121 चिकित्सा इकाइयों में परिवार नियोजन साधन कार्नर भी स्थापित किए

रुद्रप्रयाग: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, रुद्रप्रयाग के तत्वावधान में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाडे का समारोहपूर्वक शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन की स्थाई व अस्थाई सेवाओं का लाभ उठाने की अपील की गई। पखवाड़े के अंतर्गत जनपद की 121 चिकित्सा इकाइयों में परिवार नियोजन साधन कार्नर भी स्थापित किए गए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. एचसीएस मर्तोलिया के निर्देशन में आजादी के अमृत महोत्सव में हम ले ये संकल्प, परिवार नियोजन को बनाएंगे खुशियों का विकल्प थीम के साथ जनपद के समस्त ब्लाकों में विश्व जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़े का शुभारंभ किया गया, उन्होंने बताया कि पखवाड़े के अंतर्गत जनपद की सभी 121 चिकित्सा इकाईयों में परिवार नियोजन स्थाई विधि साधन उपलब्ध करवाने हेतु कार्नर स्थापित किए गए हैं। ब्लाक अगस्त्यमुनि में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि नगर पंचायत अध्यक्ष अरूणा बेंजवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

अपने संबोधन में उन्होंने जनसंख्या स्थिरीकरण हेतु स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाई जा रही परिवार नियोजन की स्थाई व अस्थाई विधि सेवाओं का लाभ उठाने की जनता से अपील की। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाॅ. विशाल वर्मा ने जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए परिवार नियोजन की स्थाई व अस्थाई विधियों को अपनाने पर जोर दिया। परिवार नियोजन काउंसलर श्रीमती रेखा जोशी द्वारा परिवार नियोजन के साधनों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्रदान की गई।

ब्लाक जखोली में पखवाड़े का शुभारंभ करते हुए उपजिलाधिकारी परमानंद राम ने जनसंख्या वृद्वि को रोकने के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को परिवार नियोजन सेवाओं का अधिक से अधिक प्रचार करने के लिए प्रोत्साहित किया। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डाॅ. यास्मिन ने कहा कि जनपद में 24 जुलाई तक विश्व जनसंख्या स्थरीकरण पखवाड़े का आयोजन किया जा रहा है, जिसके तहत समस्त चिकित्सा इकाइयों में परिवार नियोजन सेवाएं, स्वास्थ्य शिक्षा व चिकित्सकीय परामर्श की सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं।

वहीं, ब्लाक ऊखीमठ में चिकित्सा अधिकारी डाॅ. शाकिब द्वारा पखवाड़े के शुभारंभ किया गया।कार्यालय मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में आयोजित गोष्ठी में जनसंख्या वृद्धि से होने वाले प्रतिकूल प्रभावों व जनसंख्या स्थिरीकरण के लिए स्वास्थ्य विभाग व स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भूमिका पर चर्चा की गई।

अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 विमल गुसाई ने कहा कि तेजी से बढ़ रही जनसंख्या से समस्याएं भी बढ़ रही हैं, जिसके दृष्टिगत आने वाली पीढ़ी के सुखद भविष्य के लिए जनसंख्या स्थिरीकरण बेहद जरूरी है।

वक्ताओं ने परिवार नियोजन अपनाने के लिए सामाजिक स्तर पर व्यवहार परिवर्तन पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया, कहा कि स्वास्थ्य विभाग व स्वास्थ्य कर्मियों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा गया कि परिवार कल्याण सेवा प्रदात्ता के साथ-साथ स्वास्थ्य कर्मियों को जागरूकता फैलाने के साथ एक प्रेरक के रूप में कार्य करना होगा।

उन्होंने स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को परिवार कल्याण के विकल्प व साधनों का अधिक से अधिक उपयोग सुनिश्चित कराने हेतु जागरूकता के स्तर पर प्रभावी करने की आवश्यकता है। जिला समन्वयक परिवार नियोजन डाॅ. मनवर सिंह रावत ने कहा कि लड़की की शादी 18 साल की उम्र के बाद करने, दो बच्चों में तीन वर्ष का अंतर रखने व बच्चों में अंतर रखने के लिए गर्भ निरोधक साधनों का उपयोग करने पर जोर दिया गया।

साथ ही बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा परिवार नियोजन के साधन पुरूष नसबन्दी कराने पर रूपए 2000 की,महिला नसबन्दी कराने पर रूपए 1400 व गर्भ निरोधक उपाय पीपीआईयूसीडी अपनाने पर रूपए 300 व प्रसव के बाद 7 दिन के भीतर नसबन्दी अपनाने पर रूपए 2200 की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जा रही है।

इस अवसर पर डाॅ.  मनदीप कौशिक, डाॅ. शाकिब हुसैन, कंसल्टेंट एनसीडी दीपक नौटियाल, नागेश्वर बगवाड़ी, दिगपाल कंडारी, दुर्गा करासी, हरेंद्र सिंह नेगी, विपिन खन्ना, दीपक सिंह नेगी, विजय कुमार, कलम सिंह आदि मौजूद रहे।

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