनिया भर में तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) को लेकर आशंकाएं तेज हो गई हैं. कई देशों ने बंकर बनाने और हथियारों का जखीरा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है. सवाल ये है कि क्या सच में 2026 में थर्ड वर्ल्ड वॉर छिड़ सकता है.
फ्रांस, ब्रिटेन, जर्मनी और पोलैंड जैसे देशों ने रूस के खिलाफ संभावित जंग को देखते हुए रक्षा मोर्चे पर बड़ी तेजी से कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. सड़क से लेकर सेना तक हर जगह हलचल दिख रही है.फ्रांस के अस्पतालों को कहा गया है कि वे युद्ध की स्थिति में एक साथ सैकड़ों घायलों के इलाज के लिए तैयार रहें. यह कदम दर्शाता है कि अब तैयारी केवल रक्षा तक सीमित नहीं रही.
नाटो की शर्तों के अनुसार अगर किसी एक सदस्य देश पर हमला होता है तो बाकी सभी को युद्ध में शामिल होना पड़ता है. इसका मतलब है कि रूस के खिलाफ 30 से ज्यादा देश एकजुट हो सकते हैं.यूरोप के कई देशों में तेजी से सैनिकों की भर्ती की जा रही है। पोलैंड और बाल्टिक देशों ने तो महिलाओं तक को सेना में शामिल करना शुरू कर दिया है, जिससे स्थिति की गंभीरता समझी जा सकती है.
नाटो प्रमुख मार्क रूटे पहले ही कह चुके हैं कि रूस और चीन तीसरे विश्व युद्ध को भड़का सकते हैं. उनका दावा है कि रूस नाटो देशों पर हमला करेगा और चीन ताइवान पर कब्जा करेगा.इन देशों ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे कम से कम एक महीने का खाना, पानी और जरूरी सामान अपने पास रखें. यह स्पष्ट संकेत है कि हालात किस हद तक गंभीर होते जा रहे हैं.
पूर्वी यूरोप और नार्डिक देशों में बड़े पैमाने पर बंकर बनाए जा रहे हैं. यह तैयारी इस ओर इशारा करती है कि सरकारें संभावित परमाणु हमले तक को ध्यान में रखकर कदम उठा रही हैं.ब्रिटिश मीडिया का कहना है कि अब तीसरे विश्व युद्ध को कल्पना नहीं कहा जा सकता. यूरोप के शहरों और सड़कों पर हो रही तैयारियां और सैन्य गतिविधियां इसका जीता-जागता सबूत बन चुकी हैं.