गोपेश्वर। उत्तराखंड के गांवों की यह तस्वीर आपको सोचने पर मजबूर कर देगी कि आखिर उत्तराखंड में कैसी निर्दयी सरकार है। जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए तरस रही है और हमारे हकीम ऐश कर रहे हैं। उत्तराखंड की यह तस्वीर आज कोई नयी नहीं है। ऐसी कई तस्वीरे है जो आपको सोचने पर मजबूर कर देगी। आपको बताते हैं कि उत्तराखंड में स्वास्थ्य सेवाओं का क्या हाल है जब एक बीमार महिला को अस्पताल तक पहुंचाने के लिए 19 किमी पैदल चलना पड़ता है। सरकार का स्वास्थ्य महकमा स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर करोड़ों फाइलों में खर्च कर रही है, जबकि हकीकत कैसी है यह आप खुद ही देख लीजिए।
उत्तराखंड की यह तस्वीर बेहद दर्दनाक नहीं तो ओर क्या है। आप खुद ही सोचिए सूबे के मंत्री हो या फिर सीएम सभी मजे में हैं और अपने ऐशोआराम में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे और जनता दर्द से कराह रहे हैं। यह हकीकत है और इसकी बानगी चमोली जिले में देखने को मिली। अब आप खुद ही सोच लिजिए कि उत्तराखंड में कैसी नकारी सरकार है।
चमोली जिले में बारिश से ग्रामीण क्षेत्रों की मुसीबतें बढ़ गई है। निजमूला घाटी में सड़क अवरुद्ध होने के कारण मरीज को कुर्सी पर ही मीलों पैदल चलकर अस्पताल पहुंचाया गया। अन्य क्षेत्रों में भी यह दिक्कत सामने आने के आसार बने हुए हैं।
बात दें कि दो दिन पूर्व बिरही निजमूला मोटर मार्ग गाडी गांव के पास अवरुद्ध हो गया था। लोनिवि ने अभी तक सड़क की मरम्मत को लेकर कोई कदम नहीं उठाए गए हैं। निजमूला व पगना मं भी सड़क अवरुद्ध है। यहां पर सडक पीएमजीएसवाई के पास है। सड़क बंद होने से मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने में दिक्कतें हो रही है। बीते दिन ईराणी गांव की सप्तरी देवी पत्नी कुंवर सिंह की तबीयत अचानक खराब हो गई।

पहले तो ग्रामीण इस महिला को ईराणी से सात किमी पैदल कुर्सी की पालकी पर लाए। पगना में सड़क खराब होने के बाद यहां से 12 किमी पैदल ही कुर्सी पर गाडी गांव तक लाया गया। यहां से वाहन के जरिए महिला को अस्पताल पहुंचाया गया।
महिला को अस्पताल लाने वाले ईराणी गांव के राकेश सिंह, दिनेश सिंह, हीरा सिंह, सोहन सिंह, देव सिंह, जयपाल सिंह का कहना है कि निजमूला ईराणी सड़क बरसात के दौरान कई स्थानों पर क्षतिग्रस्त पड़ी हुई है। विभाग व प्रशासन ने इसकी सुध नहीं ली जा रही है। जिससे ग्रामीणों को खासकर मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाने में दिक्कतें हो रही है।