मंदिर में लगाया फर्जी क्यूआर कोड, प्रशासन को नहीं लगी भनक

रुद्रप्रयाग। केदारनाथ मंदिर में एक बार फिर फर्जीबाड़ा का मामला सामने आया है, मंदिर के बीआईपी गेट व नंदी के पास दो फर्जी क्यूआर कोड लगाए दिए गए, जबकि इसकी जानकारी न मंदिर समिति को थी, और नही प्रशासन को। मंदिर समिति के संज्ञान में आने पर इसे हटा दिया गया है, और पुलिस में तहरीर दी गई है। वहीं डीएम मयूर दीक्षित ने कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

केदारनाथ धाम के मंदिर खुलने के एक दिन बाद 26 अप्रैल को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा मंदिर में दो स्थानों पर बीआईपी गैर व मंदिर के ठीक सामने नंदी के पास दो बड़े साइज के क्यूआर कोड लगा दिए गए। मंदिर समिति को जब इस पर संदेह हुआ तो उन्होंने प्रशासन समेत अन्य से क्यूआर कोड को लेकर जानकारी ली, लेकिन किसी की ओर से भी यह क्यूआर कोड नहीं लगाया गया था। जिसके बाद बीकेटीसी ने इस क्यूआर कोड को 27 अप्रैल को हटा दिया गया।

इस मामले की जांच भी बैठा दी है। मंदिर समिति के कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि विभागीय स्तर पर इस मामले की जांच की जा रही है। मंदिर सुपरवाइजर की तरफ से इस मामले में केदारनाथ पुलिस चौकी में तहरीर दे गई है। दूसरी ओर जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि बीकेटीसी को जांच के लिए कह दिया गया है। इस मामले में कठोर कार्रवाई की जाएगी।

वहीं इससे पूर्व वर्ष 2016 में फर्जी पर्ची पर विशेष पूजाएं कराने का मामला भी सामने आया था, इसकी जांच भी की गई, लेकिन कार्रवाई क्या हुई अभी तक पता नहीं है। मंदिर में इस तरह के फर्जीवाड़ा को लेकर तीर्थपुरोहित, व्यापारी ने कड़ा रोष जताया है, कहा कि इस तरह की घटनाओं से बदनामी होती है।

वहीं बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि दोनों धामों में कपाट खुलने के दिन ये बोर्ड लगाए गए थे। बीकेटीसी के अधिकारियों के संज्ञान में आने पर उसी दिन बोर्ड उतार दिए गए थे। बीकेटीसी अधिकारियों ने पहले अपने स्तर से इस मामले की छानबीन की।

इसके पश्चात रविवार को केदारनाथ के मंदिर अधिकारी द्वारा केदारनाथ पुलिस चौकी और बदरीनाथ में प्रभारी आधिकारी की ओर से कोतवाली में तहरीर दे दी गई है। अजेंद्र ने यह भी बताया कि बीकेटीसी द्वारा वर्तमान में अपने कामकाज में पेटीएम का प्रयोग नहीं किया जाता है।

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