क्षय मित्र के रूप में सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की

रुद्रप्रयाग : जनपद रुद्रप्रयाग में रक्तदान अमृत महोत्सव, टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान व आयुष्मान भारत पखवाड़े का विधायक श्री भरत सिंह चैधरी ने शुभारंभ किया। 15 दिनों तक चलने वाले रक्तदान अमृत महोत्सव के तहत जनपद में 05 हजार लोगों की ब्ल्ड गु्रपिंग कर उन्हें रक्तदाता के रूप में पंजीकृत किया जाएगा। वहीं, टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान के तहत पहले दिन 07 लोगों ने नि-क्षय मित्र के रूप में सहयोग करने की इच्छा व्यक्त की।

जिला चिकित्सालय में आयोजित कार्यक्रम में विधायक श्री भरत सिंह चैधरी द्वारा 15 दिवसीय रक्तदान अमृत महोत्सव, टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान व आयुष्मान भारत पखवाड़े का शुभारंभ किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने रक्तदान अमृत महोत्सव के आयोजन को महत्वपूर्ण बताते हुए अधिक से अधिक लोगों का रक्तदाता के रूप में पजंीकरण करने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि रक्तदाता पंजीकरण का एक डेटा तैयार होने से आकस्मिक स्थिति में रक्त की तत्काल उपलब्धता सुनिश्चित करना आसान होगा। टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान को सफल बनाने के लिए टीबी रोगियों की देखभाल में सहभागिता के लिए अधिक से अधिक लोगों को नि-क्षय मित्र बनाने के लिए प्रोत्साहित किया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. बी. के.  शुक्ला ने बताया कि जनपद में 05 हजार लोगों की ब्ल्ड ग्रुपिंग कर उन्हें रक्तदाता के रूप में पोर्टल पर पंजीकृत करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अवसर पर अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विमल सिंह गुसांई, रक्तदान अमृत महोत्सव कार्यक्रम के नोडल डाॅ. मनीष, डाॅ. राजीव गैरोला, प्रियंका पुरोहित, सुनील राणा, नरेश राणा आदि मौजूद रहे।

वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अगस्त्यमुनि में टीबी मुक्त उत्तखंड अभियान का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में डीपीसी मुकेश बगवाड़ी ने कहा कि क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत क्षय रोग को खत्म करने के लिए जनसहभागिता बढ़ाने हेतु सामुदायिक सहायता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। जिसके तहत टीबी रोगियों को जरूरी सहायता, बेहतर पोषण हेतु जनसमुदाय व जनसंगठनों से टीबी रोगियों की पोषण व अन्य जरूरतों की मदद के लिए आर्थिक सहायता के लिए राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के नि-क्षय पोर्टल पर डोनरध्नि-क्षय मित्र के रूप में पंजीकरण कराया जा रहा है।

बताया कि इसके अंतर्गत जनपद में अब तक 10 लोगों द्वारा नि-क्षय मित्र (डोनर) के रूप में पंजीकरण कराया जा चुका है व सात लोगों द्वारा नि-मित्र बनने के लिए हामी जताई है, जिनका शीघ्र ही पोर्टल पर पंजीकरण किया जा रहा है।

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