आर्थिक सर्वे पेश, कोविड काल में भी बढ़ी प्रति व्यक्ति आय

नई दिल्ली: दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट से एक दिन पहले शुक्रवार को विधानसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इसमें बताया गया है कि कोविड काल में भी दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय में बढ़ोतरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 की तुलना में इस साल प्रति व्यक्ति आय 16.81 प्रतिशत बढ़ी है।

इस मामले में दिल्ली की आय राष्ट्रीय औसत से तीन गुना ज्यादा है। वहीं, दिल्ली का सकल राज्य घरेलू उत्पाद पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना मे 17.65 प्रतिशत अधिक है। कोविड महामारी के बावजूद राज्य के पास राजस्व अधिशेष है।

आर्थिक समीक्षा 2021-22 में बताया गया कि कोविड काल में भी दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय में 16.81 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। 2020-21 में यह 3,44,136 रुपये सालाना था। 2021-22 के दौरान यह आंकड़ा 401982 रुपये हो गई। दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से तीन गुना ज्यादा है। वहीं, गोवा और सिक्किम के बाद दिल्ली देश में इस मामले में तीसरे स्थान पर है।

दूसरे आर्थिक संकेतक के तौर पर समीक्षा में बताया गया है कि दिल्ली का बकाया ऋण 31 मार्च 2021 को 40996.66 करोड़ रुपये था। इसकी तुलना आर्थिक सर्वे 2011-12 से की गई है। इसके मुताबिक, ऋण व जीएसडीपी का अनुपात इस बीच 8.61 प्रतिशत की तुलना में कम होकर 5.18 प्रतिशत शेष है।

सर्वेक्षण में कहा गया है कि ब्याज भुगतान और राजस्व प्राप्तियों का अनुपात 2011-12 में 13.3 प्रतिशत के उच्च स्तर से घटकर 2020-21 में यह 6.86 प्रतिशत के स्तर पर आ गया है। स्पष्ट है कि इस बीच ऋण की समस्या काफी हद तक नियंत्रित हो गई है।

दूसरी तरफ राजकोषीय घाटा वर्ष 2020-21 (अंतिम) में 9972.96 करोड़ रहा। जबकि 2019-20 में यह 3225.79 करोड़ रुपये था। वित्तीय घाटा 2019-20 के दौरान जीएसडीपी के 0.41 प्रतिशत की तुलना में 2020-21 में 1.27 प्रतिशत रहा।

आर्थिक समीक्षा बताती है कि कोविड काल की चुनौतियों के बावजूद सरकार के पास राजस्व अधिशेष है। 2020-21 के अनंतिम अनुमानों में यह 1450 करोड़ रुपये थे। यह आंकड़ा जीएसडीपी का 0.18 फीसदी और 2021-22 के बजट आकलन का 0.14 फीसदी था।

वन और वृक्ष क्षेत्र का दायरा दिल्ली में 342 वर्ग किलोमीटर हो गया है। कुल भौगोलिक क्षेत्र में वन का हिस्सा 23.06 प्रतिशत दर्ज किया गया है। इंडिया स्टेट ऑफ फॉरेस्ट रिपोर्ट 2021 के अनुसार सात प्रमुख बड़े शहरों में दिल्ली का वन क्षेत्र सबसे अधिक 194.24 वर्ग किलोमीटर है।

दूसरे स्थान पर मुंबई 110.77 वर्ग किलोमीटर व तीसरे स्थान पर बेंगलुरू का 89.02 वर्ग किलोमीटर है। दिल्ली के वृक्ष क्षेत्र की बात करे तो चंडीगढ़ के बाद दूसरे स्थान पर है। चंडीगढ़ का वृक्ष क्षेत्र 13.16 प्रतिशत है जबकि दिल्ली का 9.91 प्रतिशत। दिल्ली का कुल सकल फसली क्षेत्र 2012-13 में 35178 हेक्टेयर था। जो 2020-21 में बढ़कर 43569 हेक्टेयर हो गया है।

