उदय दिनमान डेस्कः पीएम नरेंद्र मोदी आज कुछ ही देर में प्रगति मैदान के भारत मंडपम में अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति पारंपरिक ज्ञान प्रणाली से लेकर भविष्य की तकनीक तक सब कुछ रखती है और दोनों पहलुओं को समान महत्व देती है. आम लोगों और छात्रों को नई शिक्षा प्रणाली के बारे में अच्छी तरह से जानकारी है. वे जानते हैं कि यह 10+2 शिक्षा प्रणाली की जगह 5+3+3+4 की शिक्षा प्रणाली है. इससे शिक्षा व्यवस्था मजबूत होगी.
पीएम मोदी ने कहा कि जब युग बदलने वाले परिवर्तन होते हैं, तो वो अपना समय लेते हैं. 3 साल पहले जब हमनें राष्ट्रीय शिक्षा नीति की घोषणा की थी, तो एक बहुत बड़ा कार्यक्षेत्र हमारे सामने था, लेकिन आप सभी ने NEP को लागू करने के लिए जो कर्तव्यभाव और समर्पण दिखाया, और खुले मन से नए विचारों और प्रयोगों को स्वीकार करने का साहस दिखाया ये वाकई अभिभूत करने वाला एवं नया विश्वास पैदा करने वाला है.
पीएम मोदी ने कहा कि आज हमारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के 3 साल भी पूरे हो रहे हैं. देश भर के बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों और अध्यापकों ने इसे एक मिशन के रूप में लिया और आगे भी बढ़ाया. मैं आज उन सभी का भी धन्यवाद करता हूं, उनका आभार प्रकट करता हूं.
पीएम मोदी ने कहा कि इससे पहले ऐसा आयोजन काशी के नवनिर्मित रुद्राक्ष सभागृह में हुआ था. इस बार ये समागम दिल्ली के इस नवनिर्मित भारत मंडपम में हो रहा है और खुशी की बात यह है कि विधिवत रूप से भारत मंडपम के लोकार्पण के बाद ये पहला कार्यक्रम है. खुशी इसलिए और भी बढ़ जाती है कि पहला ही कार्यक्रम शिक्षा से जुड़ा है.
काशी के रुद्राक्ष से लेकर इस आधुनिक भारत मंडपम तक अखिल भारतीय शिक्षा समागम की इस यात्रा में एक संदेश भी छिपा है. ये संदेश है प्राचीनता और आधुनिकता के संगम का. यानी एक ओर हमारी शिक्षा व्यवस्था भारत की प्राचीन परंपरा को सहज रही है वहीं आधुनिक साइंस और हाईटेक टेक्नोलॉजी के फील्ड में भी हम उतना ही तेजी से आगे बढ़ रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी इस व्यवस्था के प्रतिनिधि हैं, ध्वजवाहक हैं. इसलिए अखिल भारतीय शिक्षा समागम का हिस्सा बनना मेरे लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है. विद्या के लिए विमर्श जरूरी होता है, शिक्षा के लिए संवाद जरूरी होता है. मुझे खुशी है कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम के इस सत्र के जरिए हम विमर्श और विचार की अपनी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि ये शिक्षा ही है जिसमें देश को सफल बनाने, देश का भाग्य बदलने की ताकत होती है. आज 21वीं सदी का भारत जिन लक्ष्यों को लेकर आगे बढ़ रहा है, उसमें हमारी शिक्षा व्यवस्था का बहुत ज्यादा महत्व है.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अखिल भारतीय शिक्षा समागम में बोलते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का लक्ष्य भारत को अनुसंधान और नवाचार का केंद्र बनाना है.केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि 2014 से देश में शिक्षा नीति को लेकर पीएम मोदी का दृष्टिकोण मार्गदर्शन और प्रेरणा का रहा है…
पीएम नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में अखिल भारतीय शिक्षा समागम के उद्घाटन के अवसर पर बच्चों के साथ बातचीत की और एक प्रदर्शनी का दौरा किया. इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तीन साल पूरे होने के अवसर पर अखिल भारतीय शिक्षा सम्मेलन का उद्घाटन करने प्रगति मैदान के भारत मंडपम पहुंचे.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की तीसरी वर्षगांठ पर अखिल भारतीय शिक्षा समागम का उद्घाटन करने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने एक ट्वीट करके कहा कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इस मौके पर एक लेख लिखा है. जिसमें वे लिखते हैं कि यह नीति किस प्रकार भारत को उभरती प्रौद्योगिकियों का केंद्र बनाने के लिए तैयार की गई है. धर्मेन्द्र प्रधान ने अपने लेख में कहा कि ज्ञान ही शक्ति है.
भारत की समृद्ध ज्ञान क्षमता वेदों और उपनिषदों में स्पष्ट है, जो सदियों से ज्ञान के विशाल स्रोत के रूप में काम कर रहे हैं. नालंदा और तक्षशिला जैसे हमारे प्राचीन भारतीय विश्वविद्यालयों के साथ, भारत अतीत का एक अंतरराष्ट्रीय ज्ञान केंद्र रहा है. नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारत को उभरती प्रौद्योगिकियों का केंद्र बनाने के लिए तैयार की गई है.
पीएम मोदी शिक्षा और कौशल पाठ्यक्रम की 12 भारतीय भाषाओं में अनुवाद की गई किताबों का विमोचन भी करने वाले हैं. पीएम मोदी के नजरिये से प्रेरित होकर, युवाओं को तैयार करने और उन्हें अमृत काल में देश का नेतृत्व करने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से एनईपी 2020 लॉन्च किया गया था. इसका उद्देश्य उन्हें बुनियादी मानवीय मूल्यों पर आधारित रखते हुए भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना है. लागू किए जाने के तीन साल के दौरान इस नीति से स्कूल, उच्च और कौशल शिक्षा के क्षेत्र में बुनियादी बदलाव आया है.
29 और 30 जुलाई को आयोजित होने वाला दो दिवसीय कार्यक्रम शिक्षाविदों, शिक्षा के विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं, उद्योग प्रतिनिधियों, शिक्षकों और स्कूलों, उच्च शिक्षा और कौशल संस्थानों के छात्रों सहित अन्य लोगों को अपना नजरिया सफलता से साझा करने के लिए एक मंच देगा. इसमें एनईपी 2020 के लागू होने पर मिली सफलता की कहानियों और बेहतरीन कामों को और आगे ले जाने के लिए रणनीतियां तैयार करने का काम किया जाएगा.
इस अखिल भारतीय शिक्षा समागम में सोलह सत्र शामिल होंगे. जिसमें गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और शासन तक पहुंच, न्यायसंगत और समावेशी शिक्षा, सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित समूहों के मुद्दे, राष्ट्रीय संस्थान रैंकिंग फ्रेमवर्क, भारतीय ज्ञान प्रणाली, शिक्षा के अंतरराष्ट्रीयकरण सहित दूसरों विषयों पर चर्चा होगी.