चौखुटिया। मां के सामने ही काल के क्रूर हाथों ने उसके कलेजे के टुकड़े को उससे छीन लिया। अपने सामने ही बेटे को मौत के आगोस में समाता देख बदहवास हुई मां ने सपने में भी नही सोचा होगा कि उसका जिगर का टुकड़ा उसे इस तरह रोते विलखते छोड़कर यूं ही चुपचाप चला जाएगा। अपने मायके सौगड़ा गई गीता देवी जब घर से कुछ दूरी पर नल से पानी भर रही थी तो उनका बेटा योगेश भी उनकी मदद कर रहा था वह पानी से भरा एक छोटा डिब्बा घर पहुंचाने के बाद दूबारा पानी भरने आया था।
अचानक ही धड़ाम की आवाज के साथ ऊपर से भारी भरकम पत्थरए बोल्डर व मलबा गिरा और पलभर में ही बच्चा उसमें दब गया। अपना सबकुछ लूटता देख गीता देवी अपने होश.हवास खोकर चिखने और चिल्लाने लगी। जब तक मदद को पहुंचे लोग कुछ समझ पाते तब तक काफी देर हो चुकी थी। मलबे में दबा बच्चा मौके पर ही दम तोड़ चुका था।
घटना के बाद अपने बेटे के शव के साथ सीएचसी चौखुटिया पहुंची उसकी मां गीता देवी दहाड़े मारकर रोती रही गांव से पहुंची महिलाएं व अन्य लोग उन्हें समझाते रहे मगर अपने इकलौते बेटे के बिछोह में डूबी मां को तो जैसे कुछ सुनाई ही नही दे रहा था। वह तो बस अपने योगेश को ही पुकारती रही। कहती रही बेटा तू हमें छोड़कर क्यों चला गया तेरे बिना अब हमारी जिंदगी कैसे चलेगी।
ग्राम पंचायत छिताड़ के कोरणी निवासी भूपेंद्र सिंह के घर का एकमात्र चिराग बुझने से परिवार के ऊपर दूखों का पहाड़ टूट पड़ा है। भूपेंद्र सिंह का बेटा योगेश प्राथमिक स्कूल कोरणी में तीसरी कक्षा में पढ़ता था वह काफी खुश मिजाज था। माता पिता भी अपने एकलौते बेटे को काफी प्यार करते थे। परंतु बेटे के इस तरह चले जाने से परिवार में कोहराम मचा है।
बेटे योगेश के बोल्डरों के नीचे दबते ही उसकी मां गीता देवी चिखते चिल्लाते हुए रोने लगी। इस नजारे को देख उनके साथ आया उनके मायके का कुत्ता कुछ नही समझ पाया और सीधे गीता देवी पर झपटते हुए उन्हें काट डाला। बेटे के शव के साथ पहुंची गीता देवी को एसडीएम ने बंधाया ढांढस.
उपजिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने सीएचसी के एक कौने में बैठे मृतक योगेश के पिता भूपेंद्र सिंह का सांत्वना देते हुए ढांढस बताया। एसडीएम ने बाद में अमर उजाला को बताया कि यह हादसा मानव जनित लापरवाही के चलते हुआ है। उस क्षेत्र में जौरासी से घनस्याल के लिए पीएमजीएसवाई के तहत सड़क का निर्माण हो रहा है। दिन में सड़क कटी और शाम को यह हादसा हो गया।
उन्होंने बताया कि यदि सड़क निर्माण में लगे लोगों द्वारा सड़क कटान में निकले पत्थरों को पहले ही सुरक्षित स्थान पर गिरा दिया होता तो यह हादसा नही होता। उन्होंने बताया कि संबंधित विभाग को नोटिस भेजने के साथ ही कार्रवाई की जा रही है।