कोविड महामारी ने दिल्ली सरकार के कर संग्रह को कम किया है। आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 में राजस्व में गिरावट दर्ज किया गया है। 2019-20 के दौरान 0.16 प्रतिशत की तुलना में 2020-21 के दौरान दिल्ली के कर संग्रह में 19.53 प्रतिशत की गिरावट आई है। सर्वेक्षण में मोटर वाहन कर में 13.96 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

इसी तरह जीएसटी में भी 19.46 प्रतिशत कमी हुई। राज्य उत्पाद शुल्क के तहत कर संग्रह में 18.94 प्रतिशत की कमी है। दिल्ली सरकार का कुल राजस्व संग्रह 2020-21 में 41,863.60 करोड़ (जीएसडीपी का 5.33 प्रतिशत) रुपया था, जबकि 2019-20 के दौरान 47,135.81 करोड़ रुपये (जीएसडीपी का 5.94 प्रतिशत) था।

विनिर्माण क्षेत्र से आय 2022-12 के 1807 करोड़ रुपये से बढ़कर 2021-22 में 42230 करोड़ रुपये हो गई है। इसी तरह व्यवसाय सुधार कार्य योजना के तहत 2019 में दिल्ली ने 12वां स्थान हासिल किया। इंडिया टूरिज्म स्टैटिस्टिक्स एट ए ग्लांस-2021 के अनुसार वर्ष 2020 के दौरान विदेशी पर्यटकों के आगमन के साथ चौथे स्थान पर दिल्ली रहा।

कुल पर्यटकों का 9.50 प्रतिशत था। वर्ष 2011-12 से 2020-21 की अवधि के दौरान बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 43.01 लाख बढ़कर 63.87 लाख हो गई है।

बसों में यात्री संख्या घटी है। 2020-21 में डीटीसी बसों में प्रतिदिन औसत यात्री संख्या 12.24 लाख और क्लस्टर बसों में 8.50 लाख थी। कोविड पूर्व डीटीसी में प्रतिदिन औसत यात्री संख्या 33.31 लाख और क्लस्टर बसों में 17.71 लाख थी। वहीं मोटर वाहनों की संख्या बढ़ गई है। 31 मार्च 2021 तक सड़कों पर मोटर वाहनों की कुल संख्या 122.53 लाख थी।

पिछले वर्ष के मुकाबले 3.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। डीटीसी बतों में 9286 मार्शल और क्लस्टर बसों में 3368 मार्शल तैनात किए गए है। 2024 तक नए वाहनों के पंजीकरण में विद्युत वाहनों का हिस्सा 25 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। महिला यात्रियों ने डीटीसी में 11.49 करोड़ और क्लस्टर बसों में 10.22 करोड़ ट्रिप की निशुल्क यात्रा की है।

दिल्ली के सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा गया है कि राजधानी में प्रजनन दर सबसे कम है। दिल्ली में 1.5 कुल प्रजनन दर भारत में सबसे कम है। अखिल भारतीय स्तर पर प्रजनन दर 2.2 है।

इसी तर्ज पर दिल्ली में 3.3 प्रतिशत की अशोधित मृत्यु (क्रूड डेथ रेट) दर देश में सबसे कम है। शिशु मृत्यु दर, नवजात मृत्यु दर और पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों की मृत्यु दर के मामले में दिल्ली, अखिल भारतीय स्तरों 32,23,36 की तुलना में निचले स्तरों पर क्रमश 11,10 और 19 पर है।

दिल्ली सरकार अपने आउटकम बजट में स्कूली शिक्षा में 72 फीसदी व उच्च शिक्षा में 63 फीसदी अंकों के साथ पास हुई है। शिक्षा व वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया की ओर से शुक्रवार को विधानसभा में पेश आउटकम बजट में शिक्षा के लिए 36 कार्यक्रमों के तहत 104 आउटपुट और आउटकम इंडिकेटर तय किए गए थे। 60 संकेतक महत्वपूर्ण थे।

