उत्तराखंड में वन्यजीव सुरक्षा को हाई अलर्ट, फील्ड कर्मियों की छुट्टियां रद्द

देहरादून। उत्तराखंड में नववर्ष के जश्न की आंच वन्यजीवों पर न आए, इसके लिए वन महकमे ने कमर कस ली है। वन्यजीव सुरक्षा के मद्देनजर हाई अलर्ट जारी करने के साथ ही फील्ड कर्मियों की छुट्टियां दो जनवरी तक रद की गई हैं। कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व समेत सभी संवेदनशील क्षेत्रों में वनकर्मियों की टीमों ने मोर्चा संभाल लिया है।

उत्तर प्रदेश की सीमा पर दोनों राज्यों के कार्मिक संयुक्त रूप से गश्त में जुटे हैं। इसके अलावा वन विश्राम गृहों और वन सीमा से सटे होटल-रिसॉट्र्स की निगरानी की जा रही है। सैलानियों के लिए भी गाइडलाइन जारी कर दी गई है। नववर्ष के मद्देनजर वन विश्राम गृहों के साथ ही संरक्षित-आरक्षित वन क्षेत्रों के नजदीकी होटल, रिसॉर्ट्स बुक होने से वन महकमे की चिंता भी बढ़ गई है।

चिंता इस बात की कि जश्न के माहौल के बीच शिकारी अथवा तस्कर जंगलों में न आ धमकें। हालांकि, अभी ऐसा कोई खुफिया इनपुट विभाग को नहीं मिला है, लेकिन महकमे ने अतिरिक्त सतर्कता बरतने के साथ ही वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा के मद्देनजर तैयारियां कर ली हैं।

राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग के अनुसार राज्य में हाई अलर्ट जारी करने के साथ ही वन क्षेत्राधिकारी से नीचे के कार्मिकों को अपरिहार्य परिस्थितियों में ही छुट्टी दी जाएगी। सभी जगह सघन गश्त प्रारंभ कर दी गई है।

कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के 12 और राजाजी टाइगर रिजर्व के संवेदनशील क्षेत्रों में आठ टीमें निरंतर गश्त में लगाई गई हैं। यही नहीं, उत्तर प्रदेश के वन महकमे से समन्वय स्थापित कर सूचनाओं का आदान-प्रदान किया जा रहा है। खुफिया सूचनाओं को कुछ संस्थाओं की मदद भी ली जा रही है।

सुहाग ने बताया कि वन विश्राम गृहों और वन सीमा के नजदीकी होटल, रिसॉट्र्स पर भी नजर रखी जा रही है। वहां ठहरने वाले सैलानियों के लिए गाइडलाइन जारी की गई है। गाइडलाइन के मुताबिक वन विश्राम गृह, होटल-रिसॉर्ट्स में न तो डीजे बजेगा और न तेज रोशनी होगी। सूर्यास्त के बाद कोई भी बाहर नहीं निकलेगा।

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