बाढ़ का अलर्ट, गांवों में 5 फुट तक घुसा पानी

नोएडा/नई दिल्ली. यमुना नदी का जलस्तर बढ़ने के साथ-साथ गाजियाबाद से गुजरने वाली हिंडन नदी ने भी परेशानी खड़ी कर दी है. हिंडन नदी में काफी कम पानी हुआ करता था. उसका भी जलस्तर काफी ज्यादा बढ़ गया है.

यमुना और हिंडन दोनों नदियों के जलस्तर में वृद्धि के बाद दिल्ली-एनसीआर के निचले इलाके में रहने वाले कई लोगों को अपना घर खाली करना पड़ा है. गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन ने हिंडन नदी में बढ़ रहे जलस्तर के मद्देनजर निचले इलाकों के लिए बाढ़ की चेतावनी जारी की है. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि शनिवार को नदी का जलस्तर बढ़ने की चेतावनी जारी होने के बाद पांच गांवों के करीब 200 लोगों को शनिवार को राहत शिविरों में पहुंचाया गया जहां पर प्रशासन की ओर से खाने पीने और स्वास्थ्य देखभाल की व्यवस्था की गई है. अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व अतुल कुमार ने बताया कि काली नदी से लगातार हिंडन में पानी छोड़ा जा रहा है, जिसकी वजह से नदी का जलस्तर बढ़ा है.

उन्होंने बताया कि गाजियाबाद बैराज पर हिंडन नदी के खतरे का निशान 205.80 मीटर है और इस समय नदी का जल स्तर 200.65 मीटर है. गौतमबुद्ध नगर जिला हिंडन और यमुना नदियों के बीच स्थित है. जिले में हाल ही में यमुना नदी के किनारे बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हुई थी जिससे करीब 550 हेक्टेयर भूमि जलमग्न हो गई और हजारों लोग और मवेशी प्रभावित हुए थे.

सिटी फॉरेस्ट में पानी घुसने के साथ ही पास के ही अटौर गांव में 5-5 फुट तक पानी पहुंच गया है. फर्रुखनगर इलाके के नंगला अटौर गांव में शुक्रवार को एकाएक बाढ़ का पानी आबादी की ओर बढ़ने लगा. आबादी के कुछ मकान करीब 5-5 फीट तक पानी में डूब गए.

इन घरों में रह रहे लोगों ने छतों पर चढ़कर जान बचाई. उधर, गांव करहेड़ा की चार कॉलोनियों में हिंडन नदी का पानी भर गया है. इन कॉलोनियों में रहने वाले एक हजार से ज्यादा परिवार दहशत में आ गए हैं. बाढ़ के चलते सिटी फॉरेस्ट बीते तीन दिन से बंद पड़ा हुआ है, जो करीब 175 एकड़ में फैला हुआ है.

दूसरी ओर, राष्ट्रीय राजधानी में यमुना नदी का जलस्तर रविवार को एक बार फिर खतरे के निशान के पार कर 206 मीटर के पार चला गया, जिससे दिल्ली के निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है. उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश के बाद हथिनीकुंड बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यमुना का जलस्तर बढ़ गया है. यमुना के जलस्तर में बढ़ोतरी के बाद प्रशासन ने लोगों से तुरंत ही निचले इलाके को खाली करने को कहा है.

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