केदारनाथ:हिमखंड के टूटने का खतरा

रुद्रप्रयाग: 2023 की चारधाम यात्रा में केदारनाथ में भैरव ग्लेशियर व हथनी पर्वत ग्लेशियर पर लगातार हिमखंड के टूटने का खतरा बना हुआ है। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर उत्तराखण्ड शासन ने 24 घंट रेस्कयू टीमों को (DDRF,SDRF,YMF) तैनात किया हैं, ताकि वहां पर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटनाएं घटित न हो सके। यह ऐसा पहला मौका होगा जब भारी बर्फबारी के बीच यात्रियों में भारी उत्साह देखने को मिल रहा है। बाबा केदार के कपाट खुलते ही पहले दिन लगभग 18,000 से भी ज्यादा तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदारनाथ के दर्शन किए।

बताते चलें, केदारनाथ धाम की चढ़ाई 16 किमी लंबी और बड़ी ही जटिल है लेकिन बाबा के भक्तों में बाबा के दर्शन करने के लिए बड़ा ही उत्साह देखने को मिला। दोपहर बाद धाम में बर्फबारी होने लगी, लेकिन तीर्थ यात्रियों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई। पैदल मार्ग के विभिन्न पड़ाव बाबा केदार के जयघोष से गुंजायमान रहे।केदारनाथ मंदिर में एक दानी ने सोने का छत्र व कलश चढ़ाया है। गत वर्ष भी महाराष्ट्र निवासी इन्हीं दानी ने गर्भ गृह की चहारदीवारी पर सोने की परत चढ़वाई थी।

राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) को भी दर्शन के लिए पहुंचना था, लेकिन घने कोहरे के कारण उनका हेलीकाप्टर धाम में लैंड नहीं कर पाया। ऐसे में उन्हें बिना दर्शन किए ही वापस लौटना पड़ा। घने बादल घिरे होने से हेली सेवा लगातार बाधित होती रही।

मंगलवार सुबह 6 बजकर 20 मिनट पर मंदिर के कपाट खोले गए और पहली पूजा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम से की गई। रावल भीमाशंकर लिंग व मुख्य पुजारी ने पूजा संपन्न कराई। प्रदेश सरकार की ओर से हेलीकाप्टर से धाम में फूलों की वर्षा करवाई गई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी बाबा केदार के दर्शन कर देश एवं प्रदेश की खुशहाली की कामना की।

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