लखनऊ। प्रदेश में गंगा, यमुना और पांडु नदी का बढ़ता जल स्तर के बाद नदियों किनारे बसे 27 शहरों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। वहीं, उन्नाव, फर्रूखाबाद, फतेहपुर, रायबरेली, चित्रकूट, कानपुर सहित छह जिलों में गंगा की लहरे किनारे बसे गांवों में रहने वाले ग्रामीणों में दहशत भर रही हैं।
रायबरेली में तट बंधों से छोड़े गए पानी से डलमऊ में गंगा का जलस्तर गांवों की ओर रुख करने लगा है। धीमी रफ्तार से जलस्तर चेतावनी बिंदु के करीब पहुंच रहा है। केंद्रीय जल आयोग कार्यालय के अनुसार रविवार को गंगा का जलस्तर 98.030 मीटर दर्ज किया गया। जलस्तर चेतावनी बिंदु 98.360 मीटर के सापेक्ष सिर्फ 33 मिली मीटर दूर है। लगातार बढ़ रहे जलस्तर के कारण कटान तेज हो गई है। बढ रहे जलस्तर ने ग्रामीणों की उलझने बढ़ा दी हैं।
तहसील मुख्यालय पर तैनात अधिकारी जिला मुख्यालय पर रहकर बाढ पर नजर रख रहे हैं। बाढ के हालात बने तो पर ग्रामीणों की मदद की तैयारियां भी कागज पर अलर्ट हैं। उपजिलाधिकारी, तहसीलदार व नायब तहसीलदार के पास बाढ क्षेत्र का निरीक्षण करने का समय नहीं है। गंगा का जल स्तर बढ रहा है ग्रामीण परेशान हैं, अधिकारी तहसील मुख्यालय पर नहीं रुक रहे हैं। उपजिलाधिकारी डलमऊ अभिषेक वर्मा ने बताया कि गंगा के जलस्तर पर बराबर नजर रखी जा रही है। मै अभी नया आया हूं, बाढ क्षेत्र में कौन से गांव आते हैं, क्या तैयारी चल रही है, इसकी जानकारी करने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा।
जिले में गंगा का निशान खतरे की ओर तेजी से बढ़ रहा है। प्रत्येक तीन घंटे में एक सेंटीमीटर जलस्तर बढ़ रहा है। गंगा का पानी मुहाने पर बसे गांवों में घुसने लगा। इससे कटरी क्षेत्र में बाढ़ की विभीषिका जैसा नजारा कायम हो गया। इससे ग्रामीणों में दहशत बढ़ गई। जिले में गंगा का जलस्तर प्रति घंटा तीन सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। शनिवार दोपहर करीब दो बजे 125.25 सेंटीमीटर जलस्तर रिकार्ड किया गया।
खतरे के निशान 125.97 से अब 72 सेंटीमीटर सिर्फ गंगा का जलस्तर दूर है। महादेवी गंगा घाट पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है। कासिमपुर गांव के अंदर पानी घुस गया। चारों तरफ से गंगा का जलस्तर हिलोरे मार रहा है। नायब तहसीलदार भूपेंद्र विक्रम सिंह ने बाढ़ प्रभावित कासिमपुर और बक्सीपुर्वा समेत महादेवी गंगा घाट का दौरा किया। घाट पर स्नान करने वाले लोग गहरे पानी में डूब न जाए, इसलिए बल्ली लगाकर बैरीकेडिंग कराई गई।
गंगा में बढ़े जलस्तर को देखते हुए डीएम शुभ्रांत कुमार शुक्ल ने नाव संचालन पर रोक लगा दी हैं। इसके बाद भी स्थानीय लोग गंगा में नाव संचालन कर श्रद्धालुओं की जान जोखिम में डाल रहे हैं। डीएम ने बताया कि नाव संचालन करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गंगा नदी का जलस्तर प्रतिदिन बढ़ रहा है। बीते 24 घंटे में गंगा का जलस्तर करीब छह सेंटीमीटर और बढ़ कर 112.100 मीटर पहुंच गया है। जिसके बाद तटवर्ती इलाकों में लोगों की धड़कने बढ़ गई हैं। इस बीच जहां शुक्लागंज के मोहम्मद नगर व गोताखोर मुहल्ले में चारों तरफ पानी पहुंचने से लोगों को आवागमन नाव से करना पड़ रहा है। जिसे देखते हुए प्रशासन ने दो नाव लगवाई गई हैं। वहीं दूसरी ओर गंगा किनारे बसे लोगों की नींद उड़ी है।
उधर फतेहपुर चौरासी में गंगा के बढ़ते जलस्तर से कटरी क्षेत्र के किसानो की कई बीघे भिंडी, धान,परवल आदि की फसल जलमग्न हो गई। गंगा के जलस्तर में तेजी से वृद्धि हो रही है। वहीं नाव का सहारा लेकर ग्रामीण अपनी फसलों को बचाने की जुगत में जुटे हुए हैं।किसानों में लक्ष्मीनारायण, मूलचंद्र, रमेश आदि किसानों ने बताया कि गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण कई बीघे फसल जलमग्न हो गई।जिससे भारी नुकसान हुआ है। वहीं नेकपुर प्राथमिक विद्यालय के पास भी गंगा का पानी पहुंच गया है।
