केदारनाथः एक दिन में सिर्फ 13000 यात्री जाएंगे धाम

रुद्रप्रयाग: केदारनाथ धाम के कपाटोद्घाटन पर 23512 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। जबकि इसके बाद 7 से 13 मई तक सात दिनों तक प्रतिदिन 18 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। स्थिति यह है कि सिर्फ आठ दिनों में ही बाबा केदार के दर्शनार्थियों का आंकड़ा डेढ़ लाख पार हो गया है।

अब, सोनप्रयाग से केदारनाथ धाम एक दिन में 13000 श्रद्धालु ही भेजे जाएंगे। पंजीकरण के तहत जिला प्रशासन व पुलिस ने यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी है। इस व्यवस्था से श्रद्धालु धाम में बाबा केदार के दर्शन अच्छे से कर सकेंगे। साथ ही उन्हें रात्रि प्रवास और अन्य सुविधाओं के लिए भी परेशान नहीं होना पड़ेगा।

केदारनाथ यात्रा में इस बार श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। प्रशासन व पुलिस द्वारा हरसंभव प्रयास के बाद भी कई प्रकार की दिक्कतें सामाने आ रही हैं, जिसे देखते हुए अब केदारनाथ जाने वाले यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दी है। अधिकारियों के अनुसार पंजीकरण के तहत एक दिन में 13000 श्रद्धालुओं को ही दर्शनों के लिए केदारनाथ भेजा जाएगा।

इधर, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित और पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं ने अनिवार्य रूप से अपना पंजीकरण कराने की अपील की है। कहा है कि बाबा केदार के कपाट छह माह तक खुले रहते हैं, इसलिए यात्री अपनी सुविधा और समय के हिसाब से पहुंचे, जिससे उन्हें किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो।

बताया कि केदारनाथ पहुंचने वाले प्रत्येक श्रद्धालु की सुरक्षा प्रशासन और पुलिस की प्राथमिकता में शामिल है। बता दें कि 6 मई से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में इस बार रिकॉर्ड यात्री पहुंच रहे हैं। पिछले आठ दिनों में शुरुआती पांच दिनों तक सोनप्रयाग से केदारनाथ जाने वाले यात्रियों की संख्या 26 से 28 हजार के बीच बनी रही।

कपाटोद्घाटन पर 23512 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए थे। जबकि इसके बाद 7 से 13 मई तक सात दिनों तक प्रतिदिन 18 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। स्थिति यह है कि सिर्फ आठ दिनों में ही बाबा केदार के दर्शनार्थियों का आंकड़ा डेढ़ लाख पार हो गया है। 16/17 जून 2013 की आपदा के बाद यह पहला मौका है, जब कपाट खुलने के पहले सप्ताह श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है।

वहीं केदारनाथ यात्रा में बिना पंजीकरण के पहुंचे एक हजार यात्रियों को पुलिस ने लौटा दिया है। सीओ प्रबोध कुमार घिल्डियाल के नेतृत्व में चल रहे पंजीकरण चेकिंग अभियान के तहत 12 से 14 मई दोपहर तक रुद्रप्रयाग, तिलवाड़ा, गुप्तकाशी और सोनप्रयाग से 1000 यात्रियों को वापस भेज दिया गया है।

सीओ घिल्डियाल ने बताया कि कई यात्री बिना पंजीकरण के ही यात्रा पर पहुंच रहे हैं, जिससे पंजीकरण वाले यात्रियों को दर्शनों में मुश्किल हो रही है। इसलिए, जिले की सीमा में ऋषिकेश-बदरीनाथ और रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड राष्ट्रीय राजमार्ग पर चिह्नित स्थानों पर यात्रियों के पंजीकरण की चेकिंग की जा रही है।

इस दौरान उन्हीं वाहनों को आगे जाने दिया जा रहा है, जिसमें यात्रियों के पंजीकरण किए हुए हैं। कहा कि पंजीकरण नहीं होने की स्थिति में किसी भी यात्री को केदारनाथ नहीं भेजा जाएगा। उन्होंने यात्रियों ने ऑनलाइन पंजीकरण की अपील की है।

आगामी 27 मई से स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश शुरू हो रहा है। ऐसे में जून पहले सप्ताह में केदारनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा हो सकता है। इन हालात में यात्रियों की निर्धारित संख्या कितने दिनों तक बनी रहेगी, यह भी देखने लायक होगा।

बता दें कि वर्ष 2019 में केदारनाथ में अकेले जून माह में पांच लाख से अधिक यात्री पहुंचे थे, जो यात्रा के यात्रा के इतिहास में नया रिकॉर्ड है। जून पहले सप्ताह में केदारनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 12 दिनों के भीतर 174022 तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं। धामों में लगातार तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़ रही है। बीते 3 मई को अक्षय तृतीया पर्व पर गंगोत्री व यमुनोत्री धामों के कपाट खोले गए। पहले दिन से ही धामों में बड़ी संख्या में तीर्थ यात्री पहुंचने लगे थे।

शनिवार शाम तक दोनों धामों में 174022 तीर्थ यात्री दर्शनों के लिए पहुंच चुके थे। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम में 94232 व यमुनोत्री धाम में 79790 तीर्थ यात्री पहुंच चुके हैं। यात्रियों का यह आंकड़ा शनिवार शाम तक का है।

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