जनऔषधि योजना सेवा और रोज़गार का माध्यम है: प्रधानमंत्री

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जन औषधि दिवस समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए शिलांग में बने 7500वें जनऔषधि केंद्र को देश को समर्पित किया । उन्होंने कहा कि गरीबों और मध्यम आय वर्ग के परिवारों के लिए देशभर में पीएम जनऔषधि योजना चलाई जा रही है।

यह योजना ‘सेवा और रोज़गार’ का एक माध्यम है, क्योंकि यह युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्रदान करती है। हमारी बहनों और बेटियों को सिर्फ ढाई रुपये में सैनिटरी पैड उपलब्ध कराए जाते हैं तो इससे उनके स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर होता है। अब तक 11 करोड़ से ज़्यादा सैनिटरी नैपकिन इन केंद्रों पर बिक चुके हैं। देश में जनऔषधि केंद्रों पर 75 आयुष दवाएं उपलब्ध कराने का निर्णय लिया गया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि जनऔषधि योजना से पहाड़ी क्षेत्रों, नॉर्थईस्ट,जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले देशवासियों तक सस्ती दवा देने में मदद मिल रही है। आज जब 7500वे केंद्र का लोकार्पण किया गया तो वो शिलांग में हुआ है। इससे स्पष्ट है कि नॉर्थ-ईस्ट में जनऔषधि केंद्रों का कितना विस्तार हो रहा है।

उन्होंने ‘प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना’ के लाभार्थियों के साथ बातचीत भी की। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दवाएं महंगी हैं, इसीलिए हमने गरीबों के लिए पीएम ‘जन औषधि’ योजना शुरू की है, जो उनके पैसे बचाता है। मैं लोगों से ‘मोदी की दुकान’ से सस्ती कीमत पर दवाइयां खरीदने का आग्रह करता हूं (लोग ‘जन औषधि केंद्र’ को मोदी की दुकान कहना पसंद करते हैं)। उन्होंने इस दौरान जन औषधि चिकित्सक, जन औषधि ज्योति और जन औषधि सारथी सम्मान पाने वाले लोगों को बधाई दी।

पीएमओ के अनुसार प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना का मकसद लोगों को कम कीमत पर गुणवत्ता वाली दवाइयां उपलब्ध कराना है। इन केंद्रों में 40-90 फीसद तक दवाइयां सस्ती मिलती हैं। इस वित्त वर्ष में (चार मार्च, 2021) तक इस केंद्र से दवाइयां खरीदने पर लोगों को कुल 3,600 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

जनऔषधि केंद्रों के बारे में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जानकारी देने के लिए 1-7 मार्च के हफ्ते को जनऔषधि सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है। इसके लिए ‘जन औषधि..सेवा भी, रोजगार भी’ का नारा दिया गया है।

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