ग्रीस: ग्रीस 50 सालों में सबसे गर्म जुलाई के महीने से गुजर रहा है। तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा है। इस बीच वहां रोड्स आईलैंड में जंगलों में लगी आग से हालात और खराब हो गए हैं। 30 हजार से ज्यादा लोगों को उनके घर से निकालकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है।
लोगों की मदद करने और जंगल में लगी आग बुझाने के लिए सरकार सेना और कोस्ट गार्ड की मदद ले रही है। अधिकारियों का कहना है कि अभी तक किसी की जान नहीं गई है, लेकिन हालात काफी गंभीर हैं। कई इलाकों में आपातकाल लगाया गया है।
अलजजीरा के मुताबिक ग्रीस में 79 जगहों पर आग लगी है। इसे बुझाने के लिए 5 हेलिकॉप्टर और 173 फायर फाइटर्स को काम पर लगाया गया है।आग इतनी भीषण है कि उसमें अभी तक 35 वर्ग किलोमीटर का जंगल जलकर राख हो चुका है। पूरे देश को अगले हफ्ते तक हाई अलर्ट पर रखा गया है। हीट स्ट्रोक के चलते 38 लोगों को अस्पताल में भर्ती किया गया है। समुद्र के तापमान 2 से 3 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
रोड्स आईलैंड काफी हराभरा जंगल है इसके चलते यहां दुनियाभर से पर्यटक घूमने के लिए आते हैं। एक पर्यटक ने BBC को बताया कि वो छुट्टियों में घूमने के लिए ग्रीस आई थी, लेकिन अब उसे अपना महंगा होटल छोड़ स्कूल में रहना पड़ रहा है।
जंगल की आग को बाढ़ के बाद सबसे बड़ी आपदा माना जाता है। जंगल की आग से हर साल 4 मिलियन स्कवायर किलोमीटर का इलाका जल जाता है। आग जलने के लिए हीट, ईंधन और ऑक्सीजन जरूरी होते हैं। जंगल में ऑक्सीजन हवा में ही मौजूद होती है। पेड़ों की सूखी टहनियां और पत्ते ईंधन का काम करते हैं। वहीं एक छोटी सी चिंगारी हीट का काम कर सकती है।
ज्यादातर आग गर्मी के मौसम में लगती है। इस मौसम में एक हल्की चिंगारी ही पूरे जंगल को आग की चपेट में लेने के लिए काफी होती है। ये चिंगारी पेड़ों की टहनियों के आपस में रगड़ खाने से या सूरज की तेज किरणें भी कई बार भड़क जाती हैं।
गर्मी में पेड़ों की टहनियां और शाखाएं सूख जाती हैं, जो आसानी से आग पकड़ लेती हैं। एक बार आग लगने पर इसे हवा बढ़ावा देती है। इसके अलावा प्राकृतिक रूप से बिजली गिरने, ज्वालामुखी और कोयले के जलने की वजह से भी जंगल में आग लग सकती है। फिलहाल तापमान में बढ़ोतरी को कनाडा में लगी आग की मुख्य वजह बताया जा रहा है।
भारत में जहां लोग तेज बारिश और बाढ़ जैसे हालातों से परेशान हैं। वहीं, अमेरिका में लगातार बढ़ते पारे ने लोगों को जीना मुश्किल कर दिया है। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में अगले हफ्ते तापमान खतरनाक लेवल पर पहुंचने वाला है। इसकी चपेट में 11 करोड़ 30 लाख लोग हैं।