भारी बारिश से रोड नदी में समाई, देहरादून-मसूरी रूट पर हजारों गाड़ियां फंसीं

देहरादून: उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश से नेशनल हाईवे सहित कई सड़कें बंद हो गई हैं। देहरादून और आसपास के इलाकों में भारी बारिश से मुश्किलों का दौर जारी है। गुरुवार रात को भारी बारिश के बाद मसूरी और सहस्रधारा क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है। बारिश और भूस्खलन से देहरादून जिले में 20 से ज्यादा ग्रामीण सड़कों के बंद होने की सूचना है। कई ग्रामीण इलाकों का शहर से संपर्क कट गया है। देहरादून-मसूरी मुख्य मार्ग गुरुवार रात करीब दस बजे बंद हो गया था और सुबह करीब साढ़े नौ बजे खुला।

मौसम विभाग ने राज्य के पांच जिलों में आज (शुक्रवार) भारी बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विज्ञान केंद्र ने यह चेतावनी शुक्रवार को नैनीताल, चम्पावत, ऊधमसिंहनगर, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिलों के लिए जारी की है। मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को इन पांच जिलों के अलावा देहरादून, टिहरी, पौड़ी जिलों के कुछ हिस्सों में बारिश का येलो अलर्ट है। 28 अगस्त को नैनीताल, चम्पावत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ के कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। प्रदेश में हो रही बारिश के बाद नेशनल हाईवे सहित कई सड़कें भी बंद हो गई हैं।

रायपुर से मालदेवता होकर सहस्रधारा जाने के लिए बना नया बाईपास तीन जगह पर नदी के तेज बहाव के कारण बह गया है। यहां सड़क नदी में समा गई है। सहस्रधारा में नदी उफान पर है। यहां टिनशेड ढाबे और एक वाहन नदी में समा गए हैं। कई दुकानों और मकानों के लिए नदी के तेज बहाव खतरा बना हुआ है। इसके अलावा सहस्रधारा पर्यटक स्थल में बारिश से नुकसान हुआ है। डीएम डॉ. आर राजेश कुमार, रायपुर विधायक उमेश शर्मा काऊ ने सुबह प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। वहीं दूसरी ओर, देहरादून-मसूरी मुख्य मार्ग गुरुवार रात करीब दस बजे बंद हो गया था और सुबह करीब साढ़े नौ बजे खुला।

इस बीच यहां सड़क बंद होने से लोग फंसे रहे। हालांकि यहां ग्लोगी के पास मलबा आने से बार-बार सड़क बंद हो रही है। तीन जेसीबी की मदद से मलबा हटाकर सड़क पर यातायात सुचारू किया जा रहा है।मसूरी के लिए इस्तेमाल होने वाला किमाड़ी मार्ग भी भूस्खलन के कारण कई स्थानों पर टूट गया है। उधर, पुरुकुल के समीप भी अतिवृष्टि से नुकसान की सूचना है। यहां कई गांवों में खेती की जमीन भूस्खलन के कारण बह गई है। लोग दहशत में हैं। शहर के मसूरी की तलहटी और सहस्रधारा रोड वाले इलाकों में अतिवृष्टि से कारण जन-जीवन अस्त-व्यस्त है।

ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर दूसरे दिन भी पहाड़ी से लगातार मलबा गिरने से यातायात बाधित होता रहा। पुलिस ने बदरीनाथ राजमार्ग पर लगातार गिर रहे बोल्डरों और मलबे को देखते वाहन चालकों से टिहरी-मलेथा मार्ग का उपयोग करने को कहा है। बीते बुधवार रात राजमार्ग पर शिवमूर्ति पर बोल्डरों के साथ चट्टानी मलबा आ गिरा। एनएच द्वारा गुरुवार को सुबह सात बजे तक शिवमूर्ति से मलबा हटाकर यहां फंसे वाहनों को निकलवाया। थोड़ी देर बाद चार किमी. आगे भरपूर में चट्टानी मलबा आने से हाईवे एक बार फिर बाधित हो गया।

