रुद्रप्रयाग: पर्यटन विभाग ने भले ही केदारनाथ धाम में टोकन व्यवस्था लागू की है, लेकिन इसके बावजूद तीर्थयात्रियों की एक किमी से भी लंबी लाइन दर्शन के लिए लग रही है। कड़ाके की ठंड में भी भक्त लाइन में खड़े होकर अपनी बारी के इंतजार कर रहे हैं।
केदारनाथ धाम में इस बार पर्यटन विभाग ने टोकन व्यवस्था लागू की, ताकि यात्रियों को लाइन में घंटों खड़ा न होना पड़े। इसके लिए प्रतिघंटा 1200 लोगों को टोकन आवंटित किए जा रहे हैं।
बावजूद इसके एक किमी से भी अधिक लंबी लाइन में खड़े होकर यात्री अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि पर्यटन विभाग इसके लिए तीर्थयात्रियों को ही दोषी मानता है। तमाम समझाने के बावजूद यात्री लंबी लाइन में लग रहे हैं, और अपनी बारी के हिसाब से नहीं पहुंच रहे हैं।
केदारनाथ मंदिर से लेकर हेलीपैड तक लगभग एक किमी से अधिक लंबी लाइन दर्शन करने वालों की लग रही है। तीन से चार घंटे इंतजार करने के बाद दर्शनों का नंबर आ रहा है। केदारनाथ धाम में लगातार हो रही बर्फबारी में भी भक्त खड़े होकर घंटों इंतजार कर रहे हैं।
इसमें कई भक्त सुबह तीन बजे आकर लाइन में खड़े हो रहे हैं। जिन्हें भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। केदारनाथ धाम में दर्शनों को लेकर हमेशा ही तीर्थयात्रियों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है, इसी को देखते हुए पर्यटन विभाग ने टोकन व्यवस्था लागू की थी।
जिला पर्यटन अधिकारी राहुल चौबे का कहना है कि टोकन तीर्थयात्रियों को जारी किए जा रहे हैं। प्रति घंटा 12 सौ टोकन दिए जा रहे हैं। इसके बावजूद लंबी लाइन लगने पर वह कहते हैं कि तीर्थयात्रियों को समझाने के बावजूद वह नहीं मान रहे हैं।
केदारनाथ धाम में पिछले तीन दिन से दोपहर 12 बजे बाद बर्फबारी हो रही है। हालांकि पूर्व में पूरे दिन बर्फबारी हो रही थी, लेकिन अब 12 बजे बाद बर्फबारी हो रही है, हालांकि इसके बाद फिर से मौसम साफ हो रहा है। जिससे धाम में तापमान माइनस 3 डिग्री तक पहुंच रहा है। जबकि अधिकतम 4 डिग्री रह रहा है।
यात्रियों की संख्या बढ़ने पर भक्त अब स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन गर्भगृह के बजाय सभामंडल से ही कर रहे हैं। पूर्व में भक्त गर्भगृह में जाकर शिवलिंग की परिक्रमा भी करते थे, लेकिन बढ़ती भीड़ को देखते हुए मंदिर समिति ने यह फैसला किया है। बदरी-केदार मंदिर समिति के कार्याधिकारी आरसी तिवारी ने बताया कि यात्रियों की संख्या बढ़ने पर सभामंडल से ही भक्तों को स्वयंभू शिवलिंग के दर्शन कराए जा रहे हैं।