उदय दिनमान डेस्क। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। दीपावली के पहले मनाया जाने वाला पर्व धरतेरस भगवान धन्वंतरि को समर्पित है। अर्थात यूं कहें कि धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा का विधान है जो स्वास्थ लाभ के लिए अति शुभ फल दाई है।
देवताओं के वैद्य अश्विनी कुमार के अवतार माने जाने वाले धन्वंतरि समुद्र से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। उन्हें आयुर्वेद का परिचायक भी बताया जाता है। धनतेरस पर धन्वंतरि पूजने से निरोगता का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
– आयुर्वेद का पर्याय भगवान धन्वंतरि को धनतेरस का पर्व समर्पित , औषधी चढ़ाने का है विधान
– दवा यदि काम नहीं करे तो धन्वंतरि की करें अराधना
आयुर्वेद से लाभ लेने के लिए धन्वंतरि की जरूर करें पूजा
ज्योतिषाचार्य पंडित सचीन कुमार दूबे कहते हैं कि विधिविधान से धन्वंतरि पूजा करने से स्वास्थ्य लाभ प्राप्त किया जा सकता है। आयुर्वेद से लाभ लेने के लिए उनकी पूजा अवश्य करनी चाहिए। यदि किसी बीमार व्यक्ति पर दवा का कोई असर नहीं हो रहा है तो धन्वंतरि की पूजा से लाभ होता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर भी धन्वंतरि पूजन फलदायी होता है। धन्वंतरि पूजा में औषधियां अर्पित करनी चाहिए। उन्हें तुलसी भी अर्पित की जाती है। भागलपुर में भी इसकी विशेष पूजा अर्चना होती है।