भारत एक भू-सांस्कृतिक देश: अमित शाह

पुडुचेरी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि भारत एक भू-सांस्कृतिक देश है। हमारी संस्कृति विभिन्न क्षेत्रों में नागरिकों को बांधने वाला सामान्य सूत्र है।

एक बार जब भारत को ‘भू-सांस्कृतिक’ देश के रूप में देखा जाने लगेगा तो सभी समस्याएं अपने आप ही हल हो जाएंगी। अमित शाह पुडुचेरी में आयोजित श्री अरबिंदो की 150वीं जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्‍होंने कहा कि यदि भारत की आत्मा को समझना है तो श्री अरबिंदो को पढ़ना पड़ेगा।

अमित शाह ने राष्ट्र निर्माण में श्री अरबिंदो के योगदान के लिए उनकी प्रशंसा की। उन्‍होंने कहा कि कश्मीर से कन्याकुमारी तक द्वारका से बंगाल तक एक संस्कृति है जो हम सभी को एक सूत्र में बांधती है। संविधान महत्वपूर्ण है… देश को इस पर चलना चाहिए लेकिन हमारी संस्कृति राष्‍ट्र की आत्मा है। श्री अरबिंदो ने भारत की अलग प्रकार से व्याख्या की है। उनके संदेश को समझेंगे तो पता चलेगा कि भारत एकमात्र ऐसा देश है जो संस्कृति के आधार पर बना है।

अमित शाह ने आगे कहा कि ज्यादातर देश गठबंधन या गठबंधन के कारण अस्तित्व में आए और इसलिए प्रकृति में भू-राजनीतिक थे। दुनिया में एक ऐसा देश है जो भू-सांस्कृतिक है जो संस्कृति पर आधारित है जिसकी कोई सीमा नहीं है और वह है हमारा भारत… अगर भारत को भू-सांस्कृतिक देश के रूप में देखना शुरू कर दें तो सभी समस्याएं स्वचालित रूप से हल हो जाएंगी।

अमित शाह ने कहा कि हमारी संस्कृति में सीमा की कोई अवधारणा नहीं है। यही नहीं वेदों, उपनिषदों और साहित्य में भी किसी देश का उल्लेख नहीं है। हम सभी दुनिया के कल्याण के लिए काम करते हैं।

स्वतंत्रता के 75वें वर्ष को ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के रूप में मनाने का प्रधानमंत्री मोदी का निर्णय अज्ञात स्वतंत्रता सेनानियों को भी सम्‍मान देने और देशवासियों में देशभक्ति की भावना को फिर से जगाने के विचार से प्रेरित है। यह भारत को शीर्ष देश बनाने की दिशा में प्रयास करने के लिए प्रेरित करने का एक प्रयास है।

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