कब्रों से मुर्दे निकाल दफनाए जा रहे कोरोना मृतक

ब्राजील : दक्षिण अमेरिकी देश ब्राजील में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन तबाही मचाए हुए है। यहां के सबसे बड़े शहर साओ पाउलो में कोरोना के कारण इतने लोगों की मौतें हो चुकी हैं, जिन्हें दफनाने के लिए अब कब्रिस्तान में भी जगह नहीं बची है। यही कारण है कि इस शहर में अब पुरानी कब्रों को खोंदकर कंकाल निकाले जा रहे हैं और नए शवों को दफनाने के लिए जगह बनाई जा रही है। पिछले एक हफ्ते में ब्राजील में करीब 60 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले कुछ हफ्तों से ब्राजील पूरी दुनिया में प्रतिदिन कोरोना वायरस से हो रही मौत के मामले में शीर्ष पर काबिज है। महामारी ने ब्राजील की हेल्थ सर्विस को लगभग ध्वस्त कर दिया है।

अस्पतालों में आईसीयू बेड और ऑक्सीजन की भारी कमी है। हाल के दिनों में अधिकतर राज्यों ने लोगों की गतिविधियों को प्रतिबंधित किया है। इसके बावजूद कोरोना वायरस का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। 1 अप्रैल को ब्राजील में कोरोना के 91097 केस सामने आए। वहीं, अगर 19 मार्च से 1 अप्रैल तक का डेटा देखा जाए तो यह संख्या 10 लाख को भी पार कर रही है।

साओ पाउलो के उत्तरी इलाके में स्थित विला नोवा कैकोइरिन्हा कब्रिस्तान में सालों से दबे लोगों की कब्रों को खोंदकर अवशेषों को बाहर निकाला जा रहा है। यहां काम करने वाले लोगों को इंसानी अवशेषों के संपर्क में आने से बचाने के लिए पीपीई किट दिए गए हैं। साओ पाउलो म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन ने बताया कि तीन साल पुराने कब्रों को खोदकर उनमें मिलने वाले अवशेषों को एक बड़े कंटेनर में इकठ्ठा किया जा रहा है। इन कंटेनरों को फिलहाल अस्थायी रूप से रखा जाएगा। 15 दिनों के अंदर इन अवशेषों को दूसरे कब्रिस्तानों में दफन कर दिया जाएगा।

यहां दफन कई मृतकों के परिवारवालों ने स्थानीय सरकार के इस फैसले का विरोध भी किया है। लेकिन, प्रशासन जबरदस्ती जगह को खाली करने की कार्रवाई पर अड़ा हुआ है। वहीं, कई लोग ऐसे भी हैं जो अपने प्रिय की कब्र की खुदाई देखने और उनके अवशेषों को लेने के लिए कब्रिस्तान भी पहुंच रहे हैं। लोग कब्रों की खुदाई के दौरान फूल भी चढ़ा रहे हैं।

ब्राज़ील के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि गुरुवार को देश में कोरोना वायरस से 3,769 लोगों की मौत हुई है। इसी के साथ देश में कोरोना वायरस से मरने वाले लोगों की कुल संख्या 328,366 तक पहुंच गई है। इसमें अकेले साओ पाउलो में 75,734 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि, संक्रमण के कुल मामले 25 लाख के ऊपर हैं।

इस बीच पड़ोसी देश बोलिविया ने ब्राजील में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन की भयावहता को देखते हुए अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है। इससे हजारों लोग दोनों देशों में फंस गए हैं। बता दें कि स्थल मार्ग से जुडे़ होने के कारण हर दिन लाखों की संख्या में लोग एक देश से दूसरे देश की यात्रा करते हैं। लेकिन, अब पाबंदी लगने के बाद लोगों का आवागमन प्रभावित हुआ है। चिली ने भी गुरुवार को सभी विदेशियों के लिए अपनी सीमाओं को बंद कर दिया है।

इस देश ने संक्रमण के कुल मामले 10 लाख के ऊपर जाने के बाद लॉकडाउन का भी ऐलान किया हुआ है। चिली के नेशनल मेडिकल एसोसिएशन के सचिव जोस मिगुएल बर्नुसी ने कहा कि ब्राजील में जो हो रहा है वह एक वैश्विक खतरा है। सीमाओं को बंद करने से हमें उन वेरिएंट्स को लेकर कोई मदद नहीं मिलेगी जो हमारे यहां पहले से ही मौजूद हैं, लेकिन हम नए वैरियंट्स को आने से रोक सकते हैं।

ब्राजील के राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारो ने महामारी की गंभीरता को तवज्जो न देते हुए कहा है कि अर्थव्यवस्था को चालू रखना चाहिए ताकि उसकी हालत खराब न हो। उन्होंने स्थानीय नेताओं द्वारा उठाए गए स्वास्थ्य संबंधी कदमों की आलोचना भी की। शुक्रवार को, उन्होंने दो राज्यों और ब्राजील के संघीय जिले द्वारा लागू किए गए कर्फ्यू को अमान्य करने के लिए उच्चतम न्यायालय में अपील की। हालांकि शीर्ष अदालत ने पहले फैसला सुनाया था कि गवर्नर और मेयर को इस तरह के प्रतिबंध लगाने का अधिकार है।

जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की तालिका के अनुसार, ब्राजील में कुल मृतकों की संख्या 3,00,000 के करीब पहुंच गई है, जो कोविड-19 से मौत होने के संबंध में अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर है। मौत और संक्रमण के मामले में अमेरिका अभी भी शीर्ष पर बना हुआ है। जबकि, भारत का स्थान दुनिया में तीसरा है। वैक्सीनेशन के बाद भी संक्रमण की बढ़ती रफ्तार ने दुनिया की चिंता को बढ़ाया है।

ब्राजील से सटे कई देशों ने कोरोना वायरस के नए नए स्ट्रेनों के मिलने और संक्रमण की रफ्तार बढ़ने पर चिंता जताई है। उनहा कहना है कि नए वेरिएंट के लिए ब्राज़ील एक प्रजनन स्थल बना हुआ है। एक दिन पहले, ब्राजील के बायोमेडिकल संस्थान बुटान्टन ने कहा कि उन्होंने कोरोना वायरस के एक नए स्ट्रेन का पता लगाया है।

यह स्ट्रेन जो दक्षिण अफ्रीका में पहली बार देखे गए कोरोना के वेरियंट के समान दिख रहा है। इस संस्थान ने यह भी दावा किया है कि यह वैरियंट कोरोना वायरस की वैक्सीन के प्रति अधिक प्रतिरोधी प्रतीत हो रहा है। अगर यह सही साबित होता है तो इस वायरस पर वैक्सीन का भी कोई असर नहीं होगा।

ब्राजील में मिले पुराने वेरियंट की तरह दक्षिण अफ्रीकी संस्करण भी अधिक संक्रामक है। ब्राजील में वैक्सीनेशन अभियान भी काफी धीमी गति से चल रहा है। अभी तक केवल 7 फीसदी लोगों को ही वैक्सीन की डोज दी जा सकी है। इसे लेकर भी राष्ट्रपति जेयर बोलसोनारों की खूब आलोचना की जा रही है।

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