स्कूली शिक्षा की बात की जाए तो 72 फीसदी इंडिकेटर ऑन ट्रैक और 17 फीसदी ऑफ ट्रैक हैं। जबकि उच्च शिक्षा के मामले में 63 फीसदी इंडिकेटर ऑन ट्रैक और 20 फीसदी ऑफ ट्रेैक पाए गए। इस तरह से सरकार ने स्कूली शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन किया है।

सिसोदिया ने कहा कि हम जो बोलते हैं उसे करके दिखाते हैं। कोरोना महामारी के बावजूद शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े किसी काम को रुकने नहीं दिया गया। सरकार ने पिछले बजट में स्कूलों में नए कमरे बनाने की बात की थी।

अब सरकारी स्कूलों में 13,181 कमरे बनाकर तैयार किए हैं। दिल्ली सरकार ने पिछले साल अपना नया दिल्ली माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्थापित किया है, जो आईबी बोर्ड के साथ मिलकर काम कर रहा है। इस बोर्ड ने सरकार के 30 स्कूलों केसाथ काम करना शुरू कर दिया है।

वित्त मंत्री ने बताया कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या मेें भी बढ़ोतरी हुई है। स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या 15 लाख से बढ़कर 18 लाख हुई है। सरकार ने पिछले बजट में स्कूल ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस शुरू करने की बात कही थी।

बीते साल बीस स्कूल शुरू किए गए जिसमें 2300 बच्चे शिक्षा ले रहे हैं। आगामी सत्र से 11 और स्कूल खोले जा रहे हैं। इससे इन स्कूलों में सीटों की संख्या बढ़कर 4800 हो जाएंगी।

दिल्ली सरकारी स्कूलों में देशभक्ति पाठ्यक्रम की शुरुआत करने वाला देश का पहला राज्य बना। अब अगले सत्र से निजी स्कूलों में भी यह पाठ्यक्रम शुरू होगा। सिसोदिया ने सदन में कहा कि सरकारी स्कूलों के 11वीं-12वीं के बच्चों के लिए बिजनेस ब्लास्टर्स प्रोग्राम की शुरुआत की गई। इसमें तीन लाख बच्चों ने भाग लिया। उधर, टीचर्स यूनिवर्सिटी की शुरुआत भी की गई है।

कई साल बाद दिल्ली वालों को तीन बड़े सरकारी अस्पताल मिले हैं। बीते वर्ष बुराड़ी, अंबेडकर नगर और द्वारका स्थित इंदिरा गांधी सुपर स्पेशिलिटी अस्पताल को आम लोगों के लिए शुरू किया गया। इस दौरान राजधानी के दूसरे अस्पतालों में भी विस्तार का कार्य हुआ, जिसके चलते पांच हजार से अधिक बिस्तरों में बढ़ोतरी भी हुई है। इसी के साथ ही दिल्ली में कुल अस्पतालों की संख्या बढ़कर 38 हुई, जिनमें कुल बिस्तरों की क्षमता 13844 है।

शुक्रवार को दिल्ली सरकार ने आउटकम बजट और आर्थिक सर्वेक्षण जारी करते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण को लेकर भी राजधानी में लगातार बचाव कार्यों पर जोर दिया जा रहा है। आगामी दिनों में दिल्ली के सात स्थानों पर अस्थायी आईसीयू अस्पताल बनाए जाएंगे।

इनके अलावा अप्रैल से दिसंबर 2021 के बीच दिल्ली में 520 मोहल्ला क्लीनिक शुरू हुए हैं। दिल्ली सरकार महिलाओं के लिए भी अलग से मोहल्ला क्लीनिक खोलने जा रही है जिसे लेकर कार्य किया जा रहा है।

बजट सत्र के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में 81 योजनाएं ऑन ट्रैक हैं, जबकि 29 योजनाओं को ऑफ ट्रैक में रखा गया है। संकेतकों की बात करें तो स्वास्थ्य के लिए कुल 121 संकेतक तय किए थे जिनमें 81 पर कार्य पूरा हुआ है। इनके अलावा मोहल्ला क्लीनिक में 1.44 करोड़ रोगियों का इलाज किया गया।

