पौड़ी और उत्‍तरकाशी में बादल फटने से तबाही

देहरादून:  उत्‍तराखंड में शुक्रवार की रात बादलों ने कहर बरपाया। यहां उत्‍तरकाशी और पौड़ी जिले में बादल फटने की घटनाएं सामने आईं। उत्‍तरकाशी में रात करीब ढाई और तीन बजे के बीच जनपद पुरोला, बडकोट के नंदगांव और उप तहसील धौंतरी क्षेत्र में बादल फटने व अतिवृष्टि होने की सूचना मिली। जिससे सड़क, रास्ते, पैदल पुलिया, खेत-खलियान और मकान दुकानों को नुकसान पहुंचा है। पुरोला तहसील क्षेत्र में जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने शनिवार को अवकाश घोषित किया।

पौड़ी जिले में थलीसैंण ब्लाक के अंतर्गत ग्राम रौली में बीती रात बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। गांव के दोनों किनारों पर मौजूद बरसाती गदेरे ऊफान पर आने से गांव की करीब दो हेक्टेयर कृषि भूमि के साथ एक गोशाला भी बह गई।गोशाला में दो बैल और 11 बकरियां थी। इसके साथ ही थलीसैंण-पीठसैंण मोटर मार्ग पर स्थित एक पुल की दीवार भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। प्रशासन ने पुल पर आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी है।

रौली गांव में बादल फटने से गांव के तमाम रास्ते और गांव में घरों को एक-दूसरे से जोड़ने वाली आठ पुलिया बह गईं। साथ ही चंदन सिंह की गोशाला के साथ दो बैल और 11 बकरियां भी बरसाती गदेरे की भेंट चढ़ गईं। दर्शन सिंह की गोशाला को भी नुकसान पहुंचा है। साथ ही प्रमोद नेगी के आवासीय भवन के आंगन का पुश्ता भी क्षतिग्रस्त हो गया। बरसाती गदेरों में ठाकुर सिंह और दर्शन सिंह के घराट थे, जो गदेरे के तेज बहाव में बह गए।

तहसीलदार आनंद पाल ने बताया कि गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाली सड़क भी बाढ़ की भेंट चढ़ गई है। बरसाती गदेरों के तेज बहाव से थलीसैंण-पीठसैंण मोटर मार्ग पर ग्राम बगवाड़ी के समीप स्थित पुल के एक ओर का हिस्सा नदी के तेज बहाव में बह गया, जिस कारण पुल पर आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई है। पुल पर आवाजाही बंद होने से करीब 80 गांवों का संपर्क टूट गया है। इनमें करीब 72 गांव के लोग थलीसैंण-जसपुरखाल-उफरैंखाल-जगतपुरी होते हुए पीठसैंण पहुंच रहे हैं।

इसके चलते उन्हें करीब 25 किमी का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ रहा है। जबकि, आठ गांवों के लिए फिलहाल सड़क संपर्क पूरी तरह बंद है। लोक निर्माण विभाग ने इन आठ गांवों के ग्रामीणों के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की है।

तहसीलदार मदनपाल ने बताया कि रौली गांव पहाड़ी के ऊपरी हिस्से में बसा हुआ है। बीती रात गांव के ऊपरी हिस्से में बादल फटने से दोनों बरसाती गदेरों में पानी उफान पर था। तहसीलदार आनंद पाल ने बताया कि गांव का भूगर्भीय सर्वे कराया जाएगा। सर्वे के बाद जरूरत पड़ने पर गांव को अन्यत्र विस्थापित किया जाएगा।

शनिवार को देहरादून में बादल छाए रहे और हवाएं चलने लगीं।चमोली जिले में शुक्रवार रात से बारिश जारी रही। बदरीनाथ हाईवे पीपलकोटी बेनाकुली, ग्वालदम व गैरसैंण में बंद हो गया है।उत्‍तरकाशी में शुक्रवार की रात भारी बारिश से तबाही मच गई। यहां यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे कई जगहों पर बंद हो गया है।

जनपद रुद्रप्रयाग में निरन्तर हो रही बारिश के चलते गौरीकुंड व बदरीनाथ हाईवे अवरुद्ध चल रहे हैं। बदरीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में व गौरीकुंड हाईवे तिलवाड़ा के पास रामपुर, बांसवाड़ा और भीरी के बीच, फाटा में दगड़्या बैरियर के पास बाधित चल रहे हैं।

सिरोबगड़ में ऊपर पहाड़ी से निरंतर मलबा गिर रहा है। जिस कारण यहां पर मार्ग बाधित चल रहा है।बारिश के कारण कोटद्वार-रामडी, जुवा-उमरेला सहित कुछ ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हो गए हैं।हरिद्वार और आसपास क्षेत्रों में झमाझम वर्षा हो रही है। गंगा का जलस्तर चेतावनी स्तर 293 मीटर से 75 सेंटीमीटर नीचे है।

टिहरी में 19 सड़के बंद हैं। कैम्पटी के पास मलबा आने से सड़क बंद है। टिहरी झील का जलस्तर 800 मीटर पर है। बता दें कि टिहरी झील 830 मीटर तक ही भरी जाती है। अभी वर्षा थमी है।मौसम विभाग के अनुसार आज प्रदेश में आंशिक बादल छाये रहने के आसार हैं। देहरादून, उत्तरकाशी व बागेश्वर में कहीं-कहीं तीव्र बौछारें पड़ सकती हैं। जबकि, कुछ क्षेत्राें में धूप खिलने की संभावना है।

शुक्रवार को दून में सुबह से चटख धूप खिली रही। जिससे पारे में उछाल दर्ज किया गया। दिनभर उमस ने बेहाल किया। जबकि, दोपहर में शहर के कई क्षेत्रों में झोंकेदार हवा के साथ तीव्र बौछारें पड़ीं। हालांकि, शाम को आसमान फिर साफ हो गया और धूप खिल गई।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार साइक्लोनिक सर्कुलेशन के हिमालयी क्षेत्र में कमजोर पड़ने के कारण मूसलाधार वर्षा का क्रम थमा है। लेकिन, बौछारों का दौर जारी है।अगले चार दिन प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में आंशिक बादल छाये रह सकते हैं। कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ तीव्र बौछारों के आसार हैं। कुछ जिलों में भारी वर्षा की भी आशंका है। इसे लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है।

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