घर बनाना हुआ और महंगा

सीमेंट, सरिया, ईंट के साथ न‍िर्माण में प्रयोग होने वाली वस्‍तुओं के दाम बढ़े

हल्द्वानी : घर बनाने का सपना देख रहे लोगों पर भी महंगाई की मार पड़ी है। सीमेंट व सरिया के दाम बढऩे से घर बनाना महंगा हो चुका है। एक महीने में सरिया दो हजार रुपये प्रति कुंतल बढ़ोत्तरी के साथ टाप पर है। वहीं ग्रेनाइट पत्थर व मार्बल के दामों में भी 15 से 20 प्रतिशत उछाल आया है।

कारोबारी विजेंद्र संगरौला ने बताया कि कंपनियों ने लागत महंगे होने का हवाला देकर सभी सामान में रेट बढ़ा दिए हैं। बाथरूम में लगने वाली सीट में 150 रुपये, सीमेंट में 50 रुपये, सरिया में 2000 रुपये, जेआई पाइप में 350, कील में 25 रुपये व तार में 25 रुपये बढ़ चुके हैं। इधर, रामपुर रोड स्थित मार्बल कारोबारी ने बताया कि ग्रेनाइट व मार्बल के दाम बढऩे की वजह माल भाड़ा बढऩा है।

उन्होंने बताया कि शहर में अधिकांश जगह पर राजस्थान से ग्रेनाइट व मार्बल आता है। लोग सबसे छोटा 10 बाय 10 का एक कमरा भी बनाना चाहेगा तो उसे 121 फीट ग्रेनाइट या मार्बल लगाना पड़ेगा। बताया की पेट्रोल व डीजल के दाम बढऩे से इनके दाम में बढ़ोत्तरी हुई है। डीजल व पेट्रोल के दाम कम होने से रेट कुछ कम हो सकते हैं।

ईंट का घर बनाना गरीब के बस की बात नहीं है। कारोबारियों के मुताबिक एक महीने पहले 10 हजार ईंट की गाड़ी 54 हजार रुपये में आ जाया करती थी। अप्रैल से 10 हजार ईंट की वही गाड़ी 62 हजार रुपये में आ रही है। ईंट के दाम में बढ़ोत्तरी होना और तय है।

अली वारिस का कहना है कि महंगाई चरम पर पहुंचती जा रही है। घर बनाना हर किसी के बस की बात नहीं है। सरकार को कुछ रियायत देनी चाहिए। मधु अग्रवाल ने बताया कि घर हर व्यक्ति की जरूरत है। लेकिन इतनी महंगाई में घर कैसे बनेगा यह बड़ा सवाल है। ईंट व सीमेंट में ही जेब ढीली हो जाती है।

अमित गुप्ता ने कहा कि हर वस्तु पर महंगी हो चुकी है। कारोबारियों के पास सामान लेने जाओ तो हर दूसरे दिन नए रेट बताने लगते हैं। जरूरत है कि सरकार महंगाई पर अंकुश लगाए। मालती शर्मा ने बताया कि एक ओर गरीबों को पीएम आवास के तहत घर दिए जा रहे हैं। दूसरे तरफ इतनी महंगाई। ईंट खरीदने में ही लोगों का बजट खर्च हो रहा है। घर बनाना इस समय हमारे बस की तो बात नहीं है।

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