दिल्ली सरकार के अनुसार, प्रत्येक मोहल्ला क्लीनिक में प्रतिदिन औसतन 116 रोगी इलाज कराने पहुंच रहे हैं। यहां आने वाले 90 फीसदी मरीजों ने मोहल्ला क्लीनिक की सेवाओं पर संतुष्टि जताई है।

आजादी के 75वें वर्ष पर जनवरी तक दिल्ली में 75 राष्ट्रीय ध्वज लगाए गए। पिछले साल दिसंबर में इनकी संख्या पांच थी। नागरिक सुरक्षा को खास तवज्जो देते हुए दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थलों में 2021-2022 में एक लाख 33 हजार सीसीटीवी कैमरे लगवाए। हालांकि लक्ष्य इससे 16 हजार अधिक का था।

पिछले साल दिसंबर तक दिल्ली में 2000 नए हॉट स्पॉट लगाने के बाद इनकी संख्या बढ़कर 10500 हो गई है। इस दौरान लोक निर्माण विभाग ने फ्लाईओवर, अंडरपास और फुटओवर ब्रिज जैसी बुनियादी परिवहन संरचनाओं का भी निर्माण किया।

आउटकम बजट के 36 संकेतकों में से 34 के मूल्यांकन के आधार पर 71 फीसदी योजनाएं निर्धारित मानकों के अनुरूप हैं जबकि 29 फीसदी योजनाओं को भी आगे बढ़ाया जा रहा है। आश्रम चौक पर अंडरपास निर्माण का 90 फीसदी कार्य दिसंबर में पूरा करने के बाद इसी सप्ताह ट्रायल शुरू कर दिया गया है।

पिछले साल दिसंबर तक दो फुटओवर ब्रिज का निर्माण कर लिया गया। वजीराबाद और जगतपुर के बीच दो हाफ अंडरपास और आउटर रिंग रोड पर गांधी विहार के नजदीक सबवे निर्माण का 65% कार्य पिछले साल दिसंबर तक पूरा कर लिया गया।

दिल्ली के तकनीकी और व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में सीटों को लेकर तस्वीर सुधरी है। बीते एक साल में दिल्ली में इस श्रेणी में 7,366 सीटों की बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2020-21 में सीटों की संख्या 10,030 थी जो 2021-22 में बढ़कर 17,396 हो गई। इसे लेकर दिल्ली सरकार के आउटकम बजट में प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा निदेशालय के 77 फीसदी संकेतक ऑन ट्रैक व 23 फीसदी ऑफ ट्रैक रहे हैं।

सरकार के मुताबिक, आईटीआई में 2020-21 में 9,589 छात्रों के मुकाबले 2021-22 में 10,165 छात्रों को विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया गया। दिल्ली सरकार के तकनीकी शिक्षा संस्थानों की ओर से 31 दिसंबर 2021 तक कुल 84 पीएचडी डिग्री प्रदान की गई, जबकि सरकार का वार्षिक लक्ष्य 114 था।

कौशल विकास में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली कौशल एवं उद्यमिता विश्वविद्यालय (डीएसईयू) की स्थापना हुई, जिसे 15 अगस्त को शुरू किया गया। इसमें 52 पाठ्यक्रमों के निर्धारित वार्षिक लक्ष्य की तुलना में 39 पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।

दिसंबर 2021 तक कुल सीटों की 94.5 सीटें भर गई हैं। इसके 15 कैंपस में 6300 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। अगले सत्र में इसमें 11 कैंपस और जोड़े जाएंगे, जिससे विश्वविद्यालय में 2500 नए छात्रों को दाखिला मिल सकेगा।

दिल्ली सरकार के तकनीकी विश्वविद्यालयों में छात्रों ने दिसंबर 2021 तक 284 कार्यशालाओं में भाग लिया, जबकि 2020-21 में 212 कार्यशालाओं में भाग लिया गया था। तकनीकी विश्वविद्यालयों व संस्थानों के संकाय द्वारा 31 दिसंबर 2021 तक 1670 शोध आलेख प्रकाशित हुए, जबकि 2020-21 में इनकी संख्या 1960 थी।

