नई दिल्ली: भारत सरकार ने जानकारी दी है कि जनवरी से अब तक अमेरिका से कुल 2,417 भारतीय नागरिकों को प्रत्यर्पित किया गया है। विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों को कानूनी प्रवासन के विकल्प अपनाने और दक्षिण पूर्व एशिया में मिलने वाले संदिग्ध रोजगार अवसरों से दूर रहने की चेतावनी भी जारी की है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को प्रेस कॉंफ्रेंस के दौरान बताया कि जनवरी से अब तक अमेरिका से कुल 2,417 भारतीय नागरिकों को निर्वासित किया है। उन्होंने अवैध प्रवासन के खिलाफ भारत की स्पष्ट नीति को दोहराते हुए कहा कि भारत कानूनी तरीके से प्रवासन को बढ़ावा देने का पक्षधर है।
जायसवाल ने कहा कि जब किसी देश में कोई व्यक्ति कानूनी स्थिति के बिना पाया जाता है और उसकी भारतीय नागरिकता का दावा किया जाता है, तो भारत उसके दस्तावेजों की जांच कर राष्ट्रीयता की पुष्टि करने के बाद ही उसे वापस लेता है। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया अमेरिका से हुए निर्वासनों में लगातार जारी है।
उन्होंने यह भी कहा कि वीजा धोखाधड़ी और अन्य मामलों में भारत अवैध प्रवासन को रोकने के प्रयासों को सशक्त बनाने के लिए काम कर रहा है। इसके तहत राज्य सरकारों के साथ मिलकर अवैध प्रवासन को बढ़ावा देने वालों पर कार्रवाई की जा रही है।विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में भारतीय नागरिकों को कानूनी प्रवासन के विकल्प अपनाने और दक्षिण पूर्व एशिया में मिलने वाले संदिग्ध रोजगार अवसरों से दूर रहने की चेतावनी भी दी।
भारत ने नाटो महासचिव मार्क रूटे की उस टिप्पणी पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के मुद्दे पर वार्ता करने की बात कही थी। भारत ने इस बयान को ‘तथ्यात्मक रूप से गलत’ और ‘पूरी तरह से निराधार’ करार दिया।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को नई दिल्ली में एक साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कहा, “हमने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच फोन पर हुई बातचीत पर नाटो महासचिव मार्क रूटे का बयान देखा है। यह बयान तथ्यात्मक रूप से गलत और पूरी तरह से निराधार है। प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से किसी भी समय इस तरह बात नहीं की जैसा कि बताया जा रहा है। ऐसी कोई बातचीत नहीं हुई है।