नेपाल जेल से भागी त्रिपुरा में अरेस्ट

अगरतला: त्रिपुरा पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी है। एक संदिग्ध पाकिस्तानी महिला को त्रिपुरा पुलिस ने गिरफ्तार किया है। वरिष्ठ अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं। पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी। गिरफ्तार महिला ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह पाकिस्तान के शेखपुरा जिले की रहने वाली है।

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि 50 साल की महिला को शनिवार रात दक्षिणी त्रिपुरा के सबरूम रेलवे स्टेशन से राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने गिरफ्तार किया, जब वह कंचनजंगा एक्सप्रेस से वहां पहुंची थी। दरअसल कंचनजंगा एक्सप्रेस सियालदह (कोलकाता) से बांग्लादेश सीमा पर स्थित सबरूम तक चलती है, जो मालदा टाउन, न्यू जलपाईगुड़ी, गुवाहाटी, बदरपुर (दक्षिणी असम) और अगरतला होते हुए जाती है।

पुलिस अधिकारी ने अपनी पहचान उजागर करने से इनकार करते हुए बताया कि गिरफ्तार महिला हिंदी बोलती है और शुरुआत में उसने दावा किया कि वह दिल्ली की पुरानी बस्ती में रहती है। पूछताछ करने पर उसने बताया कि उसका नाम साहिना परवीन है।

हालांकि, वह कोई वैध पहचान पत्र नहीं दिखा सकी। उसके पास से कई पाकिस्तानी संपर्क नंबर मिले, जो उसकी कमर में बंधे कागजों में थे। अधिकारी ने बताया कि पूछताछ के दौरान महिला ने शुरुआत में कहा कि वह पंजाब प्रांत की एक पाकिस्तानी नागरिक है और तीन साल पहले बांग्लादेश में दाखिल हुई थी और बाद में एक एजेंट की मदद से पश्चिम बंगाल होते हुए भारत आई।

उसने पूछताछकर्ताओं को बताया कि वह पश्चिम बंगाल से दिल्ली आई और वहां नौकरानी का काम किया। महिला ने आगे दावा किया कि वह बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान लौटने की कोशिश कर रही थी और एक एजेंट के निर्देश पर, सिलीगुड़ी (पश्चिम बंगाल) से कंचनजंगा एक्सप्रेस के जरिए सबरूम पहुंची।

पुलिस अधिकारी ने पूछताछ रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि लंबी पूछताछ के बाद, महिला ने स्वीकार किया कि उसके शुरुआती बयान झूठे थे। उसने अपनी असली पहचान लुईस निगहत अख्तर भानो, पत्नी मोहम्मद गोलाफ फराज, गांव यंगनाबाद, चक संख्या 371, जिला शेखपुरा, पाकिस्तान के रूप में बताई।

अधिकारी ने बताया कि महिला ने खुलासा किया कि वह 12 साल पहले मादक पदार्थों की तस्करी के इरादे से पासपोर्ट लेकर नेपाल गई थी और 2014 में उसे नेपाल पुलिस ने एक किलो ब्राउन शुगर के साथ गिरफ्तार किया था और 15 साल कैद की सजा सुनाई थी। उसे काठमांडू जेल में रखा गया था और पिछले महीने नेपाल में अशांति के दौरान वह जेल से भाग गई।

पुलिस अधिकारी ने महिला के हवाले से बताया कि लगभग 15-16 दिन पहले, वह भारत आई और अपने साथियों और एजेंट से उसे पता चला कि वह पश्चिम बंगाल या त्रिपुरा होते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पार करके बांग्लादेश के रास्ते पाकिस्तान लौट सकती है।

अधिकारी ने कहा कि वह पहले पश्चिम बंगाल गई, लेकिन सीमा पार करने का कोई मौका नहीं मिला। एजेंट के निर्देशों का पालन करते हुए, वह त्रिपुरा गई और कंचनजंगा एक्सप्रेस से सबरूम पहुंची। पुलिस और खुफिया अधिकारी अब और जानकारी जुटाने के लिए महिला से पूछताछ जारी रखे हुए हैं। त्रिपुरा, जो बांग्लादेश के साथ 856 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है, तीन तरफ से पड़ोसी देशों से घिरा हुआ है, जिससे यह पूर्वोत्तर राज्य सीमा पार अवैध आवाजाही, प्रवास, तस्करी, मानव तस्करी और अन्य सीमा-संबंधी अपराधों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है।

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