जोशीमठः SDRF को सामान हटाने के निर्देश

देहरादून:जोशीमठ शहर में असुरक्षित भवनों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब तक कुल 678 भवन चिह्नित किए जा चुके हैं। सीबीआरआई की टीम ने सोमवार को मलारी इन और माउंट व्यू होटल का सर्वे किया था। आज इन दोनों होटलों से भवनों को ढहाने की शुरुआत होगी। इन होटलों को अत्यधिक क्षति पहुंची है।

सीबीआरआई के डॉ. डीपी ने बताया कि टीम ने होटल के अंदर और बाहर का जायजा लिया है। एसडीआरएफ को बताया गया है कि होटल के अंदर से सामान हटाया जाए। जिसके बाद चरणबद्ध तरीके से होटल ढहाने की कार्रवाई होगी। पहले सबसे ऊपर के फ्लोर को तोड़ा जाएगा।

जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर आज देहरादून में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा व पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह अन्य नेताओं के साथ मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने सरकार से जोशीमठ के मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग की।

जिलाधिकारी हिमांश खुराना ने जोशीमठ आपदा अधिनियम 2005 की धारा 34 टी के तहत होटल मलारी इन व माउंट व्यू को आम जन मानस की सुरक्षा की दृष्टि से तत्काल ध्वस्त किए जाने के आदेश जारी किए हैं।

जोशीमठ आपदा में प्रभावित परिवारों को राहत देने के लिए योग गुरु रामदेव आगे आए हैं। कनखल के दिव्य योग मंदिर से स्वामी रामदेव ने राहत सामग्री से भरे दो ट्रकों को हरी झंडी दिखाकर जोशीमठ के लिए रवाना किया। जोशीमठ में प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए पतंजलि योगपीठ की ओर से दो हजार कंबल और राशन सामग्री भेजी गई है।

राहत सामग्री रवाना करने के बाद मीडिया से बात करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि प्राकृतिक आपदा का शिकार हुए लोगों की मदद के लिए पतंजलि योगपीठ तत्पर है। बुधवार को आचार्य बालकृष्ण जोशीमठ पहुंचकर राहत सामग्री लोगों में बाटेंगे स्वामी रामदेव ने दूसरे एनजीओ और संस्थाओं से भी जोशीमठ के लोगों की सहायता के लिए आगे आने की अपील की।

रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट आर्मी कैंप का निरीक्षण करने के बाद सुनील वार्ड में प्रभावित लोगों से मिले। उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि केंद्र और राज्य सरकार इस प्राकृतिक आपदा से लोगों को निकालने में हर संभव मदद करेगी।

जोशीमठ में कुछ ही देर में होटलों को ढहाने की कार्रवाई होगी। प्रशासन लगातार मुनादी करा रहा है। कार्रवाई के लिए अभी केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के वैज्ञानिकों की टीम का इंतजार हो रहा है।

भवनों को ढहाए जाने की कार्रवाई के बीच आज केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट जोशीमठ पहुंचे। उन्होंने सेना और आईटीबीपी मुख्यालय जाकर वहां के हालात का जायजा लिया। इसके बाद वे जोशीमठ में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का जायजा लेंगे और प्रेसवार्ता करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने जोशीमठ मामले पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है। शीर्ष अदालत ने इसपर सुनवाई के लिए अब 16 जनवरी की अगली तारीख दी है।व्यापार मंडल का कहना है कि पहले इन दोनों होटलों का मूल्यांकन होना चाहिए। उसके बाद ही होटल का ध्वस्तीकरण होना चाहिए। ऐसा न करने पर व्यापार मंडल इस कार्रवाई का विरोध करेगा।

होटल मलारी इन के मालिक ठाकुर सिंह राणा ने कहा कि मुझे केंद्र और राज्य सरकार से बहुत तकलीफ है। ये होटल जनहित में तोड़ा जा रहा है कोई बात नहीं मैं प्रशासन के साथ हूं। बस मुझे नोटिस देना चाहिए और मेरा आर्थिक मूल्यांकन कर देना चाहिए, मैं यहां से चला जाऊंगा। मेरा आग्रह है आर्थिक मूल्यांकन किया जाए

उत्तराखंड: जोशीमठ में जिन होटलों और मकानों में अधिक दरारें हैं, उन्हें गिराने का काम आज से शुरू किया जाएगा। प्रशासन द्वारा असुरक्षित जोन घोषित क्षेत्रों को खाली करा लिया गया है। SDRF कमांडेंट मणिकांत मिश्रा ने कहा कि होटल मलारी इन को गिराया जाएगा।

इसे चरणबद्ध तरीके से गिराया जाएगा। ये होटल टेड़े हो गए हैं। इसे तोड़ना जरूरी है क्योंकि इसके नीचे भी कई घर और होटल हैं और अगर ये ज्यादा धंसेगा तो कभी भी गिर सकता है। CBRI के एक्सपर्ट आ रहे हैं वे अधिक तकनीकी जानकारी देंगे।

सुप्रीम कोर्ट जोशीमठ संकट को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग करने वाली याचिका को जल्द सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने पर आज विचार करेगा। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने सोमवार को याचिकाकर्ता स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती की ओर से पेश वकील परमेश्वर नाथ मिश्रा से कहा कि वह मंगलवार को इस मामले को मेंशन करें। मिश्रा ने सोमवार को पीठ के सामने मामला उठाते हुए जल्द सुनवाई का आग्रह किया था।

होटलों को तोड़ने की कार्रवाई कुछ देर में ही शुरू हो जाएगी। इससे पहले प्रशासन ने अनाउंसमेंट कर लोगों को वहां से हटने के लिए कहा। वहीं, लोगो को सतर्क किया जा रहा है कि कार्रवाई के बीच अनावश्यक ना आएं।

भवनों को गिराने के लिए विस्फोटकों की मदद नहीं ली जाएगी। सीबीआरआई के वैज्ञानिकों की देखरेख में लोनिवि की टीम मेकेनिकल तकनीक से भवनों को गिराएगी। इसके लिए मजदूरों की मदद ली जाएगी।

सबसे पहले होटल मलारी इन और मांउट व्यू को तोड़ा जाएगा। केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों की टीम के निर्देशन और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की मौजूदगी में होटल को तोड़ने की कार्रवाई होगी। पहले होटल मलारी इन तोड़ा जाएगा। इसके लिए 60 मजदूरों के साथ ही दो जेसीबी, एक बड़ी क्रेन और दो टिप्पर ट्रक लगाए गए हैं।

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