फिल्म देखने पर खौफनाक सजा

कोरिया :उत्तर कोरिया से एक चौंकाने वाली खबर आई है जिसने पूरी दुनिया को हैरान कर दिया. संयुक्त राष्ट्र (UN) की नई मानवाधिकार रिपोर्ट के मुताबिक, वहां लोगों को सिर्फ विदेशी टीवी शो खासतौर पर साउथ कोरिया के मशहूर के-ड्रामा शेयर करने के लिए मौत की सजा दी जा रही है. यानी सोचिए, जहां बाकी दुनिया नेटफ्लिक्स, डिज़्नी+ और यूट्यूब पर सीरीज बिंज-वॉच करती है, वहीं नॉर्थ कोरिया में ऐसा करना जिंदगी का सबसे बड़ा रिस्क बन चुका है. रिपोर्ट बताती है कि 2014 के बाद से निगरानी और भी सख्त हो गई है.

अब वहां नए कानूनों के तहत हर गतिविधि पर नजर रखी जाती है और सजाओं का स्तर इतना कठोर हो गया है कि विदेशी कंटेंट शेयर करने पर सीधे फांसी तक दी जा रही है. जिन लोगों ने अपने पड़ोसियों या दोस्तों के साथ ये सीरीज साझा की, उन्हें ‘अपराधी’ करार देकर मौत के घाट उतार दिया गया. संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय के प्रमुख जेम्स हीनन ने जिनेवा में कहा कि कोविड-19 महामारी के बाद से फांसी की घटनाएं और भी बढ़ गईं.

रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि समाज के निचले तबके के बच्चों को जबरन ‘शॉक ब्रिगेड्स’ में भेजा जाता है, जहां उन्हें कोयला खदानों और कंस्ट्रक्शन जैसे बेहद खतरनाक कामों में झोंक दिया जाता है. हालांकि रिपोर्ट में कुछ सकारात्मक पहलुओं का भी ज़िक्र है. उदाहरण के तौर पर जेलों में गार्ड्स की हिंसा पहले की तुलना में कम हुई है और नए कानूनों में निष्पक्ष सुनवाई का प्रावधान जोड़ा गया है. लेकिन कुल मिलाकर तस्वीर बेहद गंभीर और डरावनी है.

गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र की पिछली ऐतिहासिक रिपोर्ट में (2014) नॉर्थ कोरिया पर मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप लगाया गया था. नई 14-पेज की रिपोर्ट उसी कहानी को और आगे ले जाती है और दिखाती है कि वहां व्यक्तिगत स्वतंत्रता किस तरह और भी सीमित हो चुकी है. नॉर्थ कोरिया के जिनेवा मिशन और लंदन दूतावास ने इस रिपोर्ट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. जबकि नॉर्थ कोरिया सरकार का कहना है कि वह यूएन की इस जांच और उसके नतीजों को मान्यता नहीं देती. पूरी दुनिया में जहां लोग ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कहानियों, संगीत और फिल्म का आनंद लेते हैं, वहीं नॉर्थ कोरिया के लोग इन्हीं चीजों के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं.

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