भूस्खलन: तीन मकान क्षतिग्रस्‍त, पांच घायल

देहरादून: सहस्रधारा क्षेत्र में भारी वर्षा (Heavy Rain) के बीच हुए भूस्खलन से हड़कंप मच गया। पहाड़ी से मलबा आने से तीन मकान क्षतिग्रस्‍त हो गए।। जबकि, चार मवेशी दबकर मर गए। वहीं, एक आटो भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया। गनीमत रही कि समय रहते तीनों मकान खाली करा लिए गए।

बुधवार शाम को सहस्रधारा क्षेत्र में भारी वर्षा हुई। इसी दौरान ब्रह्मपुरी में भूस्खलन (Landslide) के कारण एक पहाड़ी दरक गई। जिसका मलबा रिहायशी क्षेत्र में आ गया। भारी मात्रा में आए मलबे के नीचे तीन मकान क्षतिग्रस्‍त हो गए। जबकि, आसपास भी क्षति पहुंची है।

क्षेत्रवासी अनु पयाल ने बताया कि सुरकंडा माता मंदिर के पास पहाड़ी दरकने की आवाज से क्षेत्र में हड़कंप मच गया। शाम का समय होने के कारण सभी लोग बाहर खुले में आ गए। हालांकि, घर और उसके साथ अंदर का सारा सामान मलबे की चपेट में आ गया।

आरोप है कि पास ही कुछ लोग अवैध प्लाटिंग कर रहे हैं। जिसके लिए पहाड़ी को काटा जा रहा है। इसी वजह से पहाड़ी से भूस्खलन हुआ। सूचना मिलने पर पुलिस और एसडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गईं। साथ ही प्रशासन की टीम ने भी नुकसान का आकलन किया। मलबे को हटाने का कार्य देर रात तक जारी रहा।

वहीं, भारी वर्षा के कारण आसपास के मार्गों पर भी मलबा आने से आवाजाही प्रभावित हुई। इधर, सहस्रधारा रोड पर कई स्थानों पर भारी वर्षा के कारण पानी बहने लगा और वाहनों की आवाजाही में रुकावट बनी।

ऋषिकेश और हरिद्वार के मध्य वाया चीला मार्ग पर स्थित बीन नदी में उफान आने से यहां यातायात को रोक दिया गया। दोनों और से फंसे लोग को नदी पार कराने के लिए ट्रैक्टर ट्राली की मदद ली गई। जनपद पौड़ी गढ़वाल के यमकेश्वर प्रखंड में वर्षा के कारण छोटे नदी और नालों में आने वाला पानी बीन नदी में मिल जाता है।

बीती मंगलवार की रात हरिद्वार से ऋषिकेश आ रही एक कार नदी के उफान में फंस गई थी। एसडीआरएफ ने रेस्क्यू कर कार सहित तीन लोग को सकुशल बाहर निकाला था। बुधवार की सुबह बीन नदी में फिर से उफान आ गया। पिछली घटना से सबक लेते हुए लक्ष्मण झूला पुलिस की ओर से बैराज पुलिस पिकेट और चीला पुलिस चौकी को अलर्ट कर दिया गया।

थाना प्रभारी निरीक्षक संतोष सिंह कुंवर ने बताया कि नदी में अचानक पानी बढ़ जाने के कारण यहां यातायात रोक दिया गया था। नीलकंठ महादेव मंदिर में आने वाले श्रद्धालु इस मार्ग के जरिया आवागमन करते हैं। स्थानीय लोग भी बड़ी संख्या में इसी मार्ग से जाते हैं। जिन्हें पुलिस की ओर से रोक दिया गया।

स्थानीय लोग जो नदी के दोनों और फंसे हुए थे उन्हें ट्रैक्टर ट्राली की मदद से नदी पार कराया गया। ऋषिकेश में भी चंद्रभागा नदी का जलस्तर अचानक बढ़ गया। केंद्रीय जल आयोग के मुताबिक ऋषिकेश में गंगा चेतावनी रेखा से 90 सेंटीमीटर नीचे बह रही है।

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