भारत का नया बमवर्षक विमान 12000KM दूर तक करेगा वॉर

नई दिल्लीः भारत एक ऐसा बमवर्षक विमान बना रहा है जो बहुत दूर तक मार कर सकता है। यह विमान 12,000 किलोमीटर से भी ज्यादा दूर तक हमला कर सकता है। यानी यह अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका या ऑस्ट्रेलिया में हमला कर सकता है।

खास बात यह है कि इतनी दूरी तय करने के लिए इस विमान में सिर्फ एक बार ही फ्यूल भरना होगा। मतलब साफ है कि इससे भारत की ताकत बहुत बढ़ जाएगी। अभी तक भारत सिर्फ अपने आसपास के देशों पर ध्यान देता था। लेकिन अब वह दुनिया के किसी भी कोने में हमला कर सकता है।

रक्षा मंत्रालय का कहना है कि आजकल लड़ाई सिर्फ जमीन पर नहीं होती। लड़ाई साइबर, अंतरिक्ष और हवा में भी होती है। इसलिए भारत को हर तरह से तैयार रहना होगा। चीन का H-20 तेजी से आगे बढ़ रहा है, जबकि अमेरिका के पास B-2 स्पिरिट और आने वाला B-21 रडर है। चीन भी तेजी से अपने बमवर्षक विमान बना रहा है। अमेरिका के पास पहले से ही बहुत अच्छे बमवर्षक विमान हैं। इसलिए भारत को भी पीछे नहीं रहना है।

वायुसेना के एक आला अधिकारी का कहना है कि हमारी परमाणु ताकत जमीन और समुद्र में तो है, लेकिन हमें आसमान से भी हमला करने के लिए एक विमान चाहिए।भारत के पास जमीन, समुद्र और हवा तीनों जगह से परमाणु हमला करने की ताकत होगी।

भारत रूसी TU-160 ‘ब्लैकजैक’ से सीख ले रहा है। यह दुनिया का सबसे भारी और तेज बमवर्षक विमान है। यह 12,300 किलोमीटर तक जा सकता है और 40 टन तक वजन ले जा सकता है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के एक इंजीनियर ने कहा, “हम TU-160 को एक मॉडल के तौर पर देख रहे हैं। हम देखेंगे कि हमें इसमें से क्या चाहिए और उसे अपने हिसाब से बनाएंगे।”

भारत का विमान स्विंग विंग डिजाइन का हो सकता है। इसका मतलब है कि इसके पंख उड़ते समय अपनी शेप बदल सकते हैं। इससे ईंधन बचाने और स्पीड को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी। अमेरिका का B-21 रेडर 9,300 किलोमीटर तक जा सकता है। लेकिन भारत चाहता है कि उसका बमवर्षक विमान इससे भी ज्यादा दूर तक जाए। मतलब यह अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका या ऑस्ट्रेलिया में बिना रुके हमला कर सकता है।इस विमान में ऐसी तकनीक होगी जिससे यह रडार को धोखा दे सके। इसमें ऑटोमैटिक उड़ान सिस्टम भी होगा। इसका मकसद है कि यह विमान किसी को दिखे बिना दूर तक जा सके और दुश्मन पर जोरदार हमला कर सके।

इस विमान में ब्रह्मोस-एनजी मिसाइलें भी होंगी। यह मिसाइल 290 से 450 किलोमीटर तक जा सकती है। यह दुश्मन के हवाई अड्डों, रडारों, कमांड सेंटरों या परमाणु ठिकानों को मिनटों में तबाह कर सकती है। एक DRDO अधिकारी ने कहा, “हमें उम्मीद है कि इसमें अग्नि-1P जैसी कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें, लेजर बम और एंटी-रेडिएशन मिसाइलें भी होंगी।”

इस विमान को बनाना आसान नहीं है। सरकार, DRDO, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और विमान विकास एजेंसी मिलकर काम कर रहे हैं। तकनीक के लिए रूस और फ्रांस से भी बात चल रही है। इंजन एक बहुत जरूरी चीज है। इंजीनियर GE-414 या रूस के NK-32 इंजन को इस्तेमाल करने की सोच रहे हैं। यह विमान भारत की रक्षा के लिए बहुत जरूरी है।

इससे भारत दुनिया में कहीं भी हमला कर सकता है। इससे भारत की परमाणु ताकत और भी मजबूत होगी। इससे भारत को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में और भी ताकत मिलेगी।रक्षा मंत्रालय का कहना है कि पहला विमान 2032 और 2035 के बीच बनकर तैयार हो सकता है। अभी डिजाइन का काम चल रहा है। लेकिन नकली मॉडल और शुरुआती रिसर्च शुरू हो चुकी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *