रुद्रप्रयाग :केदारनाथ की चल उत्सव विग्रह डोली आज बृहस्पतिवार को अपने धाम पहुंच जाएगी। यहां डोली को नव निर्मित भंडारगृह में विराजमान किया जाएगा। जून 2013 की आपदा के बाद पहली बार डोली अपने भंडारगृह में विश्राम करेगी। इधर बुधवार को बाबा केदार की डोली फाटा से प्रस्थान करते हुए अंतिम पड़ाव गौरीकुंड स्थित गौरी माई मंदिर पहुंची। दो मई को कपाट खोल दिए जाएंगे।
बुधवार को सुबह 7 बजे फाटा में पुजारी बागेश लिंग ने बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली की विशेष पूजा की और शृंगार कर भोग लगाया। सुबह 8 बजे सेना की बैंड धुनों और भक्तों के जयकारों के बीच बाबा केदार की डोली ने अपने धाम के लिए प्रस्थान किया। दोपहर बाद डोली अपने अंतिम पड़ाव गौरीकुंड पहुंची। यहां गौरी माई मंदिर परिसर में डोली विराजमान हुई। पुजारी गौरी शंकर गोस्वामी ने बाबा केदार और मां गौरी की संयुक्त आरती उतारी।
इस दौरान दर्शन के लिए भक्तों की भीड़ उमड़ी। इस मौके पूर्व ग्राम प्रधान मायाराम गोस्वामी, व्यापार संघ अध्यक्ष रामचंद्र गोस्वामी, पूर्व अध्यक्ष अरविंद गोस्वामी, पूर्व प्रधान राकेश गोस्वामी आदि मौजूद थे। इधर, बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि बृहस्पतिवार को सुबह 8 बजे डोली गौरीकुंड से धाम के लिए प्रस्थान करेगी और अपने धाम पहुंचेगी। इसके बाद भंडारगृह में विराजमान होगी।
दो मई को कपाटोद्घाटन के लिए केदारनाथ मंदिर को 108 क्विंटल फूलों से सजाया जा रहा है। बुधवार से मंदिर को सजाने का काम शुरू हो गया है। इसके अलावा आदिगुरु शंकराचार्य समाधिस्थल, ईशानेश्वर महादेव मंदिर, दिव्य शिला और अन्य स्थलों को भी फूल-मलाओं से सजाया जा रहा है।
बीकेटीसी के मीडिया प्रभारी डाॅ. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि बृहस्पतिवार अपराह्न तक मंदिर को सजाने का काम पूरा हो जाएगा। पूरे यात्राकाल में तीज-त्योहार व अन्य पर्वों पर मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाएगा। इस दौरान स्थानीय फूल उत्पादकों से भी संपर्क किया जाएगा।