दिल्ली फार्मास्युटिकल साइंसेज एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (डीपीएसआरयू) परिसर में ध्यान एवं योग विज्ञान केंद्र की शुरुआत की गई। यहां 450 प्रशिक्षकों को प्रशिक्षित कर प्रमाणित किया गया। दिसंबर 2021 तक 80 शिविरों में दो हजार लोगों को लाभ मिला है।

वहीं, दिल्ली की योगशाला कार्यक्रम के माध्यम से पूरी दिल्ली में 370 केंद्रों पर नौ हजार से अधिक लोग योग व ध्यान का अभ्यास कर रहे हैं। इन लोगों को दिल्ली सरकार द्वारा नियुक्त किए गए योग पेशेवर योग सिखा रहे हैं।

दिल्ली में 93 फीसदी घरों में पाइप से पानी की आपूर्ति हो रही है। साथ ही गर्मी के मौसम में पानी का उत्पादन 953 मिलियन गैलन प्रतिदिन (एमजीडी) पर लगातार बनाए रखा जा रहा है। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री ने विधानसभा में सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश की।

सिसोदिया ने कहा कि 1200 एमजीडी की अपेक्षित आपूर्ति के मुकाबले इस साल दिल्ली की पानी की मांग बढ़कर 1505 एमजीडी हो जाएगी। सिसोदिया ने कहा कि 15,041 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन और लगभग 125 भूमिगत जलाशयों (यूजीआर) के मौजूदा जल आपूर्ति नेटवर्क के माध्यम से लगभग 20 मिलियन आबादी को पानी की आपूर्ति की जाती है। इसके अलावा जीपीएस से लैस स्टेनलेस स्टील के कंटेनरों के साथ कुल 407 नए पानी के टैंकर पानी आपूर्ति वितरण प्रणाली को बेहतर बनाने में लगे हुए हैं।

आउटकम बजट में परिवहन विभाग के 12 कार्यक्रम शामिल किए गए थे। इनके 88 संकेतकों में से 84 का आकलन किया गया। इसके अनुसार, 74 फीसदी योजनाएं तयशुदा योजना के हिसाब से चल रही हैं जबकि 26 फीसदी ऑफ ट्रैक हैं।

खास बात यह कि दिल्ली में ई-वाहनों का बेड़ा बढ़ाने की योजना अपेक्षा अनुसार आगे बढ़ रही है। दो साल में ही पंजीकृत वाहनों की संख्या का दस फीसदी ई-वाहन हैं। 2024 तक सरकार का लक्ष्य 25 फीसदी का है।

आउटकम बजट के अनुसार, दिसंबर 2021 तक दिल्ली में 6,670 ई-दोपहिया व 12,136 ई-रिक्शा व ई-कार्ट पंजीकृत किए गए। सरकार इस दिशा में प्रोत्साहन भी दे रही है। अभी तक 28 जगह बैटरी स्वैपिंग की सुविधा है। वहीं, 6,123 वाहनों को ईवी फंड से सब्सिडी मिली। 377 सार्वजनिक चार्जिंग केंद्र पर 170 स्लो व 207 फास्ट चार्जिंग पॉइंट बने हैं।

आम लोगों में दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणन को नियंत्रित करने के लिए 971 पीयूसीसी से प्रमाण पत्र जारी किए जाते हैं। 72.5 फीसदी दोपहिया और 74.6 चार पहिया वाहनों वैध प्रदूषण प्रमाण पत्र के साथ चल रहे हैं। इस दौरान नियंत्रित प्रदूषण प्रमाण पत्र के बगैर चलने वाले 28445 चालान काटे गए।

परिवहन विभाग ने सभी सार्वजनिक सेवाएं फेसलेस तरीके से मुहैया कराने की दिशा में एक बड़ी पहल की है। इसके तहत दिसंबर, 2021 तक परमिट संबंधी सेवा के लिए 82,888 अनुरोध प्राप्त हुए हैं। कोरोना काल में विपरीत हालात के बीच आगे बढ़ते हुए मेट्रो के नेटवर्क में विस्तार का सिलसिला जारी रहा।

