लालढांग: मंगलवार को लालढांग के कटेवड़ गांव से पौड़ी के कांडा तल्ला जा रही बरात की बस के खाई में गिरने की खबर जैसे ही वर-वधु पक्ष के घर पहुंची तो वहां मातमी सन्नाटा पसर गया।
कटेवड़ और कांडा तल्ला गांव के लोग समझ ही नहीं पा रहे थे कि उनकी खुशियों को किसकी नजर लग गई। आननफानन दोनों ही पक्ष घटनास्थल की वास्तविक स्थिति जानने के लिए बेचैन हो उठे। वर-वधु पक्ष ने फोन किए तो पता चला कि 25 से ज्यादा बरातियों की मौत हो गई है। इस खबर से दोनों गांवों में सन्नटा पसर गया और कई घरों में चूल्हे भी नहीं जले।
लालढांग के कटेवड़ गांव के महावीर खुशी-खुशी अपने बेटे की बरात लेकर दोपहर 12 बजे कांडा तल्ला गांव के लिए चले थे, लेकिन मौत तो जैसे बरात का पीछा कर रही थी। शाम सात बजे करीब बरात की बस सिमड़ी गांव के पास पहुंची तो बस की कमानी की तरह ही जैसे बरातियों की सांसें भी टूट गई।
संयोग से बस के खाई में गिरने से पहले दो-तीन लोग छिटककर सड़क के पास गिर गए और उन्होंने ही इस दुखद घटना की सूचना स्वजन को दी, जिसके बाद गांव में चीख-पुकार मच गई। खबर आते ही कटेवड़ गांव में ग्रामीण महावीर के घर एकत्र होने लगे।
महिलाएं दूल्हे की मां और अन्य रिश्तेदारों को ढांढस बंधा रहे थे। यही स्थित कुछ कांडा तल्ला गांव की थी, जहां प्रकाश चंद्र का परिवार बरात की प्रतीक्षा कर रहा था। दुर्घटना की खबर मिलते ही प्रकाश चंद्र के यहां भी सन्नाटा छा गया। जिस घर में जहां सुबह से ही रिश्तेदार हंस-गा रहे थे, लेकिन दुर्घटना की खबर मिलते ही वह भी स्तब्ध रह गए।