भरपूर में मलबा हटाने के तुरन्त बाद ही तोताघाटी में बोल्डरों सहित भारी मलबा आ गिरा। जिससे एनएच द्वारा करीब 11 बजे तक हटाया जा सका। थाना प्रभारी महिपाल सिंह रावत ने कहा कि राजमार्ग पर कई नये भूस्खलन जोन बन गये है, जिससे वाहनों की आवाजाही जोखिम भरी बन गयी है। राजमार्ग पर लगातार बोल्डर व मलबा आने का सिलसिला बना हुआ है। बदरीनाथ राजमार्ग पर बढते जोखिम को देखते हुये वाहन चालक मलेथा होकर आवागमन करने को कहा गया है।

चम्पावत में स्वाला के पास राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवाजाही सुचारू कराना प्रशासन और एनएच खंड के लिए चुनौती बना हुआ है। राष्ट्रीय राजमार्ग को चौथे दिन भी नहीं खोला जा सका। शुक्रवार को भी एनएच पर आवाजाही सुचारू होने की संभावना कम ही नजर आ रही है। हालांकि मौके पर युद्ध स्तर पर कार्य हो रहा है। हाईवे तभी खुल पाएगा जब ऊपर पहाड़ी से बोल्डर गिरने बंद होंगे। कार्यदायी कंपनी शिवालया कंस्ट्रक्शन और राष्ट्रीय राजमार्ग खंड ने गुरुवार को भी एनएच में वाहनों की आवाजाही सुचारू करने के तमाम प्रयास किए।

लेकिन पहाड़ी से बार-बार गिर रहे मलबे और पत्थरों की वजह से कार्य करने में दिक्कत पेश आ रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग खंड के अधिशासी अभियंता एलडी मथेला ने बताया कि गुरुवार को मलबा हटाने के लिए एक-एक पोकलैंड व लोडर और दो जेसीबी मशीन का सहारा लिया। लेकिन पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों की वजह से मलबा हटाने में परेशानी हुई। इधर, शिवालया कंस्ट्रक्शन के प्रोजेक्ट मैनेजर सुरेंद्र राणा ने बताया कि अब हाईवे से महज 40 फीसद ही मलबा हटाया जा सका है। कार्य के दौरान ऊपर से लगातार बोल्डर गिर रहे हैं, जो खतरे का सबब बने हुए हैं। सुरेंद्र राणा ने बताया कि शुक्रवार को भी हाईवे खुलना मुश्किल प्रतीत हो रहा है।

व्यापारी परेशान :एनएच बंद से चम्पावत के व्यापारियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। चम्पावत का व्यापार एनएच में चलने वाले वाहनों पर निर्भर है। स्थानीय दुकानदार हेम जोशी, आनंद सिंह, प्यारे लाल, कुंदन सिंह, नीलाधर जोशी आदि ने बताया कि सड़क बंद होने से बीते चार दिन से उनका व्यापार ठप हो चुका है। एनएच बंद होने से यात्रियों को भी दिक्कत हो रही है। उन्हें रीठासाहिब और देवीधुरा से लंबी दूरी तय कर आवाजाही करनी पड़ रही है।

मुनस्यारी पर्यटन नगरी को जोड़ने वाली प्रमुख थल-मुनस्यारी सड़क दो दिनों से बंद है, जिस कारण क्षेत्र की 20 हजार से अधिक की आबादी को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस सड़क पर पैदल आवाजाही करना भी खतरनाक साबित हो रहा है। सड़क बंद होने से लोग पैदल आवाजाही कर रहे थे। इसी बीच अचानक पहाड़ी से बोल्डर गिर गए। गनीमत रही कि उनकी जान किसी तरह बच गई।

थल-मुनस्यारी सड़क भारी बारिश के बाद बीते बुधवार को नाचनी नयाबस्ती के पास पहाड़ी से बोल्डर व मलबा गिरने से बंद हो गई, जिसे खोलना सरकारी मशीनरी के लिए चुनौती बन गया है। पहाड़ी से लगातार बोल्डर गिर रहे हैं, जिससे इस सड़क पर पैदल आवाजाही भी कठिन हो गई है। गुरुवार सुबह कुछ लोग पैदल आ रहे थे। इसी बीच पहाड़ी दरक गई और मलबा व बोल्डर गिर गए। लोगों ने भागकर अपनी जान बचाई। गिरगांव के गोविंद सिंह ने बताया अगर हल्की सी भी चूक होती तो कई लोग दुर्घटना का शिकार हो सकते थे।

