जिस घर में शंख वहां होता है लक्ष्मी जी का वास

नई दिल्लीः हिन्दू धर्म की कई ऐसी बातें हैं, जो न केवल आध्यात्मिक रूप से नहीं बल्कि कई अनेक रूप से भी लाभदायक हैं। शंख रखने, बजाने व इसके जल का उचित उपयोग करने से कई प्रकार के लाभ होते हैं और कई लाभ तो स्वास्थ्य से जुड़े हुए हैं।

सनातन धर्म में शंख का विशेष महत्व बताया गया है। शंख का संबंध हिन्दू देवी-देवताओं से रहा है। पूजा-पाठ में शंख रखने और बजाने का चलन अनादिकाल से है। देश के कई भागों में लोग शंख को पूजा घर में रखते हैं और इसे नियमित रूप से बजाते भी हैं। ऐसे में यह उत्सुकता एकदम स्वाभाविक है कि शंख केवल पूजा-अर्चना में ही उपयोगी है या इसका सीधे तौर पर कुछ लाभ भी है।

ऐसी मान्यता है कि जिस घर में शंख होता है, वहां लक्ष्मी जी का वास होता है। धार्मिक ग्रंथों में शंख को लक्ष्मी का भाई बताया गया है, क्योंकि लक्ष्मी के समान ही शंख भी सागर से ही उत्पन्न हुआ है और शंख को समुद्र मंथन से निकले चौदह रत्नों में से एक माना जाता है। शंख को इसलिए भी शुभ माना गया है, क्योंकि माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु, दोनों ही अपने हाथों में शंख को धारण करते हैं।

पूजा-पाठ में शंख बजाने से वातावरण पवित्र होता है। जहां तक शंख की ध्वनि जाती है, इसे सुनकर लोगों के मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं। अच्छे विचारों का फल भी स्वाभाविक रूप से अच्छा ही होता है। शंख के जल से विष्णु लक्ष्मी आदि का अभिषेक करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा दृष्टि प्राप्त होती है। ब्रह्मवैवर्त पुराण में कहा गया है कि शंख में जल रखने और इसे छिड़कने से वातावरण शुद्ध बना रहता है।

शंख की ध्वनि लोगों को पूजा-अर्चना के लिए प्रेरित करती है। ऐसी मान्यता है कि शंख के द्वारा पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और इस की ध्वनि से दुष्ट आत्माएं पास नहीं आती हैं।वैज्ञानिकों का मानना है कि शंख की ध्वनि से वातावरण में उपस्थित कई प्रकार के जीवाणुओं-कीटाणुओं का नाश हो जाता है कई प्रयोग से इस प्रकार के परिणाम मिले भी हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, शंखोदक के भस्म के उपयोग से पेट की बीमारियां, पथरी, पीलिया आदि कई प्रकार के रोगों से मुक्ति मिलती हैं। वैसे इसका उपयोग आयुर्वेदाचार्य के परामर्श से ही किया जाना चाहिए। शंख को नित्य बजाने से फेफड़ों का व्यायाम होता है। पुराणों में कहा गया है कि यदि श्वास का रोगी नियमित रूप से शंख बजाए, तो वह रोग से मुक्त हो सकता है।

शंख में रखे पानी का सेवन करने से हड्डियां मजबूत होती हैं। यह पानी दांतों के लिए भी लाभदायक होता है। शंख में कैल्शियम, फास्फोरस व गंधक के गुण होने की करण से यह लाभ दायक है। वास्तुशास्त्र के अनुसार शंख में ऐसे कई गुण होते हैं, जिससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। शंख की ध्वनि से ‘सोई हुई भूमि’ जाग्रत होकर शुभ फल देती है।

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