आफत: J&K और हिमाचल में बादल फटा, 13 की मौत और 40 लापता

श्रीनगर: देशभर में भारी बारिश से होने वाली तबाही की तस्वीरें सामने आ रही हैं। हिमाचल, जम्मू-कश्मीर से बुधवार को डराने वाले 3 मंजर सामने आए। यहां बादल फटने से 13 लोगों की मौत हो गई है और 40 लापता हैं। बीते एक हफ्ते की बात करें तो बादल फटने और भारी बारिश के बाद लैंड स्लाइड से हुए हादसों में 122 लोगों की जान गई है।

जम्मू कश्मीर में किश्तवाड़ के होंजर डच्चन गांव में बादल फटने से 4 लोगों की मौत हो गई। अब तक 17 लोगों को रेस्क्यू किया जा चुका है। 30 से 40 लोग अब भी लापता हैं। खराब मौसम की वजह से बचाव के लिए पुलिस और सेना के जवानों को मौके पर पहुंचने के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। घायलों को एयरलिफ्ट करने के लिए एयरफोर्स की भी मदद ली जा रही है।

अमरनाथ गुफा के पास बुधवार शाम को बादल फटा है। इससे भारी तबाही हुई है। BSF, CRPF और जम्मू-कश्मीर पुलिस के कैंपों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि अभी तक किसी की जान जाने की खबर नहीं है। इस साल कोरोना के चलते अमरनाथ यात्रा स्थगित है, इस वजह से गुफा के पास आम लोगों की मौजूदगी नहीं थी।

हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में मंगलवार रात बादल फटने से एक नाले में बाढ़ आ गई। इस घटना में कई लोगों के बह जाने की आशंका है। 9 लोगों की मौत हो गई, जबकि 7 अब भी लापता हैं। ITBP ने तोजिंग नाले से अब तक 6 शव निकाले हैं। चंबा जिले से भी एक शख्स बाढ़ में लापता बताया गया है। कुल्लू की मणिकर्ण घाटी की ब्रह्मगंगा नदी में बाढ़ आने से मां-बेटे के बहने की खबर है। हिमाचल में रेस्क्यू का वीडियो नीचे देखें…

हिमाचल प्रदेश के किन्नौर जिले में रविवार को भूस्खलन के बाद पहाड़ी से चट्‌टानें इतनी तेजी से नीचे गिरीं कि बस्पा नदी का पुल टूट गया था। इस हादसे में 9 टूरिस्ट की मौत हो गई, 3 की हालत गंभीर है। मृतकों में 4 राजस्थान के, 2 छत्तीसगढ़ के और एक-एक महाराष्ट्र और वेस्ट दिल्ली के थे। ये पर्यटक ट्रैवलर गाड़ी से सांगला की ओर जा रहे थे। तभी बटसेरी के गुंसा के पास पुल पर चट्‌टानें गिरने से पुल टूट गया और पर्यटकों की गाड़ी भी चपेट में आ गई।

रायगढ़ में पिछले गुरुवार को भारी बारिश हुई। इसके बाद लैंड स्लाइड में तलीये गांव में 45 घर मलबे में दब गए। इस हादसे में 85 लोगों की जान गई। गांव के करीब 90 लोग मलबे में दब गए थे। इनमें 53 के शव निकाल लिए गए हैं और 32 शव अभी भी दबे हुए हैं। मृतकों में कई बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। मलबा हटाने के लिए NDRF, SDRF और TDRF की टीमें काम कर रही हैं।महाराष्ट्र के ही सतारा में बीते गुरुवार को लैंड स्लाइड हुई थी। अंबेघर गांव में हुए इस हादसे में 15 लोगों की जान गई थी। इस दौरान 27 लोगों को रेस्क्यू किया गया था।

महाराष्ट्र में मौसम विभाग ने फिर एक बार मूसलाधार बारिश की चेतावनी दी है। रायगढ़, रत्नागिरि, कोल्हापुर, सातारा सहित बाढ़ से बेहाल जिलों में फिर से मूसलाधार बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने 30 जुलाई तक ऐसे ही हालात बने रहने की आशंका जताई है। इसके अलावा पुणे, सिंधुदुर्ग और ठाणे के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। आइए जानते हैं बारिश से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों का हाल…

वहीं, दिल्ली में देर से आए मानसून ने कुछ ही दिनों में सबसे ज्यादा बारिश के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। यहां पिछले दो दिन से अच्छी बारिश हो रही है। इस दौरान 381 मिमी बारिश रिकॉर्ड की जा चुकी है, 2003 के बाद से ये जुलाई में सबसे अधिक है। IMD के मुताबिक, मंगलवार सुबह सिर्फ 3 घंटे में दिल्ली में 100 मिमी बारिश दर्ज की गई। यह भी 8 साल में जुलाई में 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश है। 2013 में दिल्ली में 21 जुलाई को 123.4 मिमी बारिश हुई थी।

देश के ज्यादातर राज्यों में मानसूनी बारिश हो रही है। मानसून का तीसरा कम दबाव वाला क्षेत्र बंगाल की खाड़ी में विकसित हो रहा है। इसके असर से शनिवार तक उत्तर भारत में भारी बारिश के आसार हैं। देश में 27 जुलाई तक कुल 408.5 मिमी मानसूनी बारिश रिकॉर्ड की गई, जबकि आमतौर पर 27 जुलाई तक 413.8 मिमी हो जाती है। यानी, अब तक मानसून की सिर्फ 1% बारिश कम हुई है।

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