हिमाचल में बाढ़, 25 मजदूरों के बहने की सूचना

धर्मशाला।  हिमाचल में बारिश और बाढ़ ने तबाही मचाई हुई है। कुल्लू में बाढ़ के बाद अब धर्मशाला में भी हालात खराब है। जिले के खनियारा मनूनी खड्ड का जलस्तर बुधवार को अचानक बढ़ गया। जिस कारण इंदिरा प्रियदर्शनी जल विद्युत परियोजना के काम में मनूनी में जुटे 100 मजदूरों में से करीब 25 मजबूत बह गए हैं, ऐसी संभावना जताई जा रही है। करीब दो शव मनूनी खड्ड में बरामद हो गए हैं।

एसडीआरएम की टीम व स्थानीय प्रशासन व ग्राम पंचायत, राजस्व विभाग की टीम मौके पर है। परियोजना में लगे स्थानीय लोग सुरक्षित बताए जा रहे हैं। बारिश के कारण परियोजना का काम नहीं हो रहा था, इस लिए सभी मजदूर, मजदूर कॉलोनी (टेंपरेरी शेड) में ही थे। इस बीच मनूनी खड्ड व नाले का सारा पानी कॉलोनी की तरफ डायवर्ट हो गया और कॉलोनी में शेडों में आराम कर रहे मजदूर बह गए। पानी में बहे ज्यादातर मजदूर श्रीनगर के रहने वाले बताए गए हैं।

अब तक जिन दो मजदूरों के शव बरामद हुए हैं उनके नाम का भी पता नहीं चल सका है। पहला शब टिल्लू के पास मिला है, जबकि दूसरा नगूनी में मिला है। दोनों क्षेत्रों में काफी दूरी है और नगूनी क तरफ गई एसडीआरएफ की टीम के साथ कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है।

ग्राम पंचायत सौकणी दा के प्रधान अमर सिंह ने कहा कि मनूनी खड्ड में ज्यादा पानी आया है। एक व्यक्ति पानी में बहकर टिल्लू के पास मनूनी खड्ड किनारे पहुंच गया था, जिसकी मौत हो गई। पुलिस के राहत बचाव दल ने व्यक्ति के शव को पंचनामे के लिए धर्मशाला अस्पताल भेज दिया है। जबकि अन्य लोगों के पानी में फंसे होने या बह जाने की संभावना को देखते हुए पहाड़ी की तरफ खड्ड सर्च करने को टीम निकली है।

यहां जल विद्युत परियोजना ने जमकर होकर पेड़ कटान व कटाई की है व मलबा फेंका है। जिससे टपाली व मनूनी नाले का बहाब बदलने का प्रयास हुआ है। इस बारे में जिला प्रशासन को शिकायत दी है। लेकिन परियोजना पर कार्रवाई नहीं हुई। काफी नुकसान हुआ है। नगूनी में टीम से संपर्क होने पर ही पता चलेगा कि कुल कितने मजदूर बहे हैं।

धर्मशाला के विधायक सुधीर शर्मा ने इंटरनेट मीडिया में जानकारी साझा की है। जिसमें उन्होंने मनूनी खड्ड में पानी में करीब15-20 मजदूरों के बह जाने की आशंका जताई है। उन्होंने लिखा है कि इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवारों के साथ हैंऔर दिवंगत आत्माओं की शांति की कामना करते हैं। ऐसी ह्रदय विदारक घटना शायत पहे नहीं देखी यह सभी खड्ड किनारे बने शेड में रह रहे थे।

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