देहरादून: देश में मंकीपॉक्स का मामला सामने आने के बाद उत्तराखंड के नेशनल हेल्थ मिशन (एनएचएम) निदेशक ने सभी जिलों को इससे बचाव के लिए गाइडलाइन जारी की है। इसमें मंकीपॉक्स के इलाज की पूर्व तैयारियों से लेकर उनके इलाज की व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश दिए गए हैं। एनएचएम निदेशक डॉ. आर राजेश कुमार की ओर से जारी गाइडलाइंस में सबसे पहले सर्विलांस सिस्टम को मजबूत करने पर जोर दिया गया है।
सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वह सभी विदेशों से यात्रा करके लौटे हुए व्यक्तियों पर निगाह रखें। संदिग्धों को किसी भी सूरत में दरकिनार न किया जाए। अस्पतालों में इलाज के दौरान मंकीपॉक्स जैसे लक्षण आने पर तुरंत उसे गंभीरता से लेते हुए जांचें कराएं।
ऐसे लोगों को केंद्र सरकार की गाइडलाइन के तहत आइसोलेशन में रखा जाए। सभी फ्रंटलाइन हेल्थ वर्कर को भी संपूर्ण सुरक्षा कवच उपलब्ध कराया जाए। किसी भी संदिग्ध का सैंपल सीधे एनआईवी पुणे लैब को जांच के लिए भेजा जाए। कहीं कोई पॉजिटिव केस आने पर तत्काल उस व्यक्ति के संपर्क में आए लोगों को ट्रेस कर आइसोलेट किया जाए।
एनएचएम निदेशक डॉ. आर राजेश कुमार ने कहा है कि अस्पतालों में काम करने वाले सभी चिकित्सकों, सर्विलांस टीम, कांटेक्ट ट्रेसिंग टीम और अन्य स्टाफ को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जाए। मंकी पॉक्स से बचाव को लेकर जनजागरुकता को भी बढ़ावा दिया जाए।