केदारनाथः घोड़ा-खच्चर की दरों में बढ़ोतरी !

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के लिए गौरीकुंड व सोनप्रयाग से संचालित होने वाले घोड़ा-खच्चर की दरों में दस प्रतिशत की वृद्धि की गई है। ऐसे में केदारनाथ जाने के लिए तीर्थ यात्रियों को इस बार बीते वर्ष की अपेक्षा अधिक धनराशि खर्च करनी होगी। धाम के कपाट आगामी 25 अप्रैल को खोले जाने हैं।

प्रशासन इस बार घोड़ा-खच्चर की संख्या सीमित करने पर भी विचार कर रहा है। यानी इस बार पांच हजार घोड-खच्चर का ही यात्रा के लिए पंजीकरण होगा। जबकि, बीते वर्ष दस हजार से अधिक घोड़ा-खच्चर पैदल मार्ग पर संचालित हो रहे थे।

इनमें आठ हजार से अधिक घोड़ा-खच्चर का ही पंजीकरण था और बाकी बिना पंजीकरण के ही संचालित हो रहे थे। प्रशासन ने इस बार घोड़ा-खच्चर के संतुलित संचालन के लिए पीआरडी जवानों की एक टीम भी बनाई है, जो पैदल मार्ग पर निरंतर नजर रखेगी।

इस बार केदारनाथ यात्रा पर आने वाले प्रत्येक यात्री का स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य किया गया है। बीते वर्ष डेढ़ लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। इनमें से 156 की मौत हो गई, जबकि 350 से अधिक तीर्थ यात्री गंभीर रूप से बीमार हुए।

उधर केदारनाथ पैदल मार्ग पर लिनचोली से केदारनाथ धाम के बीच लगभग छह किमी हिस्से से बर्फ हटाने का कार्य पूरा हो गया है। दूसरे चरण में पैदल मार्ग से छह फीट चौड़ाई तक बर्फ हटाई जाएगी।

केदारनाथ धाम के लिए घोड़ा-खच्चर की दर (रुपये में)
कहां से कहां तक, नई दर, पुरानी दर
सोनप्रयाग से केदारनाथ, 3000, 2740
गौरीकुंड से केदारनाथ, 2750, 2540
गौरीकुंड से लिनचोली, 2000, 1840
बेस कैंप से सोनप्रयाग, 2100, 1940
बेस कैंप से गौरीकुंड, 1900, 1740
भीमबली से केदारनाथ, 1550, 1440

प्रदेश में इस वर्ष केदारनाथ हेली मार्ग को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए इस पर लगातार निगरानी की जाएगी। यह देखा जाएगा कि कहीं कोई हेली कंपनी उड़ान के मानकों का तो उल्लंघन नहीं कर रही है। इसके लिए नागरिक उड्डयन केदारनाथ हेली मार्ग पर हाइटेक हाई पावर कैमरों से नजर रखने की तैयारी कर रही है।

यह कैमरे केदारनाथ मार्ग पर गरुड़चट्टी, लिनचोली, गौरीकुंड व रामबाड़ा में लगाए जाएंगे। इसके लिए नागरिक उड्डयन विभाग ने महानिदेशक ने केंद्रीय नागरिक उड्डयन निदेशालय में प्रस्ताव भेजा है।

पिछले वर्ष 18 अक्टूबर में केदारनाथ जा रहा एक हेलीकाप्टर क्रैश हो गया था। इससे एक बार फिर केदार घाटी में हेली सेवा संचालन की व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे थे। दरअसल, केदारघाटी में लगातार मौसम बदलता रहता है। ऐसे में निगरानी बेहतर होने से हेली सेवाओं का संचालन भी अधिक सुरक्षित हो सकेगा।

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