यरुशलम। गाजा सिटी के अस्पताल में बुधवार को छह सप्ताह के यूसेफ की जान चली गई। डॉक्टर तमाम प्रयास कर उसे थोड़ा सा लिक्विड दे पाए लेकिन उनके प्रयास नाकाफी साबित हुए। डॉक्टरों ने उसकी मौत का कारण भूख को बताया है। यूसेफ गाजा में 24 घंटों में भूख से मरने वाले 15 अभागे लोगों में शामिल था।
बीते दो महीनों में फलस्तीनी क्षेत्र में तमाम बच्चे और बुजुर्ग भूख और कुपोषण से दम तोड़ चुके हैं। दवाओं के अभाव में मरे लोगों की संख्या जोड़ दी जाए तो मौत का आंकड़ा और बड़ा हो जाता है।विडंबना की स्थिति यह है कि भूखे लोग जब खाना-पानी लेने के लिए स्वयंसेवी संगठनों के वितरण केंद्रों पर जाते हैं तो इजरायली सैनिक उन पर गोलियां बरसा देते हैं। ऐसी घटनाओं में बीते सात सप्ताह में एक हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं।
यूसेफ के चाचा ने बताया कि गाजा में दूध दुर्लभ है, अगर कहीं मिल भी जाए तो कुछ लिटर की कीमत 100 डॉलर तक हो सकती है। गाजा, पश्चिम एशिया और विश्व के विभिन्न हिस्सों में कार्य करने वाले 111 राहत और मानवाधिकार संगठनों ने गाजा में निकट भविष्य में दसियों हजार लोगों की भुखमरी का अंदेशा जताया है।
आगे कहा कि गाजा के हालात नारकीय हैं, वहां पर खाद्य सामग्री, पेयजल और अन्य सामग्री की आपूर्ति पर लगी रोक न हटाई गई तो स्थिति और ज्यादा बिगड़ जाएगी। इन संगठनों ने विश्व समुदाय से इजरायल पर दबाव डालकर मानवीय सहायता की अविलंब आपूर्ति सुनिश्चित कराने के लिए कहा है।
संयुक्त राष्ट्र पहले ही गाजा की स्थितियों पर चिंता जता चुका है और इजरायली सेना की भूमिका की निंदा कर चुका है। कहा है कि जिस प्रकार से संयुक्त राष्ट्र के राहत सामग्री केंद्रों पर हमले हो रहे हैं उससे गाजा में लोगों की जीने की आखिरी उम्मीद भी टूट रही है।जबकि संयुक्त राष्ट्र में इजरायल के राजदूत डैनी डैनन ने गाजा की स्थिति के लिए हमास को जिम्मेदार ठहराया है। कहा है कि इस मामले में इजरायल को बेवजह बदनाम किया जा रहा है।
गाजा में इजरायली सेना के ताजा हमलों में 21 लोग मारे गए हैं। मारे गए लोगों में आधे से ज्यादा बच्चे और महिलाएं हैं। इन्हें मिलाकर गाजा में अक्टूबर 2023 से अभी तक इजरायली हमलों में मारे गए फलस्तीनियों की संख्या 59 हजार को पार कर गई है। जबकि पिछले सप्ताह गाजा में पांचवीं सदी में बने कैथोलिक चर्च पर हमले के लिए इजरायली सेना ने गलती मानी है।
उस हमले में तीन लोग मारे गए थे और चर्च के भवन को नुकसान हुआ था। जबकि गाजा में युद्धविराम के लिए चल रही वार्ता के बीच इजरायल ने कहा है कि स्थायी शांति के लिए वहां पर इजरायली सेना की पूर्ण विजय जरूरी है।