हरिद्वार। आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी के रथ पर सवार होते ही श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा और अग्नि अखाड़ा की पेशवाई शुरू हो गई। यह पेशवाई मायापुर स्थित जूना अखाड़े की छावनी में प्रवेश करेगी। पंच-परमेश्वर रमता पंच कारोबारी पंच, कोठार के साथ-साथ सारी व्यवस्थाएं संभाल हुुए हैं। जूना अखाड़े के सचिव श्रीमहंत महेशपुरी ने बताया पेशवाई में हजारों नागा संन्यासी शामिल हुए हैैं।
श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा एवं श्रीपंच अग्नि अखाड़ा की पेशवाई गुघाल मंदिर पांडेयवाला, नीलखुदाना, पांवधोई चौक, ज्वालापुर कोतवाली से मुख्य बाजार, कटहरा बाजार, रेल चौकी से आर्यनगर न जाकर सीधा ऊंची सड़क से होते हुए आर्यनगर, चंद्राचार्य चौक, देवपुरा चौक, रेलवे स्टेशन, शिवमूर्ति चौक होते हुए ललतारौपुल पर अपनी छावनी में पहुंचेगी। जूना के साथ ही अग्नि एवं आह्वान की छावनी बनती है।
महाकुंभ हरिद्वार 2021 की पेशवाई की पूर्व वेला में आज जूनापीठाधीश्वर आचार्यमहामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज ने कलियुग की अधिष्ठात्री देवी – ‘माँ मायादेवी’ के सारस्वत परिसर में सनातन वैदिक धर्म संस्कृति एवं उसके शाश्वत जीवन मूल्यों की अभिरक्षा के लिए नूतन महामंडलेश्वरों श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा में नियुक्त कर उनका पट्टाभिषेक किया। जिनमें हिमालायन योगी महामंडलेश्वर स्वामी वीरेंद्रानंद गिरि महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी जयाम्बा गिरि, महामंडलेश्वर स्वामी करणपुरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी विमल गिरि महाराज सम्मिलित हैं।
इस अवसर पर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के सभापति पूज्य स्वामी प्रेम गिरि महाराज, अखाड़ा परिषद के महासचिव एवं जूना अखाड़े के संरक्षक पूज्य स्वामी हरिगिरि महाराज सभी मढ़ियों के प्रमुख, कुंभ मेला आइजी संजय गुंज्याल, कुंभ मेला एसएसपी श्री जन्मेजय खंडूड़ी सहित शासन-प्रशासन के अनेक अधिकारी एवं समन्वय सेवा ट्रस्ट के सचिव आदरणीय आईडी शास्त्री समेत अनेक पूज्य संतों व गणमान्य जनों की उपस्थिति रही।