आए दिन पर्यटन नगरी को जोड़ने वाली मुख्य थल-मुनस्यारी सड़क हल्की बारिश के बाद भी बंद हो रही है, जिससे सीमांत के लोग खासे परेशान हैं। पिछले 24 घंटों से इस सड़क पर आवाजाही ठप है, जिस कारण फल, सब्जी व अन्य जरूरी सामान मुनस्यारी नहीं पहुंच पा रहा है।

थल-मुनस्यारी सड़क पर हरड़िया वैली ब्रिज का एबेटमेंट पिछले दिनों भूस्खलन से टूट गया था, जो अब तक नहीं बन सका है। इस स्थान पर नाले से वाहनों से आवाजाही कराई जा रही है। लेकिन उफनाए नाले व मलबे के बीच आवाजाही करना खतनाकर बना हुआ है। मलबे में वाहन फंस रहे हैं, जिन्हें दूसरे वाहन से खींचकर आर-पार कराया जा रहा है।

धारचूला में भूस्खलन से दारमा, व्यास, चौदास घाटी के साथ ही चीन सीमा को जोड़ने वाली प्रमुख धारचूला-तवाघाट सड़क बंद है, जिससे 40 हजार से अधिक की आबादी को खासी परेशानी झेलनी पड़ रही है। तीनों घाटियों का तहसील मुख्यालय से सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है। लोग खतरे के बीच पैदल आवाजाही करने को मजबूर हैं। धारचूला के एलधारा के पास हुए भूस्खलन से सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण धारचूला-तवाघाट सड़क बंद है। यह प्रमुख सड़क चीन सीमा के साथ ही दारमा, व्यास व चौदास घाटी को जोड़ती है।

इन घाटियों का सड़क संपर्क पूरी तरह कट गया है, जिससे यहां की 40 हजार से अधिक की आबादी अलग-थलग पड़ गई है। सड़क बंद होने से सेना के वाहन भी आवाजाही नहीं कर पा रहे हैं। भूस्खलन के बाद भारी मात्रा में मलबा व बोल्डर सड़क पर गिरे हैं, जिसे जल्द हटाना प्रशासन व बीआरओ के लिए चुनौती से कम नहीं है। वाहनों की आवाजाही ठप रहने से दारमा, चौदास व व्यास घाटी के लोग पैदल आवाजाही करने को मजबूर हैं। जल्द सड़क नहीं खुली तो यहां के लोगों को खासी मुश्किल झेलनी पड़ सकती है।

तपोवन में एनएचपीसी का पॉवर हाउस स्थित है। धारचूला से हर रोज एनएचपीसी कर्मियों को तपोवन जाना पड़ता है। वाहनों की आवाजाही ठप होने से कर्मियों को पैदल तपोपन पहुंचना पड़ रहा है। वहीं सड़क बंद होने से दारमा, चौदास व व्यास घाटी के साथ ही सेना की सप्लाई भी रुक गई है। राशन, सब्जी भी यहां के गांवों व सेना की चौकियों में नहीं पहुंच पा रहा है। पूरे दिन सेना के वाहन सड़क खुलने का इंतजार करते रहे।

कोटमन्या-पांखू व गणाई-बनकोट सड़क निर्माण की मांग पर गंगोलीहाट के लोग विधायक मीना गंगोला के नेतृत्व में सीएम से मिले। इस दौरान उन्होंने दोनों सड़कों के सुधारीकरण व हॉटमिक्स के लिए बजट की मांग की। विधायक गंगोला ने कहा कि सीएम ने जल्द बजट अवमुक्त करने का आश्वासन दिया है। कहा क्षेत्र की समस्याओं के समाधान को वे और सरकार हमेशा आगे रहे हैं।

इस मौके पर पूर्व प्रमुख बेरीनाग खुशाल सिंह भंडारी, जिला पंचायत सदस्य बेरीनाग, नंदन बाफिला, पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष गणाई रविन्द्र बनकोटी, सैनिक संगठन बेरीनाग के अध्यक्ष लक्ष्मण सिंह डांगी, संतोष जोशी, सुंदर मेहरा, रमेश बोरा सहित कई लोग शामिल रहे।

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