मेट्रो की पिंक लाइन (0.851 कि.मी) पर त्रिलोकपुरी से मयूर विहार, पॉकेट-1 सहित ग्रे लाइन पर नजफगढ़ से ढांसा बस स्टैंड (0.891कि.मी.)में मेट्रो का विस्तार किया गया। मेट्रो की मजेंटा के बाद पिंक लाइन के नेटवर्क को भी ड्राइवरलेस किया गया।

उधर, डीटीसी के बेड़े में 3,760 बसें हैं। औसत बेड़े का उपयोग बढ़कर 99.01 फीसदी हो गया है जो लक्ष्य से दो फीसदी ज्यादा है। क्लस्टर बसों के प्रदर्शन में भी और सुधार आया है।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को विधानसभा में बताया कि 2021-22 में दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन की बसों में तीन करोड़ से अधिक महिलाओं ने मुफ्त यात्रा की सुविधा का लाभ उठाया। सिसोदिया दिल्ली विधानसभा में 2021-22 के आउटकम बजट की स्थिति रिपोर्ट पेश कर रहे थे।

दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) और दिल्ली इंटीग्रेटेड मल्टी-मोडल ट्रांजिट सिस्टम (डीआईएमटीएस) में 6,900 बसों की संयुक्त संख्या है। महिलाओं के लिए आम आदमी पार्टी ने मुफ्त बस सवारी योजना की 2019 में शुुरुआत की थी।

पर्यावरण विभाग का आउटकम बजट बताता है कि इससे जुड़ी योजनाओं के 70 फीसदी संकेतक सही रास्ते पर हैं जबकि 30 फीसदी ऑफ ट्रैक हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली में प्रदूषण की निगरानी के लिए 26 परिवेशी वायु गुणवत्ता निगरानी केंद्र कार्य कर रहे हैं। इनके 90 फीसदी आंकड़े सार्वजनिक रूप से भी उपलब्ध हैं।

साथ ही उद्योगों, बिजली संयंत्रों व होटलों से उत्सर्जन की निगरानी के लिए दिसंबर 2021 तक 176 स्टैक नमूनों का परीक्षण किया गया। हालांकि, 2021-22 की अवधि में वार्षिक लक्ष्य 700 नमूनों के परीक्षण का था। विभाग की ओर से लिए गए सभी नमूने निर्धारित मानक के अनुसार रहे।

यमुना के प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार ने दिसंबर 2021 तक शोधित जल संयंत्रों से 408 नमूने लेने का लक्ष्य रखा था। विभाग ने 438 तरल नमूनों का परीक्षण किया। इनमें से 52 फीसदी नमूने निर्धारित कसौटी पर खरे रहे।

वहीं, सामान्य प्रवाह उपचार संयंत्र (सीईटीपी) से वार्षिक स्तर पर 156 नमूनों का लक्ष्य रखा गया था। विभाग ने 206 तरल नमूनों का परीक्षण किया, जिसमें से 63.11 फीसदी नमूने निर्धारित पैमाने पर खरे उतरे। वहीं, प्रवाह उपचार संयंत्र से 300 नमूनों का लक्ष्य् रखा गया था, लेकिन इसमें से 171 तरल नमूनों का परीक्षण किया गया, जिसमें से 90.64 फीसदी निर्धारित मानक पर ठीक पाए गए।

प्रदूषण को लेकर दिल्ली में औद्योगिक इकाइयों का भी मुद्दा रहा है। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण नियमों और अधिनियमों की उल्लंघन की जांच के लिए 6460 उद्योगों का निरीक्षण किया गया। इनमें से 1778 उद्योगों को बंद करने का आदेश जारी किया गया।

75 फीसदी इकाइयों को बंद कर दिया गया। प्रदूषण को रोकने के लिए लांच किए गए ग्रीन दिल्ली एप के तहत प्रदूषणरोधी नियमों के उल्लंघन के लिए दिसंबर 2021 तक 14980 शिकायतों में से 93 फीसदी का समाधान किया गया।

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