पाकिस्तान :प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अगुवाई वाली सरकार ने एक बार फिर हैरान कर देने वाला कदम उठाया है. लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक और सीनेट चेयरमैन यूसुफ रजा गिलानी की सैलरी में 500 फीसदी का इजाफा कर दिया गया है.
एक ओर पाकिस्तान महंगाई, बेरोजगारी और कर्ज के दलदल में बुरी तरह फंसा है, दूसरी ओर उसकी सरकार खुद को सादगी का संदेश देते हुए नेताओं की जेबें भरने में जुटी है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अगुवाई वाली सरकार ने एक बार फिर हैरान कर देने वाला कदम उठाया है. लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नेशनल असेंबली के स्पीकर अयाज सादिक और सीनेट चेयरमैन यूसुफ रजा गिलानी की सैलरी में 500 फीसदी का इजाफा कर दिया गया है.
अब इन दोनों शीर्ष पदों पर बैठे नेताओं को हर महीने 13 लाख पाकिस्तानी रुपये वेतन मिलेगा, जबकि पहले उन्हें सिर्फ 2.05 लाख रुपये ही मिलते थे. यह बढ़ा हुआ वेतन 1 जनवरी 2025 से प्रभाव में आ जाएगा.यह पहली बार नहीं है जब शरीफ सरकार ने नेताओं की तनख्वाहों में इतनी बड़ी बढ़ोतरी की हो. मार्च 2025 में ही कैबिनेट मंत्रियों, राज्य मंत्रियों और विशेष सलाहकारों की सैलरी में 188% तक का इजाफा किया गया था. इतना ही नहीं, सांसदों और सीनेटरों का मासिक वेतन भी बढ़ाकर 5.19 लाख पाकिस्तानी रुपये कर दिया गया.
शरीफ सरकार के इन फैसलों को लेकर आम पाकिस्तानी नागरिकों में भारी नाराजगी है. इस्लामाबाद के एक नागरिक ने गुस्से में कहा, पहले ये खुद सादगी की बातें करते हैं, फिर खुद ही कैबिनेट की संख्या बढ़ा देते हैं और वेतन भी पांच गुना कर देते हैं. आम लोगों पर टैक्स का बोझ और खुद के लिए ऐश, ये तो हद हो गई.
गौरतलब है कि जब शहबाज शरीफ सरकार सत्ता में आई थी, तब उनकी कैबिनेट में सिर्फ 21 मंत्री थे. अब यह संख्या बढ़कर 51 तक पहुंच चुकी है. एक ओर IMF और वर्ल्ड बैंक से बेलआउट पैकेज की भीख मांगी जा रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार खुद को ही आर्थिक फायदा पहुंचा रही है. ऐसे में आलोचकों का मानना है कि अगर यही ‘आर्थिक सुधार’ है, तो पाकिस्तान को संकट से उबरने में और भी लंबा वक्त लग सकता है.