रुद्रप्रयाग:जनपद में जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए जल शक्ति मंत्रालय भारत सरकार के अभियान के सफल क्रियान्वयन हेतु मुख्य विकास अधिकारी नरेश कुमार की अध्यक्षता में संबंधित अधिकारियों के साथ विकास भवन सभागार में जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के संबंध में विभिन्न विभागों द्वारा किए जा रहे कार्यों की समीक्षा करते हुए आपसी समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिए गए।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि जनपद में जल संरक्षण एवं संवर्द्धन के अभियान को सफल बनाने के लिए इस वर्ष अभियान की थीम ‘‘पेयजल के लिए स्रोत स्थिरता‘‘ निर्धारित की गई है।
उन्होंने अधिकारियों को जनपद में स्थित सभी जल संरचनाओं की गणना करते हुए वैज्ञानिक तरीके से इनवैंटरी बनाने के साथ ही इसकी जियो टैगिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि योजना के तहत जनपद में जल शक्ति केंद्रों की स्थापना की जानी है।
उन्होंने अधिकारियों को जल संरक्षण एवं वर्ष जल के संचयन के लिए रूफ वाटर हार्वेस्टिंग संरचनाओं का रख-रखाव व निर्माण तथा जल संरक्षण के अन्य उपायों जैसे रिचार्ज गड्ढों, चैक डैम, तालाबों आदि का निर्माण, पारंपरिक जल स्रोतों का संरक्षण व संवर्द्धन, नदियों एवं गधेरों के पुर्नीजीवीकरण की कार्य योजना तैयार करने के निर्देश दिए। साथ ही अमृत सरोवरों का निर्माण आदि के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
इसके साथ ही मुख्य विकास अधिकारी ने जल संरचनाओं के संरक्षण के लिए ग्राम्य विकास विभाग, जल संबंधी कार्यों के लिए 15वें वित्त आयोग/राज्य वित्त आयोग की निधियों के केंद्राभिसरण हेतु पंचायतीराज विभाग को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही कृषि विभाग, शिक्षा विभाग व महिला सशक्तिकरण व बाल विकास विभाग को भी उनसे संबंधित योजनाओं के लिए कार्ययोजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए।
उन्होंने नेहरू युवा केंद्रों के माध्यम से जल संरक्षण हेतु जन जागरूकता अभियान व ग्राम सभाओं के संचालन के लिए ग्रामीणों को जुटाने हेतु युवा कल्याण विभाग को निर्देशित किया। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
बैठक में अधिशासी अभियंता सिंचाई पीएस बिष्ट, जल निगम नवल कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी लोकेंद्र सिंह बिष्ट, जिला पंचायत राज अधिकारी प्रेम सिंह रावत, मत्स्य निरीक्षक संजय सिंह, अपर उद्यान अधिकारी महावीर सिंह रावत, सहायक अभियंता लघु सिंचाई एपी घिल्डियाल, डाॅ. विनोद कुमार यादव, सहायक अभियंता जल संस्थान रेवत सिंह रावत, परियोजना विशेषज्ञ प्रकाश डसीला सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।