रामलीला महोत्सव का कामगार दिवस के रूप में मनाया गया शुभारंभ
देहरादून :श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952 देहरादून (पंजी)” द्वारा उत्तराखंड की प्राचीन गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी पुरानी टिहरी की 1952 से होने वाली प्राचीन रामलीला को टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में पुनर्जीवित करने का संकल्प लिया है और इस हेतु इस वर्ष देहरादून के “श्री गुरु नानक मैदान रेसकोर्स” में भव्य रामलीला महोत्सव 2025 का मानसून चार दिन नवरात्रों में 22 से 3 अक्टूबर 2025 तक किया जा रहा है।
” श्री रामकृष्ण लीला समिति टिहरी 1952, देहरादून” द्वारा की रामलीला–नवम दिवस में आज लक्ष्मण शक्ति व उड़ते हुए हनुमान के साथ हुआ भव्य रामलीला का मंचन। मेघनाथ ने “लेजर की लक्ष्मण शक्ति” से लक्ष्मण को मूर्छित किया और “उड़ते हुए हनुमान संजीवनी लेकर” आए, इन दृश्यों पर दर्शकों की तालियों से पंडाल गूंज गया।
पौराणिक रामलीला की तरह रामलीला का सबसे जानदार संवाद “लक्ष्मण–मेघनाथ” का मंचन उन्ही चौपाइयों व गानों के साथ हुआ। कलाकारों में रावण–नरेश कुमार, मेघनाथ – जीतेन्द्र घई, व राम – अनिल नौटियाल, लक्ष्मण – शिवम गिरी ने मंचन में अपने अभिनय से जान डाल दी।
कार्यक्रम में अध्यक्ष अभिनव थापर, अतिथिगणों में, डॉ राजेन्द्र डोभाल – VC स्वामी राम हिमालय यूनिवर्सिटी, नई टिहरी रामलीला समिति के अध्यक्ष देवेंद्र नौडियाल, मनोज राय व अन्य सदस्य, जॉलीग्रांट, सुनील कुमार जैन – चेयरमैन तुलास ग्रुप, ऑटो यूनियन देहरादून के अध्यक्ष पंकज अरोड़ा को समिति द्वारा सम्मानित किया गया। रामलीला समिति के अमित पंत, गिरीश पैन्यूली, दुर्गा भट्ट, अजय पैन्यूली, डॉ नितिन डंगवाल, नीता बहुगुणा, शशि पैन्यूली, आदि ने भाग लिया।
उत्तराखंड की प्राचीन व गढ़वाल की ऐतिहासिक राजधानी रामलीला 1952 से पुरानी टिहरी की रामलीला को टिहरी के जलमग्न होने के बाद देहरादून में हमने इसको भव्य रूप से पुनर्जीवित किया। 2024 में आयोजित भव्य रामलीला को विभिन्न माध्यमों से 55 लाख से अधिक दर्शकों ने देखा।
विशेष आकर्षण के रूप में इस वर्ष उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार Laser और Sound Show का प्रसारण किया जाएगा, जिससे गढ़वाल के इतिहास को भव्य रूप से पुनर्जीवित करने का मौका मिलेगा और आने वाली पीढियां के लिए मनोरंजन से अपने इतिहास और सनातन धर्म की परंपराओं के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलेगा।
इस बार रामलीला महोत्सव में रामलीला मंचन के साथ उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का भी समागम होगा जिसमें प्रदेश के कोने-कोने से कलाकार अपनी कला की छटा भी बिकेंगे। इस बार रामलीला में सांस्कृतिक समागम हेतु भजन संध्या व उत्तराखंड के पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा।
इस वर्ष रामलीला मंचन के साथ भव्य मेला भव्य कलश यात्रा व 2 अक्टूबर को रावण कुंभकरण मेघनाथ व लंका के पारंपरिक पुतला दहन का विशेष कार्यक्रम किया जाएगा। इस बार 2025 में उत्तराखंड के इतिहास में पहली बार Digital Live Telecast System से रामलीला मंचन का प्रसारण को 75 लाख से अधिक दर्शकों द्वारा देखा जाएगा।