यमुना नदी के किनारे बसे गांव ललौली, दपसौरा, पल्टूपुरवा फिलहाल खतरे से दूर हैं, लेकिन गंगा और पांडु नदीं में जलस्तर में लगातार हो रहे इजाफे ने खतरे की घंटी बजा दी है। एक तरफ पांडु नदी की कटान बिंदकी फारम गांव के प्राइमरी स्कूल के निकट तक पहुंच गयी है, तो उधर गंगा का पानी आठ गांवों की तरफ बढ़ रहा है। खेतों में बाढ़ का पानी न घुसे इसके लिए शनिवार को किसानों ने पुरानें बंधों को मिट्टी से ऊंचाकर मजबूत किया।
डीएम श्रुति ने बिंदकी, सदर और खागा के एसडीएम की बैठक लेकर बाढ़ को लेकर विचार-विमर्श किया और आवश्यक निर्देश दिये। यमुना नदी में जलस्तर अभी भी खतरे के निशान से साढ़े नौ मीटर नीचे है, जबकि बीते तीन दिनों से जलस्तर कम हो रहा है। इस नदी के किनारे बसे गांव व खेत मालिक खुद को सुरक्षित मान रहे हैं। गंगा नदी में लगातार जलस्तर बढ़ रहा है। ऐसे में पांडु नदी भी उफना रही है।
इन दो नदियों अब यदि और पानी बढ़ा तो मुख्य रूप से आठ गांव चपेट में आएंगे। जिसमें बिंदकी फारम, कालीकुंडी, बेनीखेड़ा, नया खेड़ा, मल्हूखेड़ा, दरियापुर कटरी मुख्य हैं। हालांकि प्रशासन की तरफ से इन गांवों के लिए महुआ बाढ़ चाैकी में इंतजाम शुरू कर दिये हैं, लेकिन किसानों को अब भी भरोसा है कि यहां तक ठीक है, लेकिन अब यदि आधा मीटर भी जलस्तर बढ़ा तो पानी खेतों में घुसने लगेगा। एसडीएम सदर प्रभाकर त्रिपाठी, एसडीएम मनीष कुमार और नंद प्रकाश मौर्य ने अपने अपने क्षेत्र में निगरानी की।
नया खेड़ा के किसान परशुराम निषाद समेत गांव के अन्य किसानों ने खेतों के बंधे मजबूत करने का कार्य शनिवार को किया। परशुराम बताते हैं कि पानी लगातार बढ़ रहा है, अब तक पानी खेतों में नहीं चढ़ा है, लेकिन यदि पानी और बढ़ेगा तो खेत डूब जाएंगे। खेतों को बचाने के लिए पुराने बंधे को मजबूत किया गया है कि ताकि पानी खेतों में न घुसे। बेनीखेड़ा के रामऔतार ने बताया कि पांडु नदी में कटान है, अब उनके गांव के प्राइमरी स्कूल से कुछ दूर आगे तक कटान हो गयी है। और कटान हुई तो पानी यहां भी चढ़ जाएगा।
नायब तहसीलदार अरविंद कुमार ने रामनगर कौहन यमुना घाट से प्रतिदिन बांदा जिले के मर्का कस्बे को आने-जाने वाली नाव को स्थगित करा दिया गया है। जब तक खतरा टल नहीं जाता है तब तक के लिए नाव का संचालन बंद करा दिया गया है। बता दें कि पिछले वर्ष यहां नाव पलटने से 12 लोगों की डूबकर मौत हो गयी थी। लाशें खोजने के लिए तीन दिन तक रेस्क्यू अभियान चलाया गया था
चित्रकूट में यमुना नदी का जल स्तर राजापुर और मऊ में बढ़ रहा है, लेकिन खतरे के निशान से काफी दूर है। शनिवार को उप जिलाधिकारी मऊ ने नदी क्षेत्रों के गांव व तट का निरीक्षण किया। बढ़ रहे जल स्तर को देखा। राजस्व टीम को बाढ़ पर नजर बनाए रखने के निर्देश दिए। केद्रीय जल बोर्ड के मुताबिक शनिवार को राजापुर में यमुना नदी का जल स्तर 82.00 मीटर पर रहा। जो शुक्रवार से स्थिर है। जिले में यमुना का खतरे का निशान 93 मीटर पर है।
हालांकि प्रशासन दूसरे जिलो में बाढ़ को देखते हुए सतर्क है। मऊ उप जिलाधिकारी राकेश कुमार पाठक ने शनिवार को तहसील क्षेत्र के ग्राम बरवार ,मवई कला, मंडौर एवं अन्य ग्राम जो यमुना नदी के किनारे स्थित हैं, उनमें नदी तट पर जाकर जल स्तर का निरीक्षण। राजस्व विभाग के कर्मचारियों से कहा कि बाढ़ चौकी पर चौकन्ना रहे। नदी के जल स्तर पर लगातार नजर रखें।