नैनीताल: आजकल आसमान में आकर्षण का केंद्र बना धूमकेतु सी/2022 ई-3 (जेडटीएफ) सूर्य की परिक्रमा करने के बाद अपने पाथ (मार्ग) पर पृथ्वी की ओर आगे बढ़ने लगा है। दो फरवरी को यह पृथ्वी के सर्वाधिक करीब पहुंच जाएगा। विज्ञानियों ने इस धूमकेतू को नग्न आंखों से देखे जाने की संभावना जताई है।
आर्यभट्ट प्रेक्षण विज्ञान शोध संस्थान (एरीज) नैनीताल के वरिष्ठ खगोल विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय ने बताया कि 12 जनवरी को हरा धूमकेतु सूर्य के नजदीक पहुंचा था और अब धरती की ओर आगे बढ़ रहा है। खास बात यह है कि इसकी चमक बढ़नी शुरू हो गई है।
यह धूमकेतुओं पर अध्ययन कर रहे विज्ञानियों व एस्ट्रोफोटोग्राफरों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। दो फरवरी को सर्वाधिक करीब पहुंचने पर इसकी दूरी पृथ्वी से 0.29 खगोलीय इकाई (एयू) यानी 44 मिलियन किमी रह जाएगी।
माना जा रहा है कि इसकी चमक पांच या छह मैग्नीट्यूट तक पहुंचेगी। तब इसे नग्न आंखों से देख पाना संभव हो सकेगा। फिलहाल इसे दूरबीन की सहायता से देखा जा सकेगा।
पिछले साल दो मार्च को दक्षिणी कैलिफोर्निया में माउंट पालोमर की ज्विकी ट्रांसिएंट फैसिलिटी वेधशाला से इस धूमकेतु की खोज हुई थी। यह खोज 48 इंच सैमुअल ओस्चिन रोबोटिक टेलीस्कोप की मदद से हो सकी। विज्ञानी मान रहे हैं कि यह इस साल का सबसे अधिक चमकीला धूमकेतु होगा।
विज्ञानी डा. शशिभूषण पांडेय ने बताया है यह धूमकेतु 10 फरवरी को मंगल के बेहद करीब होगा। तब इस धूमकेतु को आसानी से देखा जा सकेगा। यह चमकती पूंछ के साथ सूर्यास्त के ठीक बाद पश्चिम के आसमान में नजर आएगा। धूमकेतु ई-3 उस रात मंगल के ठीक ऊपर मौजूद होगा।