जोशीमठ: जोशीमठ में आपदा प्रभावितों की मुश्किलें मानसून की दस्तक के साथ ही बढ़ने लगी हैं। सुनील गांव में वर्षा के दौरान गड्ढा होने से लोग डरे हुए हैं। हालांकि प्रभावितों ने मजदूरों के जरिये गडृढा को बंद कर दिया है।
प्रभावितों का कहना है कि वर्षा से उनके भवनों की दरारें भी चौड़ी हो रही हैं। जोशीमठ में आपदा प्रभावित सुनील वार्ड में वर्षा के दौरान विनोद सकलानी व दुर्गा सकलानी के भवन के पीछे एक गड्ढा बन गया। इस गड्ढे में वर्षा का पानी समा रहा है। बताया गया कि प्रशासन को इसकी सूचना दी गई, लेकिन कोई भी मौके पर नहीं आया। फिर भवन स्वामियों ने मजदूर लगाकर गड्ढों को भरवाया है।
सुनील वार्ड निवासी आपदा प्रभावित दुर्गा प्रसाद सकलानी का कहना है कि लोगों के घरों की दरारें भी चौड़ी हो रही हैं। फिर भी प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है। बताया कि गांधी मैदान, छावनी बाजार, सिंहधार, मनोहर बाग क्षेत्र में भी मानसून के दौरान भवनों पर दरारें चौड़ी हो रही हैं। वहीं नई दरारें भी देखी जा रही हैं। ऐसे में आपदा प्रभावितों का भयभीत होना स्वभाविक है।
जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती ने आपदा प्रभावित घरों में आई दरारों का फोटो व वीडियो इंटरनेट मीडिया पर भी जारी किया है। उन्होंने कहा कि दरारें बढ़ने के बाद भी प्रभावित खतरों के बीच घरों में रह रहे जो चिंताजनक है। वैज्ञानिकों की रिपोर्ट सार्वजनिक न होने से भी यह साफ नहीं है कि कौन सा इलाका सुरक्षित है व कौन सा नहीं, ऐसे में पूरे जोशीमठ के लोग वर्षा के दौरान किसी अनहोनी की आशंका से डरे हुए हैं।
मानसून के दौरान जगह जगह पानी ही पानी है। नदी नाले बढ़ गए हैं, लेकिन जोशीमठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 10 दिन से पानी की किल्लत बनी है। बताया गया कि चिकित्सालय में पानी न होने से भर्ती मरीज भी दैनिक उपयोग के लिए पहले पानी ढो रहा है।
चिकित्सालय में मरीजों के भर्ती होने का क्रम लगा रहता है। 10 दिन से स्वास्थ्य विभाग पेयजल किल्लत को लेकर शिकायत कर रहा है, परंतु समस्या का समाधान नहीं हो पाया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डा. गौतम का कहना है कि 10 दिन से पेयजल न होने से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ साथ मरीज भी